जयपुर. लुटेरों की इस गैंग ने क्लीनिक में घुसने के बाद न केवल वहां मौजूद कर्मचारी से नकदी लूटी बल्कि मारपीट कर उसे अगवा किया (Jaipur Gang of Fake Officers). इसके बाद पीड़ित के घरवालों से फोन-पे के जरिए राशि मंगवाई, जिसे एटीएम और ईमित्र से निकलवाने के बाद पीड़ित को सुनसान जगह छोड़कर फरार हो गए. इस पूरे घटनाक्रम को लेकर टोंक उनियारा निवासी पीड़ित धीरज जायसवाल ने शनिवार को मुहाना थाने में मुकदमा दर्ज करवाया (Fake CMHO Team Loots Clinic In Jaipur) है.
इस तरह से बदमाशों ने दिया वारदात को अंजाम: मुहाना थानाधिकारी लखन सिंह खटाना ने बताया कि यह पूरा घटनाक्रम शुक्रवार दोपहर का है, जहां मुहाना मंडी गेट नंबर 2 के पास स्थित डॉ.एसएस शर्मा की क्लीनिक में काम करने वाला कर्मचारी धीरज जायसवाल मौजूद था. तभी एक बोलेरो गाड़ी में सवार होकर तीन व्यक्ति क्लीनिक के बाहर आकर रुके और क्लीनिक के अंदर घुसते ही बदमाशों ने अपना परिचय सीएमएचओ अधिकारी व टीम के रूप में दिया.
इसके बाद बदमाश कुछ देर तक क्लीनिक में रखी हुई दवाओं को टटोलने का नाटक करने लगे और फिर धीरज को बंधक बनाकर उसकी जेब में रखे 7 हजार रुपए लूट लिए. इसके बाद बदमाश धीरज को बंधक बनाकर अपने साथ कार में डालने लगे. तभी क्लीनिक पर मौजूद दूसरा कर्मचारी पालतू कुत्ते को टहला कर वापस लौटा. उसने जब बदमाशों से धीरज को साथ ले जाने का कारण पूछा तो बदमाशों ने कहा कि कार्यालय जाकर इससे पूछताछ करनी है (Jaipur Gang of Fake Officers).
बंधक बना ऐंठे 45 हजार: तीनों बदमाश पीड़ित को बंधक बनाने के बाद कार में ही आसपास के एरिया में काफी देर तक घुमाते रहे और छोड़ने की एवज में एक लाख रुपए की डिमांड करने लगे. इस पर पीड़ित ने इतनी राशि नहीं होने की बात कही तब बदमाशों ने जितनी भी राशि अधिकतम हो सके उसे अरेंज करवाने के लिए कहा. इसके बाद पीड़ित ने अपने भाई महेश कुमार को फोन कर रुपयों की व्यवस्था करने के लिए कहा जिस पर महेश ने पीड़ित के फोन-पे पर पर 45 हजार रुपए भेज दिए.
धमकी दे हुए फरार: इसके बाद बदमाशों ने परिवादी के एटीएम के माध्यम से 25 हजार रुपए निकलवाए और 18 हजार रुपए पास स्थित एक ईमित्र के संचालक को फोन-पे करवा कर नकद प्राप्त कर लिए. इसके बाद बदमाश पीड़ित को मुहाना रोड पर सुनसान जगह छोड़ किसी को भी कुछ बताने पर जान से मारने की धमकी देकर फरार हो गए. इसके बाद पीड़ित राहगीरों से मदद मांग रात को क्लीनिक पर पहुंचा और वहां मौजूद दूसरे कर्मचारी को आपबीती बताई.
इसके बाद क्लीनिक संचालक चिकित्सक को सूचना दी गई और शनिवार को पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई गई. बदमाश जिस गाड़ी में सवार होकर आए थे उस पर उन्होंने फर्जी नंबर प्लेट लगा रखी थी, जो सेल्स टैक्स विभाग के एक वाहन की पाई गई है.फिलहाल पुलिस सीसीटीवी फुटेज के आधार पर तीनों बदमाशों को आईडेंटिफाई कर पकड़ने का प्रयास कर रही है.
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गौरतलब है कि इसी तरह से बदमाशों ने गत माह गलता गेट थाना इलाके में इनकम टैक्स अधिकारी बन एक व्यापारी के घर में घुस परिवार के सभी सदस्यों को बंधक बना लाखों रुपए लूटे थे. वहीं अक्टूबर माह में मानसरोवर थाना इलाके में बदमाशों ने खुद को एसीबी अधिकारी बता 1 रिटायर्ड एडीजे के मकान में घुस परिवार के सदस्यों को बंधक बना भी लूट की वारदात को अंजाम दिया गया था.