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किसानों के समर्थन में राहुल गांधी ने चलाया ट्रैक्टर और की ऊंट सवारी, कहा- कृषि कानून के जरिए छीना जा रहा आपका भविष्य

कांग्रेस नेता राहुल गांधी शनिवार को अजमेर और नागौर जिले के दौरे पर रहे. इस दौरान राहुल गांधी लोक देवता तेजाजी के मंदिर में के दर्शन की, ट्रैक्टर चलाया और ऊंट गाड़ी पर बैठे. सभा में उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि 3 कानूनों के जरिए नरेंद्र मोदी देश को भूख, बेरोजगारी और आत्महत्या का ऑप्शन देना चाहते हैं.

Kisan Mahapanchayat in Rajasthan,  Rahul Gandhi visit to Ajmer
किसानों के समर्थन में राहुल गांधी
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Published : Feb 13, 2021, 7:58 PM IST

जयपुर. कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी किसानों को समर्थन देने के लिए दो दिवसीय राजस्थान दौरे पर रहे. शुक्रवार को गंगानगर और हनुमानगढ़ में किसान महापंचायत करने के बाद शनिवार को राहुल गांधी अजमेर और नागौर पहुंचे. सबसे पहले किशनगढ़ एयरपोर्ट से उतरकर राहुल गांधी लोक देवता तेजाजी के दर्शन करने सुरसुरा पहुंचे, जहां उन्होंने लोक देवता तेजाजी की पूजा की.

सुरसुरा में राहुल गांधी

पढ़ें- कृषि कानून की वापसी तक किसान नहीं करेंगे वार्ता: राहुल गांधी

तेजाजी की पूजा के बाद जब हवन में आहुति दी जा रही थी तो राहुल गांधी के साथ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट ने भी हवन में आहुति दी. इसके बाद राहुल गांधी रूपनगढ़ पहुंचे, लेकिन रूपनगढ़ पहुंचने से पहले राहुल गांधी खुद ट्रैक्टर चलाकर रूपनगढ़ की सभा स्थल पर पहुंचे. इस दौरान ट्रैक्टर पर उनके साथ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और गोविंद डोटासरा रहे.

मंच पर पायलट को नहीं मिली जगह

इसके बाद हुई सभा में उन्होंने ट्रैक्टर नुमा मंच पर खड़े होकर अपना संबोधन दिया. इस सभा में भी ट्रैक्टर नुमा मंच के ऊपर केवल मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को ही रखा गया. मंच पर सचिन पायलट को जगह नहीं मिली.

रूपनगढ़ से निकलकर राहुल गांधी परबतसर पहुंचे, जहां कांग्रेस विधायक रामनिवास गावड़िया के साथ वह ऊंट गाड़ी में सवार हुए. इसके बाद मकराना में राहुल गांधी ने किसान महापंचायत को संबोधित किया. मकराना में हुए कार्यक्रम से पहले किसान आंदोलन में किसानों को मौन रहकर श्रद्धांजलि दी गई, उसके बाद कार्यक्रम शुरू किया गया.

रूपनगढ़ में राहुल गांधी का संबोधन

रूपनगढ़ में ट्रैक्टरनुमा मंच से किया संबोधित

रूपनगढ़ में किसान संवाद कार्यक्रम में ट्रैक्टर जैसे दिखने वाले मंच पर खड़े होकर राहुल गांधी ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि इन कानूनों में से पहले कानून के जरिए उद्योगपति जितना भी अनाज, फल और सब्जी खरीदना चाहते हैं खरीद सकते हैं. अगर देश के कोने-कोने में कोई भी अनाज खरीद सकता है, जितना भी चाहे खरीद सकता है तो फिर मंडी का क्या मतलब रहा. पहले कानून का लक्ष्य मंडी को खत्म करने का और मंडी की हत्या करने का है.

पढ़ें- कृषि का व्यवसाय भारत माता का व्यवसाय है, जिसका मालिक कोई एक नहीं बल्कि भारत की 40 फीसदी जनता है: राहुल गांधी

दूसरा कानून कहता है कि देश के बड़े उद्योगपति जितना भी अनाज, फल और सब्जी स्टोरेज में रखकर रखना चाहे रख सकता है. दूसरा कानून देश में अनलिमिटेड जमाखोरी चालू करने का कानून है और तीसरा कानून कहता है कि कोई भी किसान दुनिया के सबसे बड़े उद्योगपतियों के पास जाकर अगर अपनी सब्जी और फल के लिए सही दाम मांगे तो वह अदालत में भी नहीं जा पाएगा.

कृषि 40 लाख करोड़ का बिजनेस है

राहुल गांधी ने कहा कि हिंदुस्तान का सबसे बड़ा बिजनेस कृषि का बिजनेस है. यह 40 लाख करोड़ का बिजनेस है. पीएम नरेंद्र मोदी चाहते हैं कि यह पूरा बिजनेस उनके दो मित्रों के हवाले हो जाए. उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी चाहते हैं कि जो आपका है, जो 40 फीसदी हिंदुस्तान का है वह सिर्फ दो लोगों के हाथ में चला जाए. हिंदुस्तान का किसान कह रहा है कि हम मर जाएंगे मगर यह नहीं होने देंगे.

मकराना में राहुल गांधी का संबोधन

कानून लागू होने से इनको होगा नुकसान

गांधी ने लोगों को चेताते हुए कहा कि यह यह मत सोचिए कि सिर्फ किसान बोल रहा है, किसान के पीछे मजदूर खड़ा है और मजदूर के साथ छोटा व्यापारी खड़ा है. अगर नरेंद्र मोदी की यह कानून लागू हो गए तो याद रखिए सिर्फ किसानों को नुकसान नहीं होगा. मैं गारंटी देकर कह रहा हूं कि इससे सिर्फ किसानों को नहीं, छोटे व्यापारियों, छोटे बिजनेस और मिडिल साइज बिजनेस वालों, मजदूरों और युवाओं को भी नुकसान होगा.

कानूनों के जरिए दिया जा रहा तीन ऑप्शन

उन्होंने कहा कि उनकी बात आज नहीं माननी तो मत मानो, लेकिन जब यह कानून लागू होंगे तो हिंदुस्तान के युवा को रोजगार नहीं मिलेगा. नरेंद्र मोदी कहते हैं कि मैं इन कानूनों के जरिए ऑप्शन दे रहा हूं, लेकिन इन ऑप्शनों में पहला ऑप्शन भूख, दूसरा बेरोजगारी और तीसरा ऑप्शन आत्महत्या का है.

यह सिर्फ किसान की जिम्मेदारी नहीं है

राहुल गांधी ने कहा कि इन कानूनों के खिलाफ खड़ा होना सिर्फ किसान की जिम्मेदारी नहीं है, यह मजदूर, युवा, छोटे व्यापारी और पूरे हिंदुस्तान की जिम्मेदारी है. यह किसी एक उद्योगपति का बिजनेस नहीं है, यह कृषि का बिजनेस भारत माता का बिजनेस है. नरेंद्र मोदी कहते हैं कि मैं किसानों से बात करना चाहता हूं. किस बात की बात करना चाहते हैं आप कानून वापस लीजिए और देश का हर किसान आपसे बात करेगा.

पढ़ें- राहुल गांधी ट्रैक्टर चलाकर पहुंचे रूपनगढ़ सभा स्थल, CM गहलोत और डोटासरा रहे साथ

किसानों का हक 'हम दो हमारे दो' को दे रही सरकार

उन्होंने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि आप किसान के घर में डाका डाल रहे हो, उससे चोरी करने की कोशिश कर रहे हो और उसका हक छीन कर हम दो हमारे दो को देने जा रहे हो और फिर आप कहते हो कि मैं किसानों से बात करने को तैयार हूं. कोई किसान आपसे बात नहीं करेगा, जब तक आप यह कानून वापस नहीं लेंगे. हिंदुस्तान का एक भी किसान आपसे बात नहीं करेगा.

शहीद किसानों को 2 मिनट मौन रखकर दी श्रद्धांजलि

मकराना में सभा के पहले किसान आंदोलन के चलते शहीद हुए किसानों को 2 मिनट मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गई. इसके बाद मंच से नागौर जिला अध्यक्ष जाकिर गसावत, प्रदेश अध्यक्ष गोविंद डोटासरा, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट, यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीवी श्रीनिवास और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भाषण दिया.

2 लोगों के लिए किसानों को रास्ते से हटाया जा रहा...

राहुल गांधी ने अपने भाषण में ज्यादातर बातें तो रूपनगढ़ की सभा वाली दोहराई, लेकिन इसके साथ ही उन्होंने इस सभा में कहा कि कानूनों के जरिए आपका भविष्य आप से छीना जा रहा है. पहले नोटबंदी लगाई, उसके बाद जीएसटी गब्बर टैक्स लगाया गया और अब इन 3 कानूनों के जरिए देश के 2 लोगों के लिए किसानों को रास्ते से हटाया जा रहा है.

मैं अपनी जिम्मेदारी पूरा कर रहा हूं

उन्होंने कहा कि कोरोना काल में बड़े उद्योगपतियों का लाखों करोड़ कर्जा माफ किया गया, लेकिन उसी कोरोना के समय लाखों मजदूरों ने रेलवे और बस का टिकट घर जाने के लिए हाथ जोड़कर मांगा जो केवल 100 या ₹200 थे. लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साफ मना कर दिया. उन्होंने कहा कि मेरी जिम्मेदारी आपको सच बताने की है, नहीं सुनना है तो मत सुनो लेकिन मैं अपनी जिम्मेदारी पूरी कर रहा हूं.

बजट भाषण में सिर्फ किसानों की बातें

राहुल गांधी ने कहा कि मैंने बजट भाषण के समय केवल किसानों की बातें रखी. जिस तरीके से सदन में सैनिकों, प्राकृतिक आपदा में जान गंवाने वालों और सांसदों के निधन पर श्रद्धांजलि दी जाती है उसी तरीके से मैंने संसद में 2 मिनट का मौन रखा. मेरे साथ विपक्ष के तो सभी सांसदों ने मौन रखा, लेकिन भाजपा का एक भी सांसद और मंत्री शामिल नहीं था.

2 मिनट का मौन रखकर क्या कोई गलती की है...

गांधी ने कहा कि मैंने किसानों के लिए 2 मिनट मौन रखकर क्या कोई गलती की है और अगर कोई गलती की है तो फिर यह गलती मैं आगे भी दोहराता रहूंगा. उन्होंने कहा कि मैं स्पीकर को भी यह लिख कर दूंगा कि किसान आंदोलन में शहीद हुए किसानों के लिए संसद में 2 मिनट का मौन रखा जाए.

पढ़ें- रूपनगढ़ ट्रैक्टर किसान सभा: सचिन पायलट को मंच पर नहीं मिली जगह

जाट वोटरों को लुभाने का प्रयास

राहुल गांधी शनिवार को अपने दौरे की शुरुआत में लोक देवता तेजाजी के मंदिर में पूजा करने सुरसुरा पहुंचे. लोक देवता तेजाजी को शिवजी का 11वां अवतार माना जाता है. राजस्थान, हरियाणा, यूपी और मध्य प्रदेश में तेजाजी को पूजा जाता है. जाट समुदाय तेजाजी को ना सिर्फ अपना आराध्य बल्कि आदर्श भी मानता है. ऐसे में सुरसुरा के तेजाजी मंदिर के दर्शन से उन्होंने जाट वोटरों को लुभाने का प्रयास किया है.

Kisan Mahapanchayat in Rajasthan,  Rahul Gandhi visit to Ajmer
तेजाजी के मंदिर में दर्शन

काफिले के सामने लगे मोदी-मोदी के नारे

मंदिर में पूजा करने के लिए राहुल गांधी के साथ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेश अध्यक्ष गोविंद डोटासरा, संगठन महामंत्री केसी वेणुगोपाल, प्रदेश प्रभारी अजय माकन और पूर्व अध्यक्ष सचिन पायलट समेत मंत्री मौजूद रहे. सुरसुरा में जब राहुल गांधी ने आहुति दी तो उस समय मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेश अध्यक्ष गोविंद डोटासरा के साथ ही सचिन पायलट भी आहुति देते हुए दिखाई दिए. राहुल गांधी जब सुरसुरा गांव से निकले तो उनके काफिले के सामने ही कई लोगों ने मोदी-मोदी के नारे भी लगा दिए.

खुद ट्रैक्टर चलाकर पहुंचे सभा स्थल

राहुल गांधी ट्रैक्टर पर सवार होकर जब रूपनगढ़ की सभा में पहुंचे तो उनके ट्रैक्टर पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और गोविंद डोटासरा बैठे हुए थे. खुद राहुल गांधी ट्रैक्टर को ड्राइव कर सभा स्थल तक पहुंचे. इसके बाद सभा स्थल जिसे ट्रैक्टर और उसकी ट्रॉलियों को जोड़कर बनाया गया था, उसमें राहुल गांधी के भाषण से पहले केवल मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का भाषण हुआ और मंच पर भी राहुल गांधी के साथ केवल मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ही मौजूद रहे.

Kisan Mahapanchayat in Rajasthan,  Rahul Gandhi visit to Ajmer
खुद ट्रैक्टर चलाकर पहुंचे सभा स्थल

परबतसर में ऊंट गाड़ी पर सवार हुए राहुल गांधी

रूपनगढ़ से निकल कर जब राहुल गांधी मकराना जा रहे थे तो बीच में परबतसर विधानसभा में ऊंट गाड़ी पर भी सवार हुए. ऊंट गाड़ी में कांग्रेस के परबतसर विधायक रामनिवास गावड़िया, प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और राहुल गांधी मौजूद रहे.

पढ़ें- अजमेर: राहुल गांधी ने वीर तेजाजी महाराज मंदिर में की पूजा-अर्चना

मकराना में सचिन पायलट ने भी दिया भाषण

पूरे दौरे में अलग-अलग दिखाई दे रहे सचिन पायलट को शनिवार को मकराना में राहुल गांधी की अंतिम सभा में भाषण देने का मौका मिला. हालांकि, सचिन पायलट के नारे सुरसुरा, रूपनगढ़ और मकराना में लगे, लेकिन भाषण देने का मौका उन्हें मकराना में दिया गया. मकराना में सचिन पायलट के साथ ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेश अध्यक्ष गोविंद डोटासरा, यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीवी श्रीनिवास, नागौर के जिला अध्यक्ष जाकिर जैसावत और सांसद प्रत्याशी रहीं ज्योति मिर्धा ने भी भाषण दिए.

2 दिन में मंच पर बैठने के लिए 4 अलग-अलग अंदाज

राहुल गांधी ने 2 दिन में 3 किसान महापंचायत और एक किसान संवाद कार्यक्रम में भाग लिया. पीलीबंगा किसान पंचायत में मंच पर बैठने के लिए खाट का इस्तेमाल किया गया तो पदमपुरा में नेता मुड्डो पर बैठे. वहीं, रूपनगढ़ में ट्रैक्टर ट्रॉलियों पर ही मंच बना दिया गया. इसके बाद आखिरी सभा मकराना में सभी नेता कुर्सियों पर बैठे हुए नजर आए.

जयपुर. कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी किसानों को समर्थन देने के लिए दो दिवसीय राजस्थान दौरे पर रहे. शुक्रवार को गंगानगर और हनुमानगढ़ में किसान महापंचायत करने के बाद शनिवार को राहुल गांधी अजमेर और नागौर पहुंचे. सबसे पहले किशनगढ़ एयरपोर्ट से उतरकर राहुल गांधी लोक देवता तेजाजी के दर्शन करने सुरसुरा पहुंचे, जहां उन्होंने लोक देवता तेजाजी की पूजा की.

सुरसुरा में राहुल गांधी

पढ़ें- कृषि कानून की वापसी तक किसान नहीं करेंगे वार्ता: राहुल गांधी

तेजाजी की पूजा के बाद जब हवन में आहुति दी जा रही थी तो राहुल गांधी के साथ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट ने भी हवन में आहुति दी. इसके बाद राहुल गांधी रूपनगढ़ पहुंचे, लेकिन रूपनगढ़ पहुंचने से पहले राहुल गांधी खुद ट्रैक्टर चलाकर रूपनगढ़ की सभा स्थल पर पहुंचे. इस दौरान ट्रैक्टर पर उनके साथ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और गोविंद डोटासरा रहे.

मंच पर पायलट को नहीं मिली जगह

इसके बाद हुई सभा में उन्होंने ट्रैक्टर नुमा मंच पर खड़े होकर अपना संबोधन दिया. इस सभा में भी ट्रैक्टर नुमा मंच के ऊपर केवल मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को ही रखा गया. मंच पर सचिन पायलट को जगह नहीं मिली.

रूपनगढ़ से निकलकर राहुल गांधी परबतसर पहुंचे, जहां कांग्रेस विधायक रामनिवास गावड़िया के साथ वह ऊंट गाड़ी में सवार हुए. इसके बाद मकराना में राहुल गांधी ने किसान महापंचायत को संबोधित किया. मकराना में हुए कार्यक्रम से पहले किसान आंदोलन में किसानों को मौन रहकर श्रद्धांजलि दी गई, उसके बाद कार्यक्रम शुरू किया गया.

रूपनगढ़ में राहुल गांधी का संबोधन

रूपनगढ़ में ट्रैक्टरनुमा मंच से किया संबोधित

रूपनगढ़ में किसान संवाद कार्यक्रम में ट्रैक्टर जैसे दिखने वाले मंच पर खड़े होकर राहुल गांधी ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि इन कानूनों में से पहले कानून के जरिए उद्योगपति जितना भी अनाज, फल और सब्जी खरीदना चाहते हैं खरीद सकते हैं. अगर देश के कोने-कोने में कोई भी अनाज खरीद सकता है, जितना भी चाहे खरीद सकता है तो फिर मंडी का क्या मतलब रहा. पहले कानून का लक्ष्य मंडी को खत्म करने का और मंडी की हत्या करने का है.

पढ़ें- कृषि का व्यवसाय भारत माता का व्यवसाय है, जिसका मालिक कोई एक नहीं बल्कि भारत की 40 फीसदी जनता है: राहुल गांधी

दूसरा कानून कहता है कि देश के बड़े उद्योगपति जितना भी अनाज, फल और सब्जी स्टोरेज में रखकर रखना चाहे रख सकता है. दूसरा कानून देश में अनलिमिटेड जमाखोरी चालू करने का कानून है और तीसरा कानून कहता है कि कोई भी किसान दुनिया के सबसे बड़े उद्योगपतियों के पास जाकर अगर अपनी सब्जी और फल के लिए सही दाम मांगे तो वह अदालत में भी नहीं जा पाएगा.

कृषि 40 लाख करोड़ का बिजनेस है

राहुल गांधी ने कहा कि हिंदुस्तान का सबसे बड़ा बिजनेस कृषि का बिजनेस है. यह 40 लाख करोड़ का बिजनेस है. पीएम नरेंद्र मोदी चाहते हैं कि यह पूरा बिजनेस उनके दो मित्रों के हवाले हो जाए. उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी चाहते हैं कि जो आपका है, जो 40 फीसदी हिंदुस्तान का है वह सिर्फ दो लोगों के हाथ में चला जाए. हिंदुस्तान का किसान कह रहा है कि हम मर जाएंगे मगर यह नहीं होने देंगे.

मकराना में राहुल गांधी का संबोधन

कानून लागू होने से इनको होगा नुकसान

गांधी ने लोगों को चेताते हुए कहा कि यह यह मत सोचिए कि सिर्फ किसान बोल रहा है, किसान के पीछे मजदूर खड़ा है और मजदूर के साथ छोटा व्यापारी खड़ा है. अगर नरेंद्र मोदी की यह कानून लागू हो गए तो याद रखिए सिर्फ किसानों को नुकसान नहीं होगा. मैं गारंटी देकर कह रहा हूं कि इससे सिर्फ किसानों को नहीं, छोटे व्यापारियों, छोटे बिजनेस और मिडिल साइज बिजनेस वालों, मजदूरों और युवाओं को भी नुकसान होगा.

कानूनों के जरिए दिया जा रहा तीन ऑप्शन

उन्होंने कहा कि उनकी बात आज नहीं माननी तो मत मानो, लेकिन जब यह कानून लागू होंगे तो हिंदुस्तान के युवा को रोजगार नहीं मिलेगा. नरेंद्र मोदी कहते हैं कि मैं इन कानूनों के जरिए ऑप्शन दे रहा हूं, लेकिन इन ऑप्शनों में पहला ऑप्शन भूख, दूसरा बेरोजगारी और तीसरा ऑप्शन आत्महत्या का है.

यह सिर्फ किसान की जिम्मेदारी नहीं है

राहुल गांधी ने कहा कि इन कानूनों के खिलाफ खड़ा होना सिर्फ किसान की जिम्मेदारी नहीं है, यह मजदूर, युवा, छोटे व्यापारी और पूरे हिंदुस्तान की जिम्मेदारी है. यह किसी एक उद्योगपति का बिजनेस नहीं है, यह कृषि का बिजनेस भारत माता का बिजनेस है. नरेंद्र मोदी कहते हैं कि मैं किसानों से बात करना चाहता हूं. किस बात की बात करना चाहते हैं आप कानून वापस लीजिए और देश का हर किसान आपसे बात करेगा.

पढ़ें- राहुल गांधी ट्रैक्टर चलाकर पहुंचे रूपनगढ़ सभा स्थल, CM गहलोत और डोटासरा रहे साथ

किसानों का हक 'हम दो हमारे दो' को दे रही सरकार

उन्होंने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि आप किसान के घर में डाका डाल रहे हो, उससे चोरी करने की कोशिश कर रहे हो और उसका हक छीन कर हम दो हमारे दो को देने जा रहे हो और फिर आप कहते हो कि मैं किसानों से बात करने को तैयार हूं. कोई किसान आपसे बात नहीं करेगा, जब तक आप यह कानून वापस नहीं लेंगे. हिंदुस्तान का एक भी किसान आपसे बात नहीं करेगा.

शहीद किसानों को 2 मिनट मौन रखकर दी श्रद्धांजलि

मकराना में सभा के पहले किसान आंदोलन के चलते शहीद हुए किसानों को 2 मिनट मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गई. इसके बाद मंच से नागौर जिला अध्यक्ष जाकिर गसावत, प्रदेश अध्यक्ष गोविंद डोटासरा, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट, यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीवी श्रीनिवास और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भाषण दिया.

2 लोगों के लिए किसानों को रास्ते से हटाया जा रहा...

राहुल गांधी ने अपने भाषण में ज्यादातर बातें तो रूपनगढ़ की सभा वाली दोहराई, लेकिन इसके साथ ही उन्होंने इस सभा में कहा कि कानूनों के जरिए आपका भविष्य आप से छीना जा रहा है. पहले नोटबंदी लगाई, उसके बाद जीएसटी गब्बर टैक्स लगाया गया और अब इन 3 कानूनों के जरिए देश के 2 लोगों के लिए किसानों को रास्ते से हटाया जा रहा है.

मैं अपनी जिम्मेदारी पूरा कर रहा हूं

उन्होंने कहा कि कोरोना काल में बड़े उद्योगपतियों का लाखों करोड़ कर्जा माफ किया गया, लेकिन उसी कोरोना के समय लाखों मजदूरों ने रेलवे और बस का टिकट घर जाने के लिए हाथ जोड़कर मांगा जो केवल 100 या ₹200 थे. लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साफ मना कर दिया. उन्होंने कहा कि मेरी जिम्मेदारी आपको सच बताने की है, नहीं सुनना है तो मत सुनो लेकिन मैं अपनी जिम्मेदारी पूरी कर रहा हूं.

बजट भाषण में सिर्फ किसानों की बातें

राहुल गांधी ने कहा कि मैंने बजट भाषण के समय केवल किसानों की बातें रखी. जिस तरीके से सदन में सैनिकों, प्राकृतिक आपदा में जान गंवाने वालों और सांसदों के निधन पर श्रद्धांजलि दी जाती है उसी तरीके से मैंने संसद में 2 मिनट का मौन रखा. मेरे साथ विपक्ष के तो सभी सांसदों ने मौन रखा, लेकिन भाजपा का एक भी सांसद और मंत्री शामिल नहीं था.

2 मिनट का मौन रखकर क्या कोई गलती की है...

गांधी ने कहा कि मैंने किसानों के लिए 2 मिनट मौन रखकर क्या कोई गलती की है और अगर कोई गलती की है तो फिर यह गलती मैं आगे भी दोहराता रहूंगा. उन्होंने कहा कि मैं स्पीकर को भी यह लिख कर दूंगा कि किसान आंदोलन में शहीद हुए किसानों के लिए संसद में 2 मिनट का मौन रखा जाए.

पढ़ें- रूपनगढ़ ट्रैक्टर किसान सभा: सचिन पायलट को मंच पर नहीं मिली जगह

जाट वोटरों को लुभाने का प्रयास

राहुल गांधी शनिवार को अपने दौरे की शुरुआत में लोक देवता तेजाजी के मंदिर में पूजा करने सुरसुरा पहुंचे. लोक देवता तेजाजी को शिवजी का 11वां अवतार माना जाता है. राजस्थान, हरियाणा, यूपी और मध्य प्रदेश में तेजाजी को पूजा जाता है. जाट समुदाय तेजाजी को ना सिर्फ अपना आराध्य बल्कि आदर्श भी मानता है. ऐसे में सुरसुरा के तेजाजी मंदिर के दर्शन से उन्होंने जाट वोटरों को लुभाने का प्रयास किया है.

Kisan Mahapanchayat in Rajasthan,  Rahul Gandhi visit to Ajmer
तेजाजी के मंदिर में दर्शन

काफिले के सामने लगे मोदी-मोदी के नारे

मंदिर में पूजा करने के लिए राहुल गांधी के साथ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेश अध्यक्ष गोविंद डोटासरा, संगठन महामंत्री केसी वेणुगोपाल, प्रदेश प्रभारी अजय माकन और पूर्व अध्यक्ष सचिन पायलट समेत मंत्री मौजूद रहे. सुरसुरा में जब राहुल गांधी ने आहुति दी तो उस समय मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेश अध्यक्ष गोविंद डोटासरा के साथ ही सचिन पायलट भी आहुति देते हुए दिखाई दिए. राहुल गांधी जब सुरसुरा गांव से निकले तो उनके काफिले के सामने ही कई लोगों ने मोदी-मोदी के नारे भी लगा दिए.

खुद ट्रैक्टर चलाकर पहुंचे सभा स्थल

राहुल गांधी ट्रैक्टर पर सवार होकर जब रूपनगढ़ की सभा में पहुंचे तो उनके ट्रैक्टर पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और गोविंद डोटासरा बैठे हुए थे. खुद राहुल गांधी ट्रैक्टर को ड्राइव कर सभा स्थल तक पहुंचे. इसके बाद सभा स्थल जिसे ट्रैक्टर और उसकी ट्रॉलियों को जोड़कर बनाया गया था, उसमें राहुल गांधी के भाषण से पहले केवल मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का भाषण हुआ और मंच पर भी राहुल गांधी के साथ केवल मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ही मौजूद रहे.

Kisan Mahapanchayat in Rajasthan,  Rahul Gandhi visit to Ajmer
खुद ट्रैक्टर चलाकर पहुंचे सभा स्थल

परबतसर में ऊंट गाड़ी पर सवार हुए राहुल गांधी

रूपनगढ़ से निकल कर जब राहुल गांधी मकराना जा रहे थे तो बीच में परबतसर विधानसभा में ऊंट गाड़ी पर भी सवार हुए. ऊंट गाड़ी में कांग्रेस के परबतसर विधायक रामनिवास गावड़िया, प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और राहुल गांधी मौजूद रहे.

पढ़ें- अजमेर: राहुल गांधी ने वीर तेजाजी महाराज मंदिर में की पूजा-अर्चना

मकराना में सचिन पायलट ने भी दिया भाषण

पूरे दौरे में अलग-अलग दिखाई दे रहे सचिन पायलट को शनिवार को मकराना में राहुल गांधी की अंतिम सभा में भाषण देने का मौका मिला. हालांकि, सचिन पायलट के नारे सुरसुरा, रूपनगढ़ और मकराना में लगे, लेकिन भाषण देने का मौका उन्हें मकराना में दिया गया. मकराना में सचिन पायलट के साथ ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेश अध्यक्ष गोविंद डोटासरा, यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीवी श्रीनिवास, नागौर के जिला अध्यक्ष जाकिर जैसावत और सांसद प्रत्याशी रहीं ज्योति मिर्धा ने भी भाषण दिए.

2 दिन में मंच पर बैठने के लिए 4 अलग-अलग अंदाज

राहुल गांधी ने 2 दिन में 3 किसान महापंचायत और एक किसान संवाद कार्यक्रम में भाग लिया. पीलीबंगा किसान पंचायत में मंच पर बैठने के लिए खाट का इस्तेमाल किया गया तो पदमपुरा में नेता मुड्डो पर बैठे. वहीं, रूपनगढ़ में ट्रैक्टर ट्रॉलियों पर ही मंच बना दिया गया. इसके बाद आखिरी सभा मकराना में सभी नेता कुर्सियों पर बैठे हुए नजर आए.

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