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जयपुर: नेशनल हाईवे पर वन विभाग करेगा पौधारोपण, 5.25 करोड़ रुपए होगा खर्च

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Published : Apr 11, 2021, 8:56 PM IST

मनोहरपुर से दौसा नेशनल हाईवे पर मनोहरपुर से बहलोड़ और बहलोड़ से डांगरवाड़ा तक वन विभाग की ओर से पौधारोपण किया जाएगा. एनएचआई की ओर से 5.25 करोड़ रुपए के पौधारोपण का बजट वन विभाग को दिया गया है.

Jaipur news, trees on National Highway
नेशनल हाईवे पर वन विभाग करेगा पौधारोपण

जयपुर. मनोहरपुर से दौसा नेशनल हाईवे पर मनोहरपुर से बहलोड़ और बहलोड़ से डांगरवाड़ा तक वन विभाग की ओर से पौधारोपण किया जाएगा. एनएचआई की ओर से 5.25 करोड़ रुपए के पौधारोपण का बजट वन विभाग को दिया गया है, लेकिन वन विभाग के एक डिवीजन ने तो अभी तक पौधारोपण की शुरुआत ही नहीं की है. तो वहीं दूसरे डिवीजन ने कुछ हिस्से में पौधारोपण कर कामकाज को रोक दिया है. वन विभाग के अधिकारियों की मानें तो पौधारोपण का कामकाज रुकने का कारण पंचायत चुनाव और नगर निगम चुनाव था. दूसरी तरफ कोरोना संक्रमण के चलते कामकाज नहीं हो पाया. अब इस साल जुलाई माह में मानसून की शुरुआत में पौधारोपण करने की बात कही जा रही है. वन विभाग को नेशनल हाईवे पर करीब 22000 पौधों को लगाना है.

नेशनल हाईवे पर वन विभाग करेगा पौधारोपण

वन विभाग के उप वन संरक्षक उत्तर और उप वन संरक्षक वन्यजीव जयपुर दोनों डिवीजन को 46 किलोमीटर तक पौधारोपण का जिम्मा दिया गया है. उप वन संरक्षक उत्तर ने कुछ हिस्सों में पौधारोपण किया है, लेकिन उप वन संरक्षक वन्यजीव ने अभी तक पौधे भी नहीं खरीदे हैं. नेशनल हाईवे पर छायादार पौधे रोपे जाएंगे, जिससे हाईवे पर हरियाली नजर आएगी. उप वन संरक्षक वन्यजीव और उप वन संरक्षक उत्तर जयपुर को 46 किलोमीटर तक पौधारोपण करना है, जिसमें 6 किलोमीटर कलेक्टर में प्लांटेशन करना है. इनकी सुरक्षा के लिए कांटेदार फेंसिंग होगी. बाकी 40 किलोमीटर तक सिंघल रॉ में पौधे रोपे जाएंगे, जिसकी अभी तक वन विभाग के एक वन्यजीव डिवीजन ने कोई तैयारी नहीं की है.

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उप वन संरक्षक वन्यजीव डिवीजन ने तो अभी तक पौधे भी नहीं खरीदे. वन्यजीव डिवीजन पौधे खरीदने के लिए बाहर नर्सरी से पौधे खरीदने की बात कह रहा है, जबकि उप वन संरक्षक उत्तर जयपुर ने वन विभाग की नर्सरी से पौधे खरीद लिए हैं. इस साल जुलाई माह में मानसून के शुरुआत से पौधारोपण शुरू कर दिया जाएगा. करीब 22000 पौधे करीब 5 फीट से अधिक हाइट के लगाए जाएंगे. 13400 की संख्या में सीमेंट कंक्रीट के ट्री गार्ड सुरक्षा के लिए लगाए जाएंगे. 2020-21 से 2024-25 तारीख पौधारोपण कार्य पूरा करना है. एनएचआई की ओर से 5.25 करोड रुपए का पौधा रोपण के लिए बजट दिया गया है. पौधे वन विभाग नर्सरी उदयपुर, प्रतापगढ़, जयपुर की नर्सरी से खरीदे जाएंगे. शीशम, नीम, गुलमोहर, बड़, पीपल, सिरस, सेहतुत, गुल्लर समेत अन्य छायादार पेड़ पौधे लगाए जाएंगे.

वन विभाग के अधिकारियों की मानें तो नेशनल हाईवे से जुड़ते हुए ग्राम पंचायत के जन सहभागिता के सहयोग से एक वन सुरक्षा समिति भी बनाई जाएगी. उस सुरक्षा समिति की नजर में पौधा रोपण किए जाएंगे. सबसे बड़ी बात यह है कि उसी ग्राम पंचायत के लोगों को पौधारोपण के लिए रोजगार दिया जाएगा. इससे कोरोना से ग्रसित बेरोजगार लोगों को रोजगार भी मिलेगा. वन सुरक्षा समिति में सचिव पद के लिए वन विभाग का एक फॉरेस्टर, और अन्य सदस्य सरपंच और वार्ड पंच जोड़े जाएंगे.

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वन विभाग को पिछले साल से ही नेशनल हाईवे पर ग्रीन वैली बढ़ाने के लिए हजारों की संख्या में पौधारोपण करना था, लेकिन विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के चलते पौधारोपण की शुरुआत ही नहीं हो पाई. वन विभाग के अधिकारी बहानेबाजी करते नजर आ रहे हैं, जबकि एनएचआई की ओर से 50 प्रतिशत का बजट भी पौधारोपण के लिए दे दिया गया है. उसके बाद ही वन विभाग के अधिकारी हाथ पर हाथ धरे बैठे हुए हैं. मोबाइल अभी विभाग के अधिकारी जुलाई की मानसून की शुरुआत में पौधारोपण करने की बात कह रहे हैं.

जयपुर. मनोहरपुर से दौसा नेशनल हाईवे पर मनोहरपुर से बहलोड़ और बहलोड़ से डांगरवाड़ा तक वन विभाग की ओर से पौधारोपण किया जाएगा. एनएचआई की ओर से 5.25 करोड़ रुपए के पौधारोपण का बजट वन विभाग को दिया गया है, लेकिन वन विभाग के एक डिवीजन ने तो अभी तक पौधारोपण की शुरुआत ही नहीं की है. तो वहीं दूसरे डिवीजन ने कुछ हिस्से में पौधारोपण कर कामकाज को रोक दिया है. वन विभाग के अधिकारियों की मानें तो पौधारोपण का कामकाज रुकने का कारण पंचायत चुनाव और नगर निगम चुनाव था. दूसरी तरफ कोरोना संक्रमण के चलते कामकाज नहीं हो पाया. अब इस साल जुलाई माह में मानसून की शुरुआत में पौधारोपण करने की बात कही जा रही है. वन विभाग को नेशनल हाईवे पर करीब 22000 पौधों को लगाना है.

नेशनल हाईवे पर वन विभाग करेगा पौधारोपण

वन विभाग के उप वन संरक्षक उत्तर और उप वन संरक्षक वन्यजीव जयपुर दोनों डिवीजन को 46 किलोमीटर तक पौधारोपण का जिम्मा दिया गया है. उप वन संरक्षक उत्तर ने कुछ हिस्सों में पौधारोपण किया है, लेकिन उप वन संरक्षक वन्यजीव ने अभी तक पौधे भी नहीं खरीदे हैं. नेशनल हाईवे पर छायादार पौधे रोपे जाएंगे, जिससे हाईवे पर हरियाली नजर आएगी. उप वन संरक्षक वन्यजीव और उप वन संरक्षक उत्तर जयपुर को 46 किलोमीटर तक पौधारोपण करना है, जिसमें 6 किलोमीटर कलेक्टर में प्लांटेशन करना है. इनकी सुरक्षा के लिए कांटेदार फेंसिंग होगी. बाकी 40 किलोमीटर तक सिंघल रॉ में पौधे रोपे जाएंगे, जिसकी अभी तक वन विभाग के एक वन्यजीव डिवीजन ने कोई तैयारी नहीं की है.

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उप वन संरक्षक वन्यजीव डिवीजन ने तो अभी तक पौधे भी नहीं खरीदे. वन्यजीव डिवीजन पौधे खरीदने के लिए बाहर नर्सरी से पौधे खरीदने की बात कह रहा है, जबकि उप वन संरक्षक उत्तर जयपुर ने वन विभाग की नर्सरी से पौधे खरीद लिए हैं. इस साल जुलाई माह में मानसून के शुरुआत से पौधारोपण शुरू कर दिया जाएगा. करीब 22000 पौधे करीब 5 फीट से अधिक हाइट के लगाए जाएंगे. 13400 की संख्या में सीमेंट कंक्रीट के ट्री गार्ड सुरक्षा के लिए लगाए जाएंगे. 2020-21 से 2024-25 तारीख पौधारोपण कार्य पूरा करना है. एनएचआई की ओर से 5.25 करोड रुपए का पौधा रोपण के लिए बजट दिया गया है. पौधे वन विभाग नर्सरी उदयपुर, प्रतापगढ़, जयपुर की नर्सरी से खरीदे जाएंगे. शीशम, नीम, गुलमोहर, बड़, पीपल, सिरस, सेहतुत, गुल्लर समेत अन्य छायादार पेड़ पौधे लगाए जाएंगे.

वन विभाग के अधिकारियों की मानें तो नेशनल हाईवे से जुड़ते हुए ग्राम पंचायत के जन सहभागिता के सहयोग से एक वन सुरक्षा समिति भी बनाई जाएगी. उस सुरक्षा समिति की नजर में पौधा रोपण किए जाएंगे. सबसे बड़ी बात यह है कि उसी ग्राम पंचायत के लोगों को पौधारोपण के लिए रोजगार दिया जाएगा. इससे कोरोना से ग्रसित बेरोजगार लोगों को रोजगार भी मिलेगा. वन सुरक्षा समिति में सचिव पद के लिए वन विभाग का एक फॉरेस्टर, और अन्य सदस्य सरपंच और वार्ड पंच जोड़े जाएंगे.

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वन विभाग को पिछले साल से ही नेशनल हाईवे पर ग्रीन वैली बढ़ाने के लिए हजारों की संख्या में पौधारोपण करना था, लेकिन विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के चलते पौधारोपण की शुरुआत ही नहीं हो पाई. वन विभाग के अधिकारी बहानेबाजी करते नजर आ रहे हैं, जबकि एनएचआई की ओर से 50 प्रतिशत का बजट भी पौधारोपण के लिए दे दिया गया है. उसके बाद ही वन विभाग के अधिकारी हाथ पर हाथ धरे बैठे हुए हैं. मोबाइल अभी विभाग के अधिकारी जुलाई की मानसून की शुरुआत में पौधारोपण करने की बात कह रहे हैं.

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