जयपुर. पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने केंद्र सरकार पर गुरुवार को जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की हठधर्मिता और विभाजनकारी नीतियों से देश में माहौल खराब है. सिन्हा ने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने नागरिकता संशोधन कानून पर रोक लगाने का मौका खो दिया.
केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ कई सामाजिक संगठन मिलकर देश भर में गांधी शांति यात्रा निकाल रहे हैं. यह यात्रा 9 जनवरी को मुंबई के गेटवे ऑफ इंडिया से शुरू हुई जो महाराष्ट्र, गुजरात और राजस्थान के कई जिलों से होते हुए गुरुवार को जयपुर पहुंची. इसके साथ पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा और ज्वाइंट एक्शन फोरम के संयोजक हाफिज मंजूर अली खान भी जयपुर पहुंचे.
जयपुर के प्रेस क्लब में मीडिया से रूबरू होते हुए यशवंत सिन्हा ने कहा कि देश में अमन चैन की स्थापना के लिए यह यात्रा निकाली जा रही है. इसके जरिए केंद्र सरकार से नागरिकता संशोधन कानून वापस लेने और एनआरसी नहीं लाने की मांग की जा रही है.
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सिन्हा ने नागरिकता संशोधन कानून को लेकर कहा कि सुप्रीम कोर्ट में कानून को लेकर सुनवाई हुई, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने कानून पर रोक लगाने का मौका खो दिया. सुप्रीम कोर्ट रोक लगाती तो देश में अमन शांति का माहौल बनाने में सहयोग होता. यशवंत सिन्हा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक जिम्मेदारी ही नहीं है, उसकी एक सामाजिक जिम्मेदारी भी है.
सरकार नागरिकता संशोधन कानून को लेकर अटल है, लेकिन एक्ट में जो बात लिखी है उसे नियमों में लागू नहीं किया जा सकता. लेकिन मुद्दों से ध्यान भटकाने का काम पूरी तरह से किया जा रहा है. इसलिए केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ देशभर में गांधी शांति यात्रा निकाली जा रही है.
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उन्होंने कहा कि यात्रा के पीछे हम लोगों के तीन मुख्य मकसद हैं. पहला यह कि काला कानून जो सरकार ने बनाया है, उसे सरकार वापस ले. दूसरा यह कि सरकार संसद के भीतर घोषणा करे कि पूरे देश में एनआरसी नहीं लाई जाएगी. तीसरा यह कि देश में जो हिंसा हुई है, खास तौर पर भाजपा शासित राज्य में उसकी जल्द से जल्द जांच करवाई जाए, ताकि दोषियों को दंडित किया जा सके.