जयपुर. गहलोत सरकार (Gehlot Government) ने रिश्वत के रूप में परिवादी महिला से उसकी 'अस्मत' मांगने के आरोपी और पूर्व आरपीएस अधिकारी कैलाश बोहरा को शुक्रवार को सेवा से बर्खास्त कर दिया. राज्यपाल से मंजूरी मिलने के बाद सरकार ने बोहरा को सेवा से बर्खास्त करने का आदेश जारी किया है. बोहरा को बीते 20 मार्च से ही सेवा से अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी गई थी.
बता दें, भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (Anti Corruption Bureau) ने जयपुर पुलिस आयुक्तालय की महिला अत्याचार अनुसंधान यूनिट में तैनात सहायक पुलिस आयुक्त (पुलिस उप अधीक्षक) कैलाश बोहरा को रिश्वत के रूप में अस्मत मांगने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. परिवादी महिला ने शिकायत दी थी कि उसके द्वारा दर्ज कराए गए रेप सहित तीन मामलों की जांच बोहरा द्वारा की जा रही है. परिवादी के अनुसार बोहरा ने उसके पक्ष में कार्रवाई के लिए पैसे मांगे और अतत: रिश्वत के रूप में उसकी 'अस्मत' की मांग की.
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बताते चलें, यह मामला राजस्थान विधानसभा में भी उठा. जहां संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने इस मामले को अत्यंत गंभीर (रेयर आफ द रेयरेस्ट) करार दिया था. उसके बाद 20 मार्च को राज्य के प्रमुख गृह सचिव अभय कुमार को एक आदेश जारी किया गया. इसके अनुसार लोकहित को देखते हुए बोहरा को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गई थी.
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प्रशासनिक सुधार विभाग की उच्च स्तरीय स्थाई समिति की सिफारिश पर पूर्व आरपीएस अधिकारी बोहरा को राजस्थान सिविल सेवा (पेंशन) नियम 1996 के तहत सेवा से अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गई है. ऐसे में सरकार का तर्क था, तय नियमों के तहत बोहरा की बर्खास्तगी की प्रक्रिया की जाएगी.