जयपुर. राजस्थान में किसानों की दौसा और अलवर में हुई जमीन नीलामी (Land Auction in Rajasthan) के मामले में जमकर राजनीति चल रही है. जहां एक ओर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कांग्रेस के नेता राज्यपाल पर 5 एकड़ जमीन वाले किसानों की कृषि भूमि नीलाम नहीं करने के लिए लाए गए विधेयक को राज्यपाल द्वारा रोके जाने के आरोप लगा रहे हैं तो वहीं राजस्थान भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनिया ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर किसानों की कर्जमाफी का कांग्रेस का वादा याद दिलाया है.
इस मामले में राजस्थान के पीएचईडी मंत्री महेश जोशी ने कहा कि सतीश पूनिया (PHED Minister Targeted Satish Poonia) कुछ भी लिख सकते हैं और कुछ भी कह सकते हैं. क्योंकि भाजपा में इस समय बयान देने में किसका वर्चस्व ज्यादा है, इस बात की लड़ाई चल रही है. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष कोई तथ्यात्मक बात नहीं करते, वे केवल आरोप लगाने के काम करते हैं. बिना तथ्यों के आरोप लगाने की उनकी अब आदत बन गई है. जबकि राजस्थान सरकार ने किसानों का सहकारी बैंकों और सरकारी विभाग के बैंकों का कर्ज माफ किया है. इस समस्या के निदान के लिए राजस्थान विधानसभा से कांग्रेस सरकार जो बिल लेकर आई, उसे भाजपा राज्यपाल पर दबाव बनाकर हस्ताक्षर करने से रोक रही है.
जोशी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की केंद्र सरकार (Mahesh Joshi Alleged Central Government) राज्यपालों पर दबाव बनाती है, ताकि कोई राज्य अगर अच्छे कानून आम जनता के लिए बना भी दे तो उसे रोका जा सके, ताकि इसका राजनीतिक लाभ भाजपा को मिले. उन्होंने कहा कि भाजपा की केंद्र सरकार लगातार यही कर रही है और जिस तरीके से आईएएस अधिकारियों के Rules में परिवर्तन करने की बात हुई, वह भी फेडरल सिस्टम को कमजोर करने की केंद्र सरकार की एक साजिश है. महेश जोशी ने कहा कि राज्यपाल पर दबाव बनाया जाता है कि वह जनता के हितों वाले गैर भाजपा शासित राज्यों के कानूनों को किस तरीके से रोक सके.