जयपुर. प्रदेश में डिस्कॉम के गठन के बाद पहली बार राजस्थान विद्युत विनियामक आयोग टैरिफ की दरों की सुनवाई के लिए जयपुर के बाहर भी अपना रुख करने जा रहा है. आयोग आगामी 15 नवंबर को जोधपुर में 16 नवंबर को अजमेर में और 19 से 21 नवंबर के बीच जयपुर में सुनवाई करेगा.
ढाई साल के लंबे अंतराल के बाद विद्युत भवन में हुई आयोग की राज्य स्तरीय सलाहकार समिति की बैठक में यह तय किया गया. आयोग चेयरमैन श्रीमत पांडे की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में विद्युत दरें, सुरक्षा के मापदंड. उपभोक्ता के अधिकार सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई.
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बैठक में तीनों डिस्कॉम के आला अधिकारियों के साथ ही विद्युत कर्मचारी संगठनों से जुड़े प्रतिनिधि, व्यापारी वर्ग और अन्य संगठनों के प्रतिनिधि मौजूद रहे. इस दौरान व्यापारी वर्ग से कारोबारी सीताराम अग्रवाल ने मौजूदा हालातों में उद्योगों की स्थिति बेहद खराब बताई और कहा कि देश में उद्योग बुरे दौर से गुजर रहे हैं.
ऐसे में राजस्थान में स्टील टैक्सटाइल्स और ऑटोमोबाइल सेक्टर में विद्युत दरों में रिबेट देना चाहिए. इस दौरान अग्रवाल ने मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और पंजाब जैसे राज्यों का भी उदाहरण दिया, जहां इन उद्योगों को अच्छी खासी रिबेट दी जा रही है. वहीं बैठक के दौरान उपभोक्ता और उद्योग धंधों पर समय-समय विभिन्न मदों में चार्जेस बढ़ाए जाने पर भी आपत्ति जताई.
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बैठक में विनियामक आयोग ने डिस्कॉम को सेफ्टी को लेकर भी आवश्यक दिशा-निर्देश दिए ताकि बिजली से जुड़े हादसों में कमी आ सके. वहीं बैठक के दौरान जयपुर डिस्कॉम एमडी ए के गुप्ता ने प्रदेश में 99 फीसदी से अधिक घरेलू कनेक्शन होने की बात कही, वहीं प्रदेश में बिजली के सरप्लस होने की भी जानकारी दी गयी.