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RU में खिले गुलदाउदी के फूल, 5 दिसंबर से शुरू होगी प्रदर्शनी - जयपुर में गुलदाउदी के फूलों की प्रदर्शनी

जयपुर में गुलदाउदी के फूलों का इंतजार करने वाले लोगों का इंतजार अब जल्द खत्म होने वाला है. दरअसल, राजस्थान यूनिवर्सिटी के गार्डन में गुलदाउदी के फूलों को तैयार किया जा रहा है. गुलदाउदी के फूलों की प्रदर्शनी 5 दिसंबर से शुरू होगी.

5 दिसंबर से शुरू होगी प्रदर्शनी, The exhibition will begin on 5 December, जयपुर में गुलदाउदी के फूलों की प्रदर्शनी, Exhibition of chrysanthemum flowers in Jaipur
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Published : Nov 24, 2019, 7:55 PM IST

जयपुर. राजस्थान यूनिवर्सिटी के गार्डन में इन दिनों गुलदाउदी को तैयार किया जा रहा है. लेकिन इस बार गुलदाउदी का इंतजार कर रहे प्रशंसकों के लिए अच्छी खबर ये है कि गुलदाउदी प्रदर्शनी 5 दिसंबर से शुरू हो रही है. हालांकि, मौसम की वजह से इस बार गुलदाउदी को तैयार होने में समय लगा है.

गुलदाउदी के फूलों की प्रदर्शनी 5 दिसंबर से होगी शुरू

राजस्थान विश्वविद्यालय में 1986 से ही हर साल गुलदाउदी के फूलों की प्रदर्शनी लगाई जाती आ रही है. जिसके माध्यम से गुलदाउदी के चाहने वालों को अपनी पसंद के फूल चुनने में आसानी होती है. इस बार लगभग 30 से 35 किस्में गुलदाउदी की तैयार की गई है. हालांकि, पिछले साल के मुकाबले गुलदाउदी की किस्मों में कमी आई है. वहीं, इस बार 3300 गमले ही तैयार किए गए है.

पढ़ेंः भोजन की तलाश में आते है पैंथर आबादी वाले क्षेत्रों में: वन विभाग

गुलदाउदी के पौधे आंगन की शान बढ़ाते है. वहीं, फूलों को चाहने वालों में इसका खास क्रेज होता है. जितना इन फूलों का महत्व होता है, उससे ज्यादा मुश्किल इन फूलों को संभालना होता है. तापमान के अनुसार और सही समय पर पानी देने को लेकर विशेष ध्यान रखा जाता है.

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फिलहाल, विश्वविद्यालय की नर्सरी में इन फूलों की खेप को तैयार किया जा रहा है. जानकारी के अनुसार हर गमले की कीमत 100 रुपए रखी जाएगी. गुलदाउदी के चाहने वालों को हर साल इस प्रदर्शनी का बड़ी ही बेसब्री से इंतजार रहता है. क्योंकि उन्हें एक ही छत के नीचे गुलदाउदी की सभी किस्में मिल जाती हैं.

जयपुर. राजस्थान यूनिवर्सिटी के गार्डन में इन दिनों गुलदाउदी को तैयार किया जा रहा है. लेकिन इस बार गुलदाउदी का इंतजार कर रहे प्रशंसकों के लिए अच्छी खबर ये है कि गुलदाउदी प्रदर्शनी 5 दिसंबर से शुरू हो रही है. हालांकि, मौसम की वजह से इस बार गुलदाउदी को तैयार होने में समय लगा है.

गुलदाउदी के फूलों की प्रदर्शनी 5 दिसंबर से होगी शुरू

राजस्थान विश्वविद्यालय में 1986 से ही हर साल गुलदाउदी के फूलों की प्रदर्शनी लगाई जाती आ रही है. जिसके माध्यम से गुलदाउदी के चाहने वालों को अपनी पसंद के फूल चुनने में आसानी होती है. इस बार लगभग 30 से 35 किस्में गुलदाउदी की तैयार की गई है. हालांकि, पिछले साल के मुकाबले गुलदाउदी की किस्मों में कमी आई है. वहीं, इस बार 3300 गमले ही तैयार किए गए है.

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गुलदाउदी के पौधे आंगन की शान बढ़ाते है. वहीं, फूलों को चाहने वालों में इसका खास क्रेज होता है. जितना इन फूलों का महत्व होता है, उससे ज्यादा मुश्किल इन फूलों को संभालना होता है. तापमान के अनुसार और सही समय पर पानी देने को लेकर विशेष ध्यान रखा जाता है.

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फिलहाल, विश्वविद्यालय की नर्सरी में इन फूलों की खेप को तैयार किया जा रहा है. जानकारी के अनुसार हर गमले की कीमत 100 रुपए रखी जाएगी. गुलदाउदी के चाहने वालों को हर साल इस प्रदर्शनी का बड़ी ही बेसब्री से इंतजार रहता है. क्योंकि उन्हें एक ही छत के नीचे गुलदाउदी की सभी किस्में मिल जाती हैं.

Intro:जयपुर- राजस्थान यूनिवर्सिटी के गार्डन में इन दिनों गुलदाउदी को तैयार किया जा रहा है, लेकिन इस बार गुलदाउदी का इंतजार कर रहे प्रशंसकों के लिए अच्छी खबर ये है कि गुलदाउदी प्रदर्शनी 5 दिसंबर से शुरू हो रही है। हालांकि मौसम की वजह से इस बार गुलदाउदी को तैयार होने में समय लगा है।

राजस्थान विश्वविद्यालय में 1986 से ही हर साल गुलदाउदी के फूलों की प्रदर्शनी लगाई जाती आ रही है, जिसके माध्यम से गुलदाउदी के चाहने वालों को अपनी पसंद के फूल चुनने में आसानी होती है। इस बार लगभग 30 से 35 किस्में तैयार की गई है। हालांकि पिछले वर्षों के मुकाबले किस्मों में कमी आई है तो वहीं 3300 गमले ही तैयार किए गए है

गुलदावदी के पौधे आंगन की शान बढ़ाते है वहीं फूलों के चाहने वालों में इसका खासा क्रेज होता है। जितना इन फूलों का महत्व होता है उससे ज्यादा मुश्किल इन फूलों की संभाल करना होता है। तापमान के अनुसार व सही समय पर पानी देने को लेकर विशेष ध्यान रखा जाता है। फिलहाल विश्वविद्यालय की नर्सरी में इन फूलों की खेप को तैयार किया जा रहा है वहीं लोगों को अधिक से अधिक आकर्षित करने के लिए भी प्रयास किए जा रहे है। हर गमले की कीमत 100 रूपए रखी जाएगी।
Body:गुलदाउदी के चाहने वालों को हर साल इस प्रदर्शनी का बड़ी ही बेसब्री से इंतजार रहता है क्योंकि एक ही छत के नीचे गुलदावदी की सभी किस्में मिल जाती हैं लेकिन इस बार गमले कम होने की वजह से गुलदाउदी के लिए मारामारी हो सकती है।

बाइट- रामस्वरूप सैनी, गार्डन माली
बाइट- गोपाल सैनी, गार्डन मालीConclusion:
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