जयपुर. दुष्कर्म पीड़िता को लेकर गोवा के मुख्यमंत्री की टिप्पणी से मामला गरमा गया है. प्रकरण में राजस्थान कांग्रेस की पूर्व उपाध्यक्ष अर्चना शर्मा ने गोवा के मुख्यमंत्री पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा है कि सीएम की यह टिप्पणी महिलाओं के प्रति उनकी संकीर्ण मानसिकता और ओछी सोच को दर्शाती है. ऐसे नेताओं को पद छोड़ देना चाहिए.
गोवा में एक समुद्र तट पर दो नाबालिग लड़कियों के साथ कथित सामूहिक दुष्कर्म के मामले में मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत (CM Promod Sawant) की राज्य विधानसभा क्षेत्र में की गई टिप्पणी से वे पूरे देश की महिलाओं के निशाने पर आ गए हैं. उस टिप्पणी पर उन्होंने कथित तौर पर कहा था कि माता-पिता को यह आत्ममंथन करने की जरूरत है कि उनके बच्चे रात में इतनी देर तक समुद्र तट पर क्यों थे. मुख्यमंत्री के इस बयान के विरोध में पूरे देश से प्रतिक्रियाएं आ रहीं हैं.
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राजस्थान कांग्रेस की पूर्व उपाध्यक्ष रहीं अर्चना शर्मा ने कहा कि गोवा के मुख्यमंत्री का दुष्कर्म पीड़िताओं को लेकर दिया गया बयान महिलाओं के प्रति उनकी असंवेदनशीलता को बताता है. इसके साथ ही उनकी महिलाओं के प्रति संकीर्ण मानसिकता का भी परिचायक है, जो कि महिला विरोधी है.
अर्चना शर्मा ने कहा कि ऐसा बयान देकर मुख्यमंत्री ने दो गलत काम किए हैं, एक तो उन्होंने अपने पद की गरिमा का हनन किया और दूसरा उन्होंने यह साबित कर दिया कि वह ऐसे अपराधियों को गलत नहीं मानते हैं. इस बयान से अपराधियों के हौसले गोवा में और बुलंद होंगे ही, मुख्यमंत्री की ओर से लोगों में यह मैसेज जाएगा कि वह अपनी जिम्मेदारी का सही से निर्वहन नहीं कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि ऐसे नेताओं को अपने पद पर रहने का कोई हक नहीं है. उन्हें अपने पद से त्यागपत्र दे देना चाहिए. अर्चना शर्मा ने कहा कि इस बयान ने साफ कर दिया है कि गोवा महिलाओं के लिए सुरक्षित नहीं है.