जयपुर. जालोर में भारतमाला प्रोजेक्ट को लेकर चल रहे आंदोलन के बीच सरकार ने शनिवार को किसानों को वार्ता के बुलाया. सचिवालय में मुख्य सचिव के साथ हुई दो घंटे से अधिक चली वार्ता सकारात्मक तो रही लेकिन किसी नतीजे पर नहीं पहुंची. जिसके बाद किसानों की मुख्यमंत्री से वार्ता होगी. जिसमें किसानों को उम्मीद है उनकी पर सरकार सकारात्मक निर्णय लेगी.
किसान संघर्ष समिति के प्रदेश अध्यक्ष चौधरी रमेश दलाल ने बताया कि मुख्य सचिव से जो वार्ता हुई है वो सकारात्मक रही. जो मांगें उन्होंने सरकार के समक्ष रखी हैं. उससे वह सहमत हैं, लेकिन किसी भी अंतिम निर्णय पर पहुंचने से पहले वह मुख्यमंत्री से चर्चा करेंगे. साथ ही किसान संघर्ष समिति की मुलाकात मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से कराएंगे. मुख्यमंत्री स्तर पर ही उनकी मांगों पर अंतिम फैसला होगा.
रमेश दलाल ने बताया किसानों की मांग है कि हाइवे 754 और 148 में जिन किसानों की जमीन आ रही है, उन्हें कानून सम्मत मुआवजा दिया जाए. जबकि वर्तमान में हो ऐसा रहा है कि दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस हाइवे के लिए जो गुजरात में जमीन अवाप्त की गई है, वहां किसानों को 4 गुना मुआवजा दिया गया है, जबकि जालोर के किसानों को 2 गुना मुआवजा दिया जा रहा है. ऐसे में समान मुआवजे की मांग किसानों की है.
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साथ ही बाड़मेर और जालोर के बीच 6 हजार हेक्टेयर में अनार के बाग हैं. उस रूट को भी बदलने की मांग किसान कर रहे हैं. अगर सरकार इन बागों को बचाती हुई नक्शे प्लान में बदलाव करती हो तो 1500 एकड़ सिंचित भूमि कम सरकार को अवगत करनी पड़ेगी. हालांकि किसान संघर्ष समिति की मुलाकात मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से होनी थी, लेकिन देर शाम तक यह मुलाकात नहीं हो सकी.