जयपुर. वैश्विक महामारी कोरोना संकट के दौरान राजस्थान के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एसएमएस अस्पताल में गुपचुप तरीके से बढ़ाई गई जांचों के दरों का विरोध तेज हो गया है. पूर्व चिकित्सा मंत्री कालीचरण सराफ ने अस्पताल प्रशासन के इस निर्णय पर कड़ी आपत्ति दर्ज कराते हुए सरकार से बढ़ी हुई दरें वापस लेने की मांग की है.
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भाजपा विधायक कालीचरण सराफ ने आरोप लगाया कि भामाशाह कार्ड रिन्यू नहीं हो रहे हैं और निजी अस्पतालों में बीमित मरीजों का उपचार नहीं हो पा रहा है. ऐसे में यदि सरकारी अस्पताल में भी विभिन्न जांचों की दरें बढ़ा दी जाएगी तो गरीब और मध्यमवर्गीय मरीजों की स्थिति और खराब हो जाएगी. सराफ के अनुसार एसएमएस अस्पताल में कार्डियो गैस्ट्रो सहित 10 जांचों की कीमत में 50 प्रतिशत की वृद्धि की गई है, जिसे वापस रोका जाए, ताकि आमजन को संकट के इस दौर में राहत मिल पाए.
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पूर्व चिकित्सा मंत्री के अनुसार अस्पताल का यह फैसला मरीजों के लिए कष्टदायक है, क्योंकि कुछ समय पहले ही आईसीयू और बेड के चार्ज भी बढ़ाए गए थे, लेकिन कोरोना के कारण चल रहे लॉकडाउन में गरीब, दिहाड़ी मजदूर, छोटे व्यापारी, प्राइवेट नौकरी पेशा और मध्यम वर्ग के लोग भयंकर आर्थिक संकट से गुजर रहे हैं. ऐसे में उनका उपचार और सभी जांचें निशुल्क होना चाहिए. इसके बावजूद एसएमएस अस्पताल में जांचों की न्यूनतम दरें भी बढ़ा दी गई है, जो इन मरीजों के साथ अन्याय है.