जयपुर. 20 अगस्त को ग्रेटर और हेरिटेज नगर निगम क्षेत्र में कुल 20 इंदिरा रसोई (Indira Kitchen Scheme) की शुरुआत की गई लेकिन इनमें अस्पतालों में बनाई गई इंदिरा रसोई को छोड़ दिया जाए, तो किसी में भी 100 से ज्यादा लोग भोजन के लिए नहीं पहुंच रहे हैं. फिलहाल, हेरिटेज नगर निगम क्षेत्र में 23 फीसदी जबकि ग्रेटर नगर निगम क्षेत्र में महज 24 फीसदी थाली की ही मांग है.
राज्य की गहलोत सरकार (Gehlot Government) ने राजीव गांधी के जन्मदिन पर प्रदेश में इंदिरा रसोई योजना शुरूआत की. इसके लिए पूर्वर्ती वसुंधरा सरकार की अन्नपूर्णा रसोई योजना का स्वरूप बदल दिया गया. राजधानी जयपुर में भी हेरिटेज और ग्रेटर नगर निगम क्षेत्रों में इसकी शुरुआत की गई. यहां 20 रसोइयों का संचालन हो रहा है. हालांकि, गरीब और जरूरतमंद लोगों को 8 रुपए में पौष्टिक भोजन देने की ये कवायद फेल साबित हो रही है.
यह भी पढ़ें. देश की GDP बेहद कमजोर, इस समय लॉकडाउन संभव नहीं: रघु शर्मा
रसोई में सुबह शाम रोजाना 300-300 लोगों का भोजन पहुंच रहा है. इस थाली की कीमत 20 रुपए पड़ रही है. जिसमें 12 राज्य सरकार वहन कर रही है. ये फिलहाल घाटे का सौदा साबित हो रहा है. अस्पतालों में बनाई गई इंदिरा रसोई को छोड़ दिया जाए, तो किसी में भी 100 से ज्यादा लोग भोजन के लिए नहीं पहुंच रहे. जगतपुरा स्थित रसोई में तो महज 6 लोग ही भोजन के लिए पहुंचे. फिलहाल, हेरिटेज नगर निगम क्षेत्र में 23 फीसदी जबकि ग्रेटर नगर निगम क्षेत्र में महज 24 फीसदी थाली का ही इस्तेमाल हो रहा है.
हेरिटेज नगर निगम इंदिरा रसोई :
रसोई | लंच |
अंबेडकर भवन | 90 |
सामुदायिक केंद्र भट्टा बस्ती | 132 |
सामुदायिक केंद्र राजामल तालाब | 46 |
सिंधी कैंप बस स्टैंड | 92 |
जनाना हॉस्पिटल चांदपोल | 138 |
गणगौरी हॉस्पिटल | 103 |
टिला नंबर 5 जवाहर नगर | 14 |
रेन बसेरा बडोडिया बस्ती | 46 |
सामुदायिक केंद्र सुशीलपुरा | 18 |
सामुदायिक केंद्र वार्ड नंबर 78 | 33 |
ग्रेटर नगर निगम इंदिरा रसोई :
रसोई | लंच |
मुहाना मंडी | 66 |
वीकेआई इंडस्ट्रियल एरिया | 39 |
सांगानेर पुलिया | 68 |
रेन बसेरा थड़ी मार्केट | 35 |
लाल कोठी | 46 |
कालवाड़ रोड | 48 |
जगतपुरा | 6 |
महिला चिकित्सालय | 139 |
SMS हॉस्पिटल | 174 |
जेके लोन हॉस्पिटल | 122 |
इस संबंध में ग्रेटर नगर निगम कमिश्नर ने अजीबोगरीब जवाब देकर नाकामी छुपाने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि लोगों को भोजन कराने के लिए ऐसे स्थान चुने गए हैं, जहां बैठा कर भोजन कराया जा सके. जबकि जयपुर के लोगों की वैन के माध्यम से भोजन लेने की प्रकृति रही है. ऐसे में एक स्थान पर जाने में लोगों को अभी कठिनाई हो रही है लेकिन प्रचार के माध्यम से संख्या में बढ़ोतरी करने की कोशिश की जाएगी. उन्होंने कहा कि 8% से शुरुआत की गई थी, जो अब 20% तक जा पहुंची है. जरूरत पड़ी तो अब इंदिरा रसोई की ब्रांच भी शुरू की जाएंगी.
इंदिरा रसोई योजना को लेकर स्वायत्त शासन सचिव भवानी सिंह देथा ने भी निगम पहुंचकर अधिकारियों की क्लास ली. साथ ही कैंटीन में लाभार्थियों की कम संख्या होने पर चिंता जाहिर की. वहीं योजना के व्यापक प्रचार-प्रसार के निर्देश भी दिए.