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जयपुर: बारिश और ओलावृष्टि में भी डटे रहे नींदड़ के किसान, 61 किसानों ने ली जमीन समाधि

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Published : Mar 6, 2020, 7:12 PM IST

जयपुर में नींदड़ के किसान भारी बारिश और ओलावृष्टि के बावजूद जमीन समाधि सत्याग्रह में अड़े रहे. इस दौरान किसानों ने तिरपाल का सहारा लेकर समाधि स्थल पर सत्याग्रह किया. इसके साथ ही इस सत्याग्रह में 10 और किसान शामिल हुए.

जमीन समाधि सत्याग्रह, rajasthan news
बारिश और ओलावृष्टि में भी डटे रहे नींदड़ के किसान

जयपुर. अपनी जमीन के लिये लड़ाई लड़ रहे नींदड़ के किसान बारिश और ओलावृष्टि के बावजूद जमीन समाधि सत्याग्रह पर डटे रहे. नींदड़ के किसान तिरपाल की ओट लेकर भी समाधि स्थल पर सत्याग्रह करते रहे. सत्याग्रह के 7वें दिन 10 और किसानों ने जमीन समाधि ली.

बारिश और ओलावृष्टि में भी डटे रहे नींदड़ के किसान

नींदड़ जमीन समाधि सत्याग्रह के सातवें दिन भी किसान सरकार के जवाब का इंतजार करते रहे. इस दौरान यहां आई तेज बारिश और ओलावृष्टि में भी किसानों ने समाधि स्थल नहीं छोड़ा और तिरपाल की ओट में सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते रहे. इस दौरान समाधि की संख्या भी बढ़ी. नींदड़ के 10 और किसान जमीन समाधि सत्याग्रह में शामिल हुए.

वहीं, सत्याग्रह की अगुवाई कर रहे डॉ नगेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि मुख्य सचेतक महेश जोशी ने गुरुवार सुबह तक राज्य स्तरीय समिति का गठन किए जाने का आश्वासन दिया था, लेकिन अब तक उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं दिया गया है. नींदड़ के किसान देश में 2014 में लागू हुए नए भूमि अधिग्रहण कानून के तहत मुआवजा देने की मांग कर रहे हैं. इसके अलावा मुआवजे के 35% विकसित जमीन देने का प्रस्ताव भी दे चुके हैं, लेकिन जेडीए से वार्ता के बजाए राज्य सरकार की मंत्रिमंडलीय समिति से वार्ता करना चाहते हैं. इस दौरान शेखावत ने चेतावनी दी की सरकार किसानों की पुकार सुनने को तैयार नहीं, लेकिन जब तक किसानों को उनका हक नहीं मिल जाता तब तक आंदोलन जारी रहेगा.

पढ़ें- जयपुरः ओलावृष्टि से फसलें चौपट, 40 से ज्यादा गांव के किसानों ने की मुआवजे की मांग

बता दें कि जेडीए ने 1 जनवरी से जमीन पर कब्जा करना शुरू किया था. इसके विरोध में किसान लगातार आंदोलनरत है और जब तक सरकार से उपयुक्त वार्ता नहीं होती तब तक आंदोलन को जारी रखने की चेतावनी दी है.

जयपुर. अपनी जमीन के लिये लड़ाई लड़ रहे नींदड़ के किसान बारिश और ओलावृष्टि के बावजूद जमीन समाधि सत्याग्रह पर डटे रहे. नींदड़ के किसान तिरपाल की ओट लेकर भी समाधि स्थल पर सत्याग्रह करते रहे. सत्याग्रह के 7वें दिन 10 और किसानों ने जमीन समाधि ली.

बारिश और ओलावृष्टि में भी डटे रहे नींदड़ के किसान

नींदड़ जमीन समाधि सत्याग्रह के सातवें दिन भी किसान सरकार के जवाब का इंतजार करते रहे. इस दौरान यहां आई तेज बारिश और ओलावृष्टि में भी किसानों ने समाधि स्थल नहीं छोड़ा और तिरपाल की ओट में सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते रहे. इस दौरान समाधि की संख्या भी बढ़ी. नींदड़ के 10 और किसान जमीन समाधि सत्याग्रह में शामिल हुए.

वहीं, सत्याग्रह की अगुवाई कर रहे डॉ नगेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि मुख्य सचेतक महेश जोशी ने गुरुवार सुबह तक राज्य स्तरीय समिति का गठन किए जाने का आश्वासन दिया था, लेकिन अब तक उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं दिया गया है. नींदड़ के किसान देश में 2014 में लागू हुए नए भूमि अधिग्रहण कानून के तहत मुआवजा देने की मांग कर रहे हैं. इसके अलावा मुआवजे के 35% विकसित जमीन देने का प्रस्ताव भी दे चुके हैं, लेकिन जेडीए से वार्ता के बजाए राज्य सरकार की मंत्रिमंडलीय समिति से वार्ता करना चाहते हैं. इस दौरान शेखावत ने चेतावनी दी की सरकार किसानों की पुकार सुनने को तैयार नहीं, लेकिन जब तक किसानों को उनका हक नहीं मिल जाता तब तक आंदोलन जारी रहेगा.

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बता दें कि जेडीए ने 1 जनवरी से जमीन पर कब्जा करना शुरू किया था. इसके विरोध में किसान लगातार आंदोलनरत है और जब तक सरकार से उपयुक्त वार्ता नहीं होती तब तक आंदोलन को जारी रखने की चेतावनी दी है.

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