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राजा मानसिंह हत्याकांड के आरोपी पूर्व सीओ कान सिंह भाटी ने इलाज के दौरान तोड़ा दम

राजस्थान के बहुचर्चित राजा मानसिंह हत्याकांड के आरोपी पूर्व सीओ कान सिंह भाटी की जयपुर के अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई. 22 जुलाई को मानसिंह हत्याकांड के आरोप में 11 पुलिसकर्मियों को मथुरा जिला न्यायालय कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी.

Raja Mansingh accused in murder case,  Raja Mansingh Massacre
राजा मानसिंह हत्याकांड के आरोपी पूर्व सीओ कान सिंह भाटी
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Published : Sep 12, 2020, 7:16 PM IST

मथुरा/जयपुर. राजस्थान के बहुचर्चित राजा मानसिंह हत्याकांड के आरोपी पूर्व सीओ कान सिंह भाटी की जयपुर के अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई. कान सिंह भाटी समेत 11 पुलिसकर्मियों को मथुरा जिला न्यायालय कोर्ट ने 22 जुलाई को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. 21 फरवरी 1985 को भरतपुर के डींग में राजा मानसिंह की कथित एनकाउंटर में मौत हुई थी.

22 जुलाई को राजस्थान के राजा मानसिंह हत्याकांड के आरोप में 11 पुलिसकर्मियों को मथुरा जिला न्यायालय कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई, जिसमें पूर्व सीओ कान सिंह भाटी भी थे. मथुरा जिला कारागार में आजीवन कारावास की सजा काट रहे कान सिंह भाटी की 7 दिन पहले अचानक तबीयत बिगड़ गई, जिन्हें उपचार के लिए जयपुर अस्पताल में भर्ती कराया गया. लेकिन शनिवार को दोपहर बाद पूर्व सीओ कान सिंह भाटी की इलाज के दौरान मौत हो गई.

क्या था मामला...

20 फरवरी 1985 को भरतपुर के डीग विधानसभा चुनाव में तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवचरण माथुर चुनाव प्रचार करने के लिए डीग पहुंचे. राजा मानसिंह के समर्थकों ने मुख्यमंत्री का हेलीकॉप्टर और मंच तोड़ दिया था. 20 फरवरी 1985 को राजा मानसिंह के खिलाफ राजस्थान के तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवचरण माथुर का हेलीकॉप्टर मंच तोड़ने की FIR डीग थाने में हुई.

पढ़ें- CM का हेलीकॉप्टर क्षतिग्रस्त होने से लेकर राजा मानसिंह के एनकाउंटर तक की पूरी कहानी.. चश्मदीदों की जुबानी

21 फरवरी 1985 को राजस्थान में चुनाव प्रचार चल रहा था. डीग विधानसभा क्षेत्र निर्दलीय उम्मीदवार राजा मानसिंह अपनी जोंगा जीप लेकर चुनाव प्रचार के लिए लाल कुंडा चुनाव कार्यालय पहुंचे, तभी पुलिस ने उन्हें घेर लिया और ताबड़तोड़ फायरिंग हुई. घटना में राजा मान सिंह और उनके साथी सुमेर सिंह और हरि सिंह की मौत हो गई. उनकी शव जोंगा जीप में मिली थी.

जेल अधीक्षक शैलेंद्र मैत्रय ने बताया कि जिला कारागार में बंद आजीवन कारावास की सजा काट रहे राजा मानसिंह हत्याकांड के आरोपी पूर्व सीईओ कान सिंह भाटी की शनिवार को जयपुर में इलाज के दौरान मौत हो गई. जयपुर के अस्पताल में करीब 7 दिनों से उनका इलाज चल रहा था.

मथुरा/जयपुर. राजस्थान के बहुचर्चित राजा मानसिंह हत्याकांड के आरोपी पूर्व सीओ कान सिंह भाटी की जयपुर के अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई. कान सिंह भाटी समेत 11 पुलिसकर्मियों को मथुरा जिला न्यायालय कोर्ट ने 22 जुलाई को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. 21 फरवरी 1985 को भरतपुर के डींग में राजा मानसिंह की कथित एनकाउंटर में मौत हुई थी.

22 जुलाई को राजस्थान के राजा मानसिंह हत्याकांड के आरोप में 11 पुलिसकर्मियों को मथुरा जिला न्यायालय कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई, जिसमें पूर्व सीओ कान सिंह भाटी भी थे. मथुरा जिला कारागार में आजीवन कारावास की सजा काट रहे कान सिंह भाटी की 7 दिन पहले अचानक तबीयत बिगड़ गई, जिन्हें उपचार के लिए जयपुर अस्पताल में भर्ती कराया गया. लेकिन शनिवार को दोपहर बाद पूर्व सीओ कान सिंह भाटी की इलाज के दौरान मौत हो गई.

क्या था मामला...

20 फरवरी 1985 को भरतपुर के डीग विधानसभा चुनाव में तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवचरण माथुर चुनाव प्रचार करने के लिए डीग पहुंचे. राजा मानसिंह के समर्थकों ने मुख्यमंत्री का हेलीकॉप्टर और मंच तोड़ दिया था. 20 फरवरी 1985 को राजा मानसिंह के खिलाफ राजस्थान के तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवचरण माथुर का हेलीकॉप्टर मंच तोड़ने की FIR डीग थाने में हुई.

पढ़ें- CM का हेलीकॉप्टर क्षतिग्रस्त होने से लेकर राजा मानसिंह के एनकाउंटर तक की पूरी कहानी.. चश्मदीदों की जुबानी

21 फरवरी 1985 को राजस्थान में चुनाव प्रचार चल रहा था. डीग विधानसभा क्षेत्र निर्दलीय उम्मीदवार राजा मानसिंह अपनी जोंगा जीप लेकर चुनाव प्रचार के लिए लाल कुंडा चुनाव कार्यालय पहुंचे, तभी पुलिस ने उन्हें घेर लिया और ताबड़तोड़ फायरिंग हुई. घटना में राजा मान सिंह और उनके साथी सुमेर सिंह और हरि सिंह की मौत हो गई. उनकी शव जोंगा जीप में मिली थी.

जेल अधीक्षक शैलेंद्र मैत्रय ने बताया कि जिला कारागार में बंद आजीवन कारावास की सजा काट रहे राजा मानसिंह हत्याकांड के आरोपी पूर्व सीईओ कान सिंह भाटी की शनिवार को जयपुर में इलाज के दौरान मौत हो गई. जयपुर के अस्पताल में करीब 7 दिनों से उनका इलाज चल रहा था.

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