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CM गहलोत के निर्देश के बाद एक्शन में SOG, धोखाधड़ी करने वाली क्रेडिट काे-ऑपरेटिव सोसायटीज के खिलाफ फॉरेंसिक ऑडिट से होगी जांच - Rajasthan Home Department

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्देश के बाद एसओजी एक्शन में आ गई है. धोखाधड़ी करने वाली क्रेडिट काे-ऑपरेटिव सोसायटीज के खिलाफ पहली बार प्रदेश में फॉरेंसिक ऑडिट से जांच होगी.

Rajasthan Home Department,   Forensic audit investigation
राजस्थान सचिवालय
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Published : Feb 10, 2021, 4:45 PM IST

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्देश के बाद अब को-कॉपरेटिव सोसायटीज पर शिकंजा कसना तेज हो गया है. यही वजह है कि प्रदेश में वित्तीय लेन-देन के नाम पर हजारों-करोड़ रुपए की धोखाधड़ी करने वाली क्रेडिट काे-ऑपरेटिव सोसायटीज के खिलाफ पहली बार प्रदेश में फॉरेंसिक ऑडिट से जांच होगी. एसओजी ने इसका प्रस्ताव गृह विभाग को भेजा था. गृह विभाग ने अपनी मंजूरी देकर इसे वित्त विभाग को आगे बढ़ाया और अब वित्त विभाग के स्तर पर भी इसे मंजूरी दे दी गई है.

को-कॉपरेटिव सोसायटीज की आड़ में घोटाला करने वाले घोटालेबाजों की जड़ तक पहुंचने के लिए सरकार ने यह बड़ा कदम उठाया है. फॉरेंसिक ऑडिट के जरिए सरकार निवेशकों से धोखाधड़ी करने वाले मामलों में वित्तीय लेन-देन का पूरा ट्रैक रिकॉर्ड निकाला जाता है. यह जांच प्रक्रिया का ही एक हिस्सा है, जिसमें कंपनी के वित्तीय विवरण की जांच के दौरान अपनाए जाने वाले तौर-तरीकों का ही इस्तेमाल किया जाता है.

पढ़ें- राजस्थान में 24 फरवरी को पेश किया जाएगा बजट! BAC की बैठक में हुआ फैसला

फॉरेंसिक ऑडिट में किसी कंपनी के वित्तीय विवरण की जांच या मूल्यांकन के लिए एक निश्चित अवधि के दौरान हुए सभी लेन-देनों की जानकारी जुटाई जाती है. प्रदेश के विभिन्न थानों में क्रेडिट काे-ऑपरेटिव सोसायटीज की वित्तीय धोखाधड़ी के 1500 से ज्यादा मामले दर्ज हैं. सरकार के पास आदर्श, संजीवनी, नवजीवन, सहारा सहित अन्य मल्टी स्टेट सोसायटीज और स्टेट क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटीज के खिलाफ पैसा हड़पने की 75 हजार से अधिक शिकायतें हैं.

प्रमुख गृह सचिव अभय कुमार ने बताया कि एक फॉरेंसिक ऑडिट किसी फर्म या व्यक्तिगत वित्तीय जानकारी का एक ऐसा मूल्यांकन है, जिसका प्रयोग अदालत में साक्ष्य के रूप में किया जाता है. इसमें सरकार कंपनी के वित्तीय लेनदेन के लिए हुए मनी ट्रेल का पता लगाती है.

ऐसा पहली बार हो रहा है...

एसओजी के एडीजी अशोक राठौड़ ने बताया कि सरकार ने एसओजी को फॉरेंसिक ऑडिट की मंजूरी दे दी है. एसओजी प्राइवेट चार्टर्ड अकाउंटेंट्स को हायर कर उनके जरिए यह ऑडिट करवाएगी. बता दें कि पिछले दिनों मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सहकारिता विभाग की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए दी बैठक में धोखाधड़ी करने वाली कोऑपरेटिव सोसायटी के खिलाफ जांच करने के लिए एसओजी को निर्देश दिए थे.

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्देश के बाद अब को-कॉपरेटिव सोसायटीज पर शिकंजा कसना तेज हो गया है. यही वजह है कि प्रदेश में वित्तीय लेन-देन के नाम पर हजारों-करोड़ रुपए की धोखाधड़ी करने वाली क्रेडिट काे-ऑपरेटिव सोसायटीज के खिलाफ पहली बार प्रदेश में फॉरेंसिक ऑडिट से जांच होगी. एसओजी ने इसका प्रस्ताव गृह विभाग को भेजा था. गृह विभाग ने अपनी मंजूरी देकर इसे वित्त विभाग को आगे बढ़ाया और अब वित्त विभाग के स्तर पर भी इसे मंजूरी दे दी गई है.

को-कॉपरेटिव सोसायटीज की आड़ में घोटाला करने वाले घोटालेबाजों की जड़ तक पहुंचने के लिए सरकार ने यह बड़ा कदम उठाया है. फॉरेंसिक ऑडिट के जरिए सरकार निवेशकों से धोखाधड़ी करने वाले मामलों में वित्तीय लेन-देन का पूरा ट्रैक रिकॉर्ड निकाला जाता है. यह जांच प्रक्रिया का ही एक हिस्सा है, जिसमें कंपनी के वित्तीय विवरण की जांच के दौरान अपनाए जाने वाले तौर-तरीकों का ही इस्तेमाल किया जाता है.

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फॉरेंसिक ऑडिट में किसी कंपनी के वित्तीय विवरण की जांच या मूल्यांकन के लिए एक निश्चित अवधि के दौरान हुए सभी लेन-देनों की जानकारी जुटाई जाती है. प्रदेश के विभिन्न थानों में क्रेडिट काे-ऑपरेटिव सोसायटीज की वित्तीय धोखाधड़ी के 1500 से ज्यादा मामले दर्ज हैं. सरकार के पास आदर्श, संजीवनी, नवजीवन, सहारा सहित अन्य मल्टी स्टेट सोसायटीज और स्टेट क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटीज के खिलाफ पैसा हड़पने की 75 हजार से अधिक शिकायतें हैं.

प्रमुख गृह सचिव अभय कुमार ने बताया कि एक फॉरेंसिक ऑडिट किसी फर्म या व्यक्तिगत वित्तीय जानकारी का एक ऐसा मूल्यांकन है, जिसका प्रयोग अदालत में साक्ष्य के रूप में किया जाता है. इसमें सरकार कंपनी के वित्तीय लेनदेन के लिए हुए मनी ट्रेल का पता लगाती है.

ऐसा पहली बार हो रहा है...

एसओजी के एडीजी अशोक राठौड़ ने बताया कि सरकार ने एसओजी को फॉरेंसिक ऑडिट की मंजूरी दे दी है. एसओजी प्राइवेट चार्टर्ड अकाउंटेंट्स को हायर कर उनके जरिए यह ऑडिट करवाएगी. बता दें कि पिछले दिनों मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सहकारिता विभाग की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए दी बैठक में धोखाधड़ी करने वाली कोऑपरेटिव सोसायटी के खिलाफ जांच करने के लिए एसओजी को निर्देश दिए थे.

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