ETV Bharat / city

जयपुर: आगामी बजट सत्र को लेकर वित्त विभाग ने ट्रांसपोर्टर्स के साथ की बैठक - जयपुर न्यूज

फरवरी में गहलोत सरकार बजट लेकर आने वाली है. इसको लेकर लगातार बैठकों का दौर जारी है. गुरुवार को वित्त विभाग ने सभी ट्रांसपोर्टर्स के साथ बैठक की और आगामी बजट के लिए उनसे सुझाव मांगे.

rajasthan budget,  finance department meeting with transporters
बजट सत्र को लेकर वित्त विभाग ने ट्रांसपोर्टर्स के साथ की बैठक
author img

By

Published : Dec 25, 2020, 5:26 AM IST

जयपुर. फरवरी 2021 में गहलोत सरकार बजट पेश कर सकती है. बजट में हर विभाग के लिए कुछ ना कुछ खास सौगात होंगी. परिवहन विभाग भी आगामी बजट की तैयारियों में जुट गया है. हाल ही में वित्त विभाग ने सभी ट्रांसपोर्टर्स के साथ बैठक ली और इस दौरान आगामी बजट के लिए उनसे सुझाव भी मांगे गए.

पढ़ें: निरोगी राजस्थान अभियान को सफल बनाने के लिए आयुष पद्धतियों की लोगों के बीच ज्यादा से ज्यादा पहुंच जरूरी: अशोक गहलोत

इस दौरान बैठक के अंतर्गत राजस्थान प्रदेश की कई ट्रांसपोर्ट यूनियन के पदाधिकारी भी मौजूद रहे और बस ऑपरेटर्स भी पहुंचे. इस दौरान प्राइवेट बस ऑपरेटर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल जैन के द्वारा विभाग के अधिकारियों को कोरोना की वजह से आ रही परेशानी और आगामी बजट को लेकर भी सुझाव दिए गए.

ट्रांसपोर्ट यूनियन ने दिए ये सुझाव

  • सरकार कम लोगों से एक कर लेकर अधिक लोगों के कल्याण पर खर्च करती है. पूरी दुनिया में सभी चीजों में यही सिस्टम है. 200000 तक उनसे ट्रकों से जो कर प्राप्त होता है, उसको मात्र 3000 रोडवेज की बसों को चलाने के लिए खर्च कर दिया जाता है. अनुदान दिया जाता है, यह उचित नहीं है. लाखों लोगों से लेकर कुछ लोगों को देना ना जायज नहीं है.
  • 3000 बसों से जो कर प्राप्त होता है, वह मात्र 3000 रोडवेज की बसों को चलाने में खर्च कर दिया जाता है. जबकि रोडवेज की बसें निजी क्षेत्र की बसों से कम सुविधाजनक और अधिक किराया लेती हैं. यह उचित नहीं है. रोडवेज के कुछ अधिकारी रोडवेज को फायदा पहुंचाना नहीं चाहते हैं और ऐसे में बिना फायदे के बस चलाना सरकारी अनुदान के संचालन करने में असमर्थ है.
  • रोड टैक्स रोड़ पर चलने के लिए दिया जाता है. सड़कों का डेवलपमेंट के लिए मेंटेनेंस के लिए दिया जाता है, लेकिन आज के युग में नई सड़कें बनाने का और मेंटेनेंस का जिम्मा निजी क्षेत्र को दिया गया है, जिसकी पूर्ति वह टोल टैक्स से करते हैं. टोल टैक्स दो तरीके के लिए जाते हैं, यह दौरा टैक्स किसी अन्य क्षेत्र में नहीं लगता तो फिर डबल रोड टैक्स के रूप में और टोल टैक्स के रूप में लिया जाता है

जयपुर. फरवरी 2021 में गहलोत सरकार बजट पेश कर सकती है. बजट में हर विभाग के लिए कुछ ना कुछ खास सौगात होंगी. परिवहन विभाग भी आगामी बजट की तैयारियों में जुट गया है. हाल ही में वित्त विभाग ने सभी ट्रांसपोर्टर्स के साथ बैठक ली और इस दौरान आगामी बजट के लिए उनसे सुझाव भी मांगे गए.

पढ़ें: निरोगी राजस्थान अभियान को सफल बनाने के लिए आयुष पद्धतियों की लोगों के बीच ज्यादा से ज्यादा पहुंच जरूरी: अशोक गहलोत

इस दौरान बैठक के अंतर्गत राजस्थान प्रदेश की कई ट्रांसपोर्ट यूनियन के पदाधिकारी भी मौजूद रहे और बस ऑपरेटर्स भी पहुंचे. इस दौरान प्राइवेट बस ऑपरेटर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल जैन के द्वारा विभाग के अधिकारियों को कोरोना की वजह से आ रही परेशानी और आगामी बजट को लेकर भी सुझाव दिए गए.

ट्रांसपोर्ट यूनियन ने दिए ये सुझाव

  • सरकार कम लोगों से एक कर लेकर अधिक लोगों के कल्याण पर खर्च करती है. पूरी दुनिया में सभी चीजों में यही सिस्टम है. 200000 तक उनसे ट्रकों से जो कर प्राप्त होता है, उसको मात्र 3000 रोडवेज की बसों को चलाने के लिए खर्च कर दिया जाता है. अनुदान दिया जाता है, यह उचित नहीं है. लाखों लोगों से लेकर कुछ लोगों को देना ना जायज नहीं है.
  • 3000 बसों से जो कर प्राप्त होता है, वह मात्र 3000 रोडवेज की बसों को चलाने में खर्च कर दिया जाता है. जबकि रोडवेज की बसें निजी क्षेत्र की बसों से कम सुविधाजनक और अधिक किराया लेती हैं. यह उचित नहीं है. रोडवेज के कुछ अधिकारी रोडवेज को फायदा पहुंचाना नहीं चाहते हैं और ऐसे में बिना फायदे के बस चलाना सरकारी अनुदान के संचालन करने में असमर्थ है.
  • रोड टैक्स रोड़ पर चलने के लिए दिया जाता है. सड़कों का डेवलपमेंट के लिए मेंटेनेंस के लिए दिया जाता है, लेकिन आज के युग में नई सड़कें बनाने का और मेंटेनेंस का जिम्मा निजी क्षेत्र को दिया गया है, जिसकी पूर्ति वह टोल टैक्स से करते हैं. टोल टैक्स दो तरीके के लिए जाते हैं, यह दौरा टैक्स किसी अन्य क्षेत्र में नहीं लगता तो फिर डबल रोड टैक्स के रूप में और टोल टैक्स के रूप में लिया जाता है
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.