जयपुर. प्रदेश की पहली लॉयन सफारी नाहरगढ़ लायन सफारी सैलानियों को काफी लुभा रही है. नाहरगढ़ के जंगलों में शुरू की गई सफारी में बड़ी संख्या में सैलानी शेरों की अठखेलियां देखकर लुत्फ उठा रहे हैं. देशभर के विभिन्न राज्यों से सैलानी नाहरगढ़ लायन सफारी पहुंच रहे हैं. रणथंबोर नेशनल पार्क में बाघों की लोकप्रियता के बाद प्रदेश में पहली बार एशियाटिक शेरो को खुले जंगल में देखने का सपना पूरा हुआ है. लॉयन सफारी में शेरों के अलावा भी कई वन्यजीव मौजूद है. नीलगाय, मोर, खरगोश और चीतल जैसे कई वन्यजीव सफारी में मौजूद है.
वर्ष 2018 में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने नाहरगढ़ लायन सफारी का उद्घाटन किया था. नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क के अंदर बनाई गई लॉयन सफारी धीरे-धीरे पर्यटकों को अपनी ओर खींच रही है. 200 रुपये में पर्यटक लॉयन सफारी के दौरान एशियाटिक लायन देखने का आनंद ले रहे हैं. लॉयन सफारी में शेर त्रिपुर और शेरनी तारा पर्यटकों का आकर्षण का केंद्र बनी हुई है. दोनों शेर शेरनी की साइटिंग देखकर पर्यटक भी रोमांचित हो रहे हैं. हर महीने करीब 2000 सैलानी लॉयन सफारी के लिए पहुंच रहे हैं. वन विभाग को इससे करीब डेढ़ लाख रुपए प्रतिमाह आय हो रही है.
राजस्थान में पहली बार लायन सफारी नाहरगढ़ जैविक उद्यान में बनाई गई. देश विदेश से पर्यटक लायन सफारी घूमने के लिए आते हैं. नाहरगढ़ लायन सफारी में खुले जंगल में शेरों को देखने का मौका मिलता है. नाहरगढ़ लायन सफारी के लिए गुजरात से और भी लायन लाने का प्रयास किया जा रहा है, ताकि काफी संख्या में पर्यटकों को लॉयन दिखाये जा सके. खुले जंगल में शेरों को देखकर प्रकृति और वन्यजीवों के प्रति लोगों का जुड़ाव होता है. लायन सफारी में आकर रणथंबोर जैसी फीलिंग होती है. लॉयन सफारी में आसानी से सैलानियों को लॉयन नजर आ जाते हैं. एक साल पहले कोरोना की वजह से नाहरगढ़ पार्क को बंद कर दिया गया था. इसके बाद पर्यटकों की संख्या में कमी आई, लेकिन एक बार फिर से पर्यटकों की संख्या बढ़ने लगी है.
जिस तरह से प्रदूषण बढ़ रहा है और प्रकृति का विनाश हो रहा है, ऐसे में मानव को प्रकृति से प्यार होगा तो प्रकृति को बचाया जा सकेगा. लोग भागदौड़ की जिंदगी में ज्यादा समय नहीं निकाल पाते हैं, ऐसे में शहर के पास में ही बनी लायन सफारी पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र रहती है. काफी लोग लायन सफारी में पहुंचकर आनंद लेते हैं.