जयपुर . कांग्रेस की गहलोत सरकार किसान कर्जमाफी को जहां ठोस कदम के रूप में बताते हुए अपनी पीठ थपथपा रही है. वहीं, राज्य में अब तक हुई किसान कर्जमाफी का आकड़ा सामने आने के बाद सरकार पर सवाल उठने लगे हैं. राज्य में करीब 32 फीसदी किसानों के केवल 50 रुपए लेकर 15 हजार रुपए तक के कर्जमाफ हुए हैं. जिसके बाद गहलोत सरकार के दावे पर तमाम उंगलियां उठने लगी है.
सहकारिता विभाग की ओर से जारी आकड़े के मुताबिक 7 फरवरी से राज्य में किसान कर्जमाफी शुरू हुई. इसके तहत 1 मार्च तक राज्य में 20.64 लाख किसानों के करीब 7 हजार करोड़ रुपए के कर्जमाफ हुए हैं. लेकिन, इसमें खास बात यह है कि कर्जमाफी के दौरान करीब 32 फीसदी किसानों को 50 रुपए से लेकर 15 हजार रुपए तक की कर्जमाफी मिली है. वहीं, करीब 3.2 लाख किसानों के 5 से लेकर 10 हजार रुपए तक के कर्ज माफ हुए हैं. विभागीय स्तर पर जारी आकड़े के मुताबिक केवल 1007 किसानों के 3 लाख रुपए और इससे अधिक के कर्जमाफ हुए हैं. वहीं, 2268 किसान ऐसे हैं जिन्हें 2 से 2.5 लाख रुपए के बीच कर्ज में छूट मिली है. इस आकड़े के मुताबिक करीब 5 फीसदी किसान ऐसे हैं, जिन्हें 1 लाख रुपए और इससे अधिक की कर्जमाफी मिली है. किसान कर्जमाफी को लेकर जारी हुए इस आकड़े के बाद भाजपा हमलावर हो गई है.
भाजपा के वरिष्ठ नेता गुलाबचंद कटारिया ने कहा है कि गहलोत सरकार ने कर्जमाफी को लेकर जो बातें कही, यह आकड़ा उसका सच है. उन्होंने कहा कि सरकार ने केवल सहकारी बैंकों से लिए कर्ज माफ किए हैं, जो हमने पहले ही कर दिया है. कटारिया ने आरोप लगाया कि गहलोत सरकार उन किसानों को भी इस योजना में शामिल कर रही है, जिन्हें हमारी योजना से पूर्व में फायदा मिला था. किसान कर्जमाफी को लेकर सामने आए इन आकड़ों के बाद गहलोत सरकार घिरती हुई दिखाई देने लगी है. आपको बता दें विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने किसान कर्जमाफी का कार्ड खेला था. इसका असर सियासी जमीन पर देखने को भी मिला. चुनाव के दौरान कांग्रेस जीत हासिल करते हुए सरकार बनाने में कामयाब रही. उसके बाद सीएम अशोक गहलोत ने किसान कर्जमाफी की घोषणा करते हुए चुनावी वादे को पूरा करने की बात कही. घोषणा के बाद सरकार जहां अपने इस कदम को ठोस कदम बताते हुए वाह-वाही लूटने में लगी है. वहीं, भाजपा इस योजना को लेकर सरकार को घेरने में जुटी है. भाजपा नेताओं का कहना है कि कांग्रेस ने संपूर्ण कर्जमाफी की बात कही थी. उन्होंने कहा कि सामने आए आकड़ों ने सारे दावे की पोल खोल दी है.