जयपुर. जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में बीते कुछ समय से ओपीडी की संख्या में इजाफा हुआ है. मरीजों की बढ़ती संख्या चिंता का विषय बनी हुई है. विशेषज्ञों की मानें तो बारिश के बाद मच्छरों का प्रकोप काफी बढ़ जाता है.
इसकी वजह से डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया जैसी बीमारियां भी फैल जाती हैं. जिसे देखते हुए शहर में एंटी लार्वा एक्टिविटी तो शुरू की गई, लेकिन फोगिंग का काम अब तक फाइलों में दबा हुआ है. इस संबंध में ग्रेटर नगर निगम की मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. रश्मि काकरिया ने बताया कि मच्छरों की रोकथाम के लिए निगम प्रशासन ने फोगिंग का प्रोग्राम बनाया है.
इसके तहत रोज 6 वार्डों में फोगिंग की जाएगी. ताकि समय रहते इन बीमारियों पर काबू पाया जा सके. इसकी फाइल अप्रूवल के लिए गई हुई है, 2 से 3 दिन में प्रोग्राम स्टार्ट कर दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि पायरेथ्रम केमिकल को डीजल में मिलाकर थर्मल फोगिंग की जाती है. इसके लिए पोर्टेबल और व्हीकल माउंटेड मशीनें निगम के पास मौजूद हैं. इस कार्य के लिए सफाई कर्मचारियों को डायरेक्टर मेडिकल हेल्थ से ट्रेनिंग भी दिलाई जाती है.
हालांकि सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार निगम प्रशासन के पास फिलहाल डीजल की कमी है. जिसकी फ़ाइल घूम रही है. इसी वजह से अब तक फोगिंग का काम शुरू नहीं हो पाया है. हालांकि निगम अधिकारियों ने इस कार्य को 2 से 3 दिन में शुरू करने का दावा जरूर किया.
इससे पहले जयपुर शहर में नालियों, सार्वजनिक शौचालय और कचरागाहों पर छिड़काव कराया गया था. हेरिटेज और ग्रेटर नगर निगम ने टेमीफॉस और जले हुए ऑयल का छिड़काव जलभराव वाले स्थानों पर किया. टेमीफॉस का इस्तेमाल साफ पानी में जबकि जले हुए ऑयल का इस्तेमाल गंदे पानी में किया गया.