नई दिल्ली/जयपुर. अलवर में भीड़तंत्र का शिकार हुए पहलू खान मामले में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि उनके परिवार को न्याय दिलाना हमारी जिम्मेदारी है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने साजिश के तहत दोषियों को बचाने के लिए गलत एफआईआर दर्ज करवाई थी.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि आरोपियों को बचाने के लिए न तो उनकी शिनाख्त परेड कराई गई और ना ही एफएसएल की रिपोर्ट मंगाई गई. बस चालान पेश कर दिया. हमने जांच के लिए एसआईटी का गठन किया है. ऐसे में उम्मीद है कि पहलू खान को जल्द न्याय मिलेगा.
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पहलू खां मामला देश में मॉब लिचिंग की घटना का प्रतीक
बता दें कि बुधवार को राजस्थान हाईकोर्ट ने पहलू खान प्रकरण में मुकदमें रद्द किए हैं. गुरूवार को सीएम अशोक गहलोत दिल्ली में थे. वहां उन्होंने मीडिया के सामने बायन दिया कि आज पहलू खान मॉब लिचिंग का प्रतीक बन गया है. जब-जब भी देश में मॉब लिचिंग की घटनाएं होंगी, तब-तब पहलू खां सबको याद आएगा. न्यायपालिका, नौकरशाह और पुलिस सबको याद आएगी. इसलिए राजस्थान सरकार की प्राथमिकता है कि पहलू खान के परिवार को न्याय मिले और दोषियों को सजा.
इस दौरन उन्होंने राजस्थान पुलिस की कार्य प्रणाली पर भी सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा पुलिस ने भी जान बूझकर दोषियों को बचाने के लिए काम किया है. इस मामले में एसआईटी अपनी रिपोर्ट तैयार कर रही है. दोषियों को बचाने वाले पुलिसकर्मियों पर भी सख्त कार्रवाई की जाएगी.
गृह मंत्रालय ने अटका रखी हैं दो फाइलें
इस दौरान सीएम गहलोत ने कहा कि मॉब लिचिंग और ऑनर किलिंग पर कानून बनाने वाला राजस्थान पहला राज्य है. लेकिन दोनों ही फाइलें केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने अटका रखी हैं. क्या कारण है कि फाइल को अटका रखा है, अभी तक फाइल राष्ट्रपति तक नहीं पहुंची है. इसका कारण क्या है यह जवाब केंद्र सरकार और गृह मंत्री अमित शाह को देना चाहिए.
हाईकोर्ट का फैसला सही
गहलोत ने कहा कि पहलू खान मामले में हाईकोर्ट का फैसला सही है. तत्कालीन सरकार ने पहलू खां को मारने वाले आरोपियों को सजा देने की बजाय आरोपियों को बचाने का काम किया. पहलू खान के परिवार के खिलाफ गौ तस्करी के झूठे मुकदमे दर्ज कराए. हमारी सरकार आते ही पुलिस ने षड़यंत्र के तहत चुपचाप कोर्ट में चालान पेश कर दिया, जिस पर बुधवार को हाईकोर्ट ने पुलिस की एफआईआर को ही रद्द करते हुए इसे शर्मनाक बताया.