जयपुर. राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद की गवर्निंग काउंसिल (शासी परिषद) की पहली बैठक सचिवालय सभागार में शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा की अध्यक्षता में आयोजित की गई. बैठक में समग्र शिक्षा से संबंधित महत्वपूर्ण फैसले लिए गए.
समग्र शिक्षा अधीनस्थ मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय एवं अतिरिक्त जिला परियोजना समन्वयक कार्यालयों का पुनरीक्षण करते हुए मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी की भूमिका को सशक्त बनाने का फैसला इस बैठक में लिया गया है. इसके साथ ही स्वामी विवेकानंद मॉडल राजकीय विद्यालयों के सुदृढ़ीकरण के लिए शिक्षकों की शत-प्रतिशत उपलब्धता सुनिश्चित करना एवं ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थियों को प्रवेश में वरीयता देने का फैसला भी लिया गया.
मॉडल विद्यालयों के कार्मिकों की संवेतन मद एवं गतिविधि मद की राशि परिषद के प्रस्तावों के अनुसार निदेशालय माध्यमिक शिक्षा राजस्थान बीकानेर की ओर से राज्य के अन्य विद्यालयों की भांति सीधे ही मॉडल विद्यालयों को प्रदान की जाएगी. बैठक में यह भी फैसला लिया गया कि मॉडल विद्यालयों में अध्ययन करते हुए कक्षा 10 उत्तीर्ण करने वाले विद्यार्थियों को मॉडल विद्यालय की कक्षा 11 में प्रवेश दिया जाएगा. इसमें प्रतिशत की बाध्यता को खत्म कर दिया गया है.
इसके साथ ही सत्र 2020-21 की वार्षिक योजना में अनुमोदित समस्त गतिविधियों को निर्धारित समय पर पूरा करने के निर्देश अधिकारियों को दिए गए हैं. बैठक में यह फैसला लिया गया कि मॉडल विद्यालयों की सघन मॉनिटरिंग के लिए अभियान चलाया जाएगा और परीक्षा परिणाम की गुणवत्ता बढ़ाने और इन स्कूलों में शत प्रतिशत नामांकन सुनिश्चित करने पर जोर दिया जाएगा. बैठक में सभी जिलों में खेल मैदान विकसित करने के लिए प्रस्ताव बनाकर पेश करने के निर्देश भी अधिकारियों को दिए गए हैं.