जयपुर. वैश्विक महामारी कोरोना के संक्रमण से उपजे हालातों के बीच सरकार ने परेशान किसानों को एक और राहत देने का प्रयास किया है. राज्य सरकार ने दीर्घकालीन कृषि ऋण लेने वाले काश्तकारों को 5 फीसदी ब्याज अनुदान योजना की अवधि को 31 मार्च 2020 से बढ़ाकर 30 जून 2020 कर दिया है. अब समय पर ऋण चुकाने वाले काश्तकारों को 6.65 फीसदी ब्याज दर से कृषि ऋण मिल पाएगा.
सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने बताया कि कोरोना वायरस के कारण देशभर में चल लॉकडाउन चल रहा है. इस कारण किसानों को योजना का पूरा लाभ नहीं मिल पा रहा था. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को इस संबंध में अवगत कराया गया था, जिस पर मुख्यमंत्री ने फौरन योजना की अवधि 31 मार्च से बढ़ाकर 30 जून तक करने की अनुमति प्रदान कर दी है.
पढ़ें: लॉकडाउन से नहीं होगी किसानों को परेशानी, कृषि मंत्रालय ने खोजे यह उपाय
सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने बताया कि योजना 1 अप्रैल 2019 से 31 मार्च 2020 तक की अवधि में ऋण लेने वाले सभी किसानों पर लागू थी, जिसे अब 3 महीने के लिए बढ़ा दिया गया है. इससे प्रदेश के ज्यादा से ज्यादा किसानों को योजना का लाभ मिल सके. सहकारिता मंत्री के अनुसार दीर्घकालीन कृषि ऋण 11.65 फीसदी की ब्याज दर पर दे होता है और समय पर ऋण चुकता करने वाले किसानों को 5 फीसदी ब्याज अनुदान देकर उन्हें राहत प्रदान की गई है. आंजना ने कहा कि ये योजना सहकारी भूमि विकास बैंकों के दीर्घकालीन अवधि के लिए लेने वाले ऋणों पर लागू होगी. उनके अनुसार ये ब्याज दर किसी भी वाणिज्यिक बैंक द्वारा ली जाने वाली ब्याज दर से सबसे कम है.
इन कार्यों के लिए ऋण लेने पर मिलेगा ब्याज अनुदान
सहकारिता विभाग के रजिस्टार नरेश पाल गंगवार के अनुसार किसान लघु सिंचाई के कार्य (जैसे- नलकूप को गहरा करना, पंपसेट, फव्वारा/ ड्रिप सिंचाई, विद्युतीकरण, नाली निर्माण, डिग्गी या हौज का निर्माण) कृषि यंत्रीकरण के कार्य (जैसे-ट्रैक्टर, कृषि यंत्र और थ्रेसर का क्रय) के लिए दीर्घकालीन अवधि के लिए ऋण ले सकता है. साथ ही डेयरी, भूमि सुधार, भूमि समतलीकरण, कृषि भूमि क्रय, अनाज /प्याज गोदाम निर्माण, ग्रीनहाउस, कृषि कार्य हेतु सोलर प्लांट, कृषि योग्य भूमि की तारबंदी, पशुपालन (भेड़,बकरी, सूअर, मुर्गी पालन, ऊंट का पालन) और बैलगाड़ी के क्रय जैसी कृषि से जुड़ी गतिविधियों के लिए दीर्घकालीन ऋण भी इस योजना में कवर होंगे.