ETV Bharat / city

राजस्थान के पूर्व CM और बिहार-हरियाणा के पूर्व राज्यपाल रहे जगन्नाथ पहाड़िया का कोरोना से निधन, आज एक दिन का राजकीय शोक

राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री और हरियाणा के पूर्व राज्यपाल जगन्नाथ पहाड़िया का कोरोना से निधन हो गया. पहाड़िया गुड़गांव के एक अस्पताल में भर्ती थे जहां बुधवार देर रात को उन्होंने अंतिम सांस ली. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने तो पहाड़िया के निधन को अपनी व्यक्तिगत क्षति बताया है.

जगन्नाथ पहाड़िया का कोरोना से निधन, Jagannath Pahadia dies from Corona
राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ पहाड़िया
author img

By

Published : May 20, 2021, 7:12 AM IST

Updated : May 20, 2021, 7:23 AM IST

जयपुर. राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री और हरियाणा के पूर्व राज्यपाल जगन्नाथ पहाड़िया का कोरोना से निधन हो गया. पहाड़िया गुड़गांव के एक अस्पताल में भर्ती थे जहां बुधवार देर रात को उन्होंने अंतिम सांस ली.

जगन्नाथ पहाड़िया का कोरोना से निधन, Jagannath Pahadia dies from Corona
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट कर जताया शोक

पहाड़िया के निधन पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, प्रदेश प्रभारी अजय माकन, डिप्टी सीएम सचिन पायलट सहित कांग्रेस-भाजपा के कई नेताओं ने शोक जताया है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने तो पहाड़िया के निधन को अपनी व्यक्तिगत क्षति बताया है.

राजकीय शोक की घोषणाः

जगन्नाथ पहाड़िया के निधन पर राजस्थान सरकार ने एक दिन के राजकीय शोक और सरकारी दफ्तरों में छुट्टी की घोषणा की है. सरकारी इमारतों पर राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा. पहाड़िया का राजकीय सम्मान से अंतिम संस्कार होगा. गुरुवार को दोपहर 12 बजे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद की बैठक बुलाई है जिसमें पहाड़िया को श्रद्धांजलि दी जाएगी.

जगन्नाथ पहाड़िया का कोरोना से निधन, Jagannath Pahadia dies from Corona
पुर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने भी ट्वीट कर जताया शोक

लागू किया प्रदेश में पूर्ण शराबबंदीः

जगन्नाथ पहाड़िया केवल 13 महीने के लिए ही मुख्यमंत्री रहे. पहाड़िया 6 जून 1980 से 14 जुलाई 1981 तक 13 महीने ही राजस्थान के सीएम रहे, लेकिन अपने 13 महीने के छोटे से कार्यकाल में पहाड़िया ने प्रदेश में पूरी तरह शराबबंदी लागू की.

जगन्नाथ पहाड़िया का कार्यकालः

पहाड़िया साल 1957, 196, 1971 और 1980 में चार बार सांसद और साल 1980, 1985, 1999 और 2003 में विधायक रहे. पहाड़िया इंदिरा गांधी कैबिनेट में मंत्री भी रहे. उनके पास वित्त, उद्योग, श्रम, कृषि जैसे विभाग रहे. वे वर्ष 1989 से 90 तक एक साल के लिए बिहार और वर्ष 2009 से 2014 तक हरियाणा के राज्यपाल भी रहे.

जगन्नाथ पहाड़िया का कोरोना से निधन, Jagannath Pahadia dies from Corona
अजय माकन ने भी जताया शोक

जब नेहरु ने पूछा था प्रदेश का हालः

भरतपुर के भुसावर में एक दलित परिवार में पैदा हुए पहाड़िया शुरू से ही बेबाक थे. उनकी बेबाकी ही उनके राजनीति में आने का कारण बनी. बताया जाता है कि वर्ष 1957 में उस समय के दिग्गज नेता मास्टर आदित्येंद्र जगन्नाथ पहाड़िया को तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू से मिलाने ले गए. उस वक्त पहाड़िया की उम्र केवल 25 साल थी. पंडित नेहरू ने युवा पहाड़िया से देश प्रदेश के हालात के बारे में पूछा. पहाड़िया ने बेबाकी से कहा था कि बाकी तो सब ठीक है लेकिन दलितों को रिप्रजेंटेशन नहीं मिल रहा. इस पर पंडित नेहरू ने उन्हें चुनाव लड़ने को कहा, वे तत्काल तैयार हो गए.

जगन्नाथ पहाड़िया का कोरोना से निधन, Jagannath Pahadia dies from Corona
सचिन पायलट ने जताया शोक

संजय गांधी के थे करीबीः

साल 1957 के चुनाव में जो देश का दूसरा आम चुनाव था पहाड़िया सवाईमाधोपुर से सांसद का चुनाव जीते. जगन्नाथ पहाड़िया संजय गांधी के बहुत करीब थे. उनके मुख्यमंत्री बनने का सबसे बड़ा कारण उनकी संजय गांधी से करीबी होना ही था. इंदिरा गांधी के भी नजदीक थे, संजय गांधी के निधन के बाद उनकी धमक कम हो गई, हांलाकि वे वर्ष 2008 तक सक्रिय राजनीति में रहे. मुख्यमंत्री पद से हटने की भी रोचक कहानी1980 में पहाड़िया केवल 13 महीने मुख्यमंत्री रहे थे.

जगन्नाथ पहाड़िया का कोरोना से निधन, Jagannath Pahadia dies from Corona
पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने भी जताया शोक

कैसे हटे मुख्यमंत्री के पद सेः

उन्हें मुख्यमंत्री पद से हटाने का किस्सा भी काफी रोचक है. जयपुर में लेखकों के एक सम्मेलन में सीएम के तौर पर पहाड़िया को बुलाया गया था. उस कार्यक्रम में मशहूर कवयित्री महादेवी वर्मा भी मौजूद थीं. पहाड़िया ने महादेवी वर्मा की कविताओं के बारे में कहा था कि महादेवी वर्मा की कविताएं मेरे कभी समझ नहीं आईं कि वे क्या कहना चाहती हैं. उनकी कविताएं आम लोगों के सिर के ऊपर से निकल जाती हैं, मुझे भी कुछ समझ में नहीं आतीं. साहित्य आम आदमी को समझ आए ऐसा होना चाहिए. पहाड़िया की इस टिप्पणी के बारे में महादेवी वर्मा ने इंदिरा गांधी से शिकायत की थी और उसके बाद पहाड़िया को सीएम पद छोड़ना पड़ा था.

जयपुर. राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री और हरियाणा के पूर्व राज्यपाल जगन्नाथ पहाड़िया का कोरोना से निधन हो गया. पहाड़िया गुड़गांव के एक अस्पताल में भर्ती थे जहां बुधवार देर रात को उन्होंने अंतिम सांस ली.

जगन्नाथ पहाड़िया का कोरोना से निधन, Jagannath Pahadia dies from Corona
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट कर जताया शोक

पहाड़िया के निधन पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, प्रदेश प्रभारी अजय माकन, डिप्टी सीएम सचिन पायलट सहित कांग्रेस-भाजपा के कई नेताओं ने शोक जताया है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने तो पहाड़िया के निधन को अपनी व्यक्तिगत क्षति बताया है.

राजकीय शोक की घोषणाः

जगन्नाथ पहाड़िया के निधन पर राजस्थान सरकार ने एक दिन के राजकीय शोक और सरकारी दफ्तरों में छुट्टी की घोषणा की है. सरकारी इमारतों पर राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा. पहाड़िया का राजकीय सम्मान से अंतिम संस्कार होगा. गुरुवार को दोपहर 12 बजे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद की बैठक बुलाई है जिसमें पहाड़िया को श्रद्धांजलि दी जाएगी.

जगन्नाथ पहाड़िया का कोरोना से निधन, Jagannath Pahadia dies from Corona
पुर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने भी ट्वीट कर जताया शोक

लागू किया प्रदेश में पूर्ण शराबबंदीः

जगन्नाथ पहाड़िया केवल 13 महीने के लिए ही मुख्यमंत्री रहे. पहाड़िया 6 जून 1980 से 14 जुलाई 1981 तक 13 महीने ही राजस्थान के सीएम रहे, लेकिन अपने 13 महीने के छोटे से कार्यकाल में पहाड़िया ने प्रदेश में पूरी तरह शराबबंदी लागू की.

जगन्नाथ पहाड़िया का कार्यकालः

पहाड़िया साल 1957, 196, 1971 और 1980 में चार बार सांसद और साल 1980, 1985, 1999 और 2003 में विधायक रहे. पहाड़िया इंदिरा गांधी कैबिनेट में मंत्री भी रहे. उनके पास वित्त, उद्योग, श्रम, कृषि जैसे विभाग रहे. वे वर्ष 1989 से 90 तक एक साल के लिए बिहार और वर्ष 2009 से 2014 तक हरियाणा के राज्यपाल भी रहे.

जगन्नाथ पहाड़िया का कोरोना से निधन, Jagannath Pahadia dies from Corona
अजय माकन ने भी जताया शोक

जब नेहरु ने पूछा था प्रदेश का हालः

भरतपुर के भुसावर में एक दलित परिवार में पैदा हुए पहाड़िया शुरू से ही बेबाक थे. उनकी बेबाकी ही उनके राजनीति में आने का कारण बनी. बताया जाता है कि वर्ष 1957 में उस समय के दिग्गज नेता मास्टर आदित्येंद्र जगन्नाथ पहाड़िया को तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू से मिलाने ले गए. उस वक्त पहाड़िया की उम्र केवल 25 साल थी. पंडित नेहरू ने युवा पहाड़िया से देश प्रदेश के हालात के बारे में पूछा. पहाड़िया ने बेबाकी से कहा था कि बाकी तो सब ठीक है लेकिन दलितों को रिप्रजेंटेशन नहीं मिल रहा. इस पर पंडित नेहरू ने उन्हें चुनाव लड़ने को कहा, वे तत्काल तैयार हो गए.

जगन्नाथ पहाड़िया का कोरोना से निधन, Jagannath Pahadia dies from Corona
सचिन पायलट ने जताया शोक

संजय गांधी के थे करीबीः

साल 1957 के चुनाव में जो देश का दूसरा आम चुनाव था पहाड़िया सवाईमाधोपुर से सांसद का चुनाव जीते. जगन्नाथ पहाड़िया संजय गांधी के बहुत करीब थे. उनके मुख्यमंत्री बनने का सबसे बड़ा कारण उनकी संजय गांधी से करीबी होना ही था. इंदिरा गांधी के भी नजदीक थे, संजय गांधी के निधन के बाद उनकी धमक कम हो गई, हांलाकि वे वर्ष 2008 तक सक्रिय राजनीति में रहे. मुख्यमंत्री पद से हटने की भी रोचक कहानी1980 में पहाड़िया केवल 13 महीने मुख्यमंत्री रहे थे.

जगन्नाथ पहाड़िया का कोरोना से निधन, Jagannath Pahadia dies from Corona
पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने भी जताया शोक

कैसे हटे मुख्यमंत्री के पद सेः

उन्हें मुख्यमंत्री पद से हटाने का किस्सा भी काफी रोचक है. जयपुर में लेखकों के एक सम्मेलन में सीएम के तौर पर पहाड़िया को बुलाया गया था. उस कार्यक्रम में मशहूर कवयित्री महादेवी वर्मा भी मौजूद थीं. पहाड़िया ने महादेवी वर्मा की कविताओं के बारे में कहा था कि महादेवी वर्मा की कविताएं मेरे कभी समझ नहीं आईं कि वे क्या कहना चाहती हैं. उनकी कविताएं आम लोगों के सिर के ऊपर से निकल जाती हैं, मुझे भी कुछ समझ में नहीं आतीं. साहित्य आम आदमी को समझ आए ऐसा होना चाहिए. पहाड़िया की इस टिप्पणी के बारे में महादेवी वर्मा ने इंदिरा गांधी से शिकायत की थी और उसके बाद पहाड़िया को सीएम पद छोड़ना पड़ा था.

Last Updated : May 20, 2021, 7:23 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.