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Exclusive : मिलिए उस राजनेता से जो शिक्षा पर सियासत नहीं, सुधार के लिए कर रहा मेहनत...

राजस्थान में शिक्षा विभाग और उसका पाठ्यक्रम लंबे समय से सियासत के चलते सुर्खियों में रहा है. लेकिन वरिष्ठ भाजपा विधायक गुलाबचंद कटारिया की सोच इसस परे है. वह सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर बढ़ाने के लिए अलग प्रयास कर रहें हैं, जिसके नतीजे अब दिखने लगे हैं.

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नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया से खास बातचीत
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Published : Feb 9, 2020, 3:06 PM IST

जयपुर. प्रदेश में शिक्षा पर राजनीतिक जंग का सिलसिला जारी है. लेकिन इसी बीच एक सियासतदार ऐसा भी है जो सरकारी स्कूलों में शिक्षा के स्तर को ऊंचा उठाने के ना केवल अपना विधायक फंड बल्कि अन्य राजनेताओं को भी प्रेरित कर उनके फंड की राशि इस दिशा में खर्च करवा रहा है. यहां बात हो रही है नेता प्रतिपक्ष और वरिष्ठ भाजपा विधायक गुलाबचंद कटारिया की.

नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया से खास बातचीत

विधायक गुलाबचंद कटारिया ने साल 2016 में अपने विधानसभा क्षेत्र से इस अभिनव पहल की शुरुआत की और आज पूरा उदयपुर जिला इसमें अपनी भागीदारी निभा रहा है.

नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया

80 परसेंट लाने पर विधायक निधि से स्कूल को मिलेगी मदद

गुलाबचंद कटारिया उदयपुर से आते हैं और साल 2016 में उन्होंने सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर बढ़ाने के लिए एक अनूठी पहल की. कटारिया ने ऐलान किया कि उनके क्षेत्र में आने वाले सरकारी स्कूल में यदि कोई छात्र-छात्रा 10वीं या 12वीं की बोर्ड परीक्षा में 80 परसेंट या उससे अधिक अंक लेकर आते हैं तो संस्था प्रधान को स्कूल के विकास के लिए प्रति छात्र 50,000 रुपए कटारिया अपने विधायक फंड से देंगे.

यह भी पढ़ें : बजट से आस : जयपुरवासियों की सरकार से क्या हैं उम्मीदें...जानिए

जिसका मतलब है कि जिस स्कूल में बोर्ड की एग्जाम में जितने बच्चे 80 पर्सेंट या उससे अधिक अंक लेकर आए, उस स्कूल प्रधान को उतने ही मेघावी छात्रों की संख्या के आधार पर प्रति छात्र 50,000 दिए जाते हैं. बता दें कि पहले वर्ष में करीब 175 बच्चे इस क्राइटेरिया में आए. जिसके चलते स्कूलों के विकास के लिए विधायक फंड से पैसा दिया गया.

एक विधानसभा से शुरू हुई यह पहल

बता दें कि विधायक गुलाबचंद कटारिया ने यह पहल तब की थी जब वो प्रदेश सरकार में गृह मंत्री थे, लेकिन धीरे-धीरे उन्होंने अपनी इस पहल में उदयपुर जिले में आने वाले भाजपा के अन्य विधायकों को भी जोड़ा. वहीं जिन जिलों में भाजपा के विधायक नहीं थे, वहां के स्कूलों में 80 प्रतिशत अंक लाने वाले छात्र-छात्राओं के सरकारी स्कूलों को वहां के सांसद फंड से राशि दिलवाई गई.

2019 में दिए गए 1 करोड़ 15 लाख रुपए

पहले वर्ष में जो आंकड़ा175 का था, साल 2019 में 542 बच्चों तक पहुंच चुका है और इसकी एवज में मौजूदा वित्तीय वर्ष में कटारिया और जिले के अन्य विधायकों ने अपने सरकारी कोष से 1 करोड़ 15 लाख रुपए इन सरकारी स्कूल के प्रधानों को दिए हैं. अब गुलाब सिंह कटारिया का कहना है कि वह अपनी इस मुहिम को उदयपुर संभाग में फेलाएंगे और अन्य जनप्रतिनिधियों को भी इसमें जोड़ने का प्रयास करेंगे.

यह भी पढे़ं : Special : पूरी पंचायत को करेंगे कचरा मुक्त.....पदभार ग्रहण करने से पहले सरपंच का स्वच्छता संकल्प

अटल जी की जयंती पर किया जाता है पुरस्कृत

साल भर में एक बार स्वर्गीय सुंदर सिंह भंडारी ट्रस्ट के बैनर तले पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती यानी 25 दिसंबर में यह कार्यक्रम होता है. जिसमें बच्चों और उनके संस्था प्रधानों को सम्मानित भी किया जाता है और राशि आवंटित की जाती है. कटारिया के अनुसार इस राशि से संस्था प्रधान अपने स्कूल के मुताबिक कुछ भी विकास कार्य करवाने के लिए स्वतंत्र होते हैं.

जयपुर. प्रदेश में शिक्षा पर राजनीतिक जंग का सिलसिला जारी है. लेकिन इसी बीच एक सियासतदार ऐसा भी है जो सरकारी स्कूलों में शिक्षा के स्तर को ऊंचा उठाने के ना केवल अपना विधायक फंड बल्कि अन्य राजनेताओं को भी प्रेरित कर उनके फंड की राशि इस दिशा में खर्च करवा रहा है. यहां बात हो रही है नेता प्रतिपक्ष और वरिष्ठ भाजपा विधायक गुलाबचंद कटारिया की.

नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया से खास बातचीत

विधायक गुलाबचंद कटारिया ने साल 2016 में अपने विधानसभा क्षेत्र से इस अभिनव पहल की शुरुआत की और आज पूरा उदयपुर जिला इसमें अपनी भागीदारी निभा रहा है.

नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया

80 परसेंट लाने पर विधायक निधि से स्कूल को मिलेगी मदद

गुलाबचंद कटारिया उदयपुर से आते हैं और साल 2016 में उन्होंने सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर बढ़ाने के लिए एक अनूठी पहल की. कटारिया ने ऐलान किया कि उनके क्षेत्र में आने वाले सरकारी स्कूल में यदि कोई छात्र-छात्रा 10वीं या 12वीं की बोर्ड परीक्षा में 80 परसेंट या उससे अधिक अंक लेकर आते हैं तो संस्था प्रधान को स्कूल के विकास के लिए प्रति छात्र 50,000 रुपए कटारिया अपने विधायक फंड से देंगे.

यह भी पढ़ें : बजट से आस : जयपुरवासियों की सरकार से क्या हैं उम्मीदें...जानिए

जिसका मतलब है कि जिस स्कूल में बोर्ड की एग्जाम में जितने बच्चे 80 पर्सेंट या उससे अधिक अंक लेकर आए, उस स्कूल प्रधान को उतने ही मेघावी छात्रों की संख्या के आधार पर प्रति छात्र 50,000 दिए जाते हैं. बता दें कि पहले वर्ष में करीब 175 बच्चे इस क्राइटेरिया में आए. जिसके चलते स्कूलों के विकास के लिए विधायक फंड से पैसा दिया गया.

एक विधानसभा से शुरू हुई यह पहल

बता दें कि विधायक गुलाबचंद कटारिया ने यह पहल तब की थी जब वो प्रदेश सरकार में गृह मंत्री थे, लेकिन धीरे-धीरे उन्होंने अपनी इस पहल में उदयपुर जिले में आने वाले भाजपा के अन्य विधायकों को भी जोड़ा. वहीं जिन जिलों में भाजपा के विधायक नहीं थे, वहां के स्कूलों में 80 प्रतिशत अंक लाने वाले छात्र-छात्राओं के सरकारी स्कूलों को वहां के सांसद फंड से राशि दिलवाई गई.

2019 में दिए गए 1 करोड़ 15 लाख रुपए

पहले वर्ष में जो आंकड़ा175 का था, साल 2019 में 542 बच्चों तक पहुंच चुका है और इसकी एवज में मौजूदा वित्तीय वर्ष में कटारिया और जिले के अन्य विधायकों ने अपने सरकारी कोष से 1 करोड़ 15 लाख रुपए इन सरकारी स्कूल के प्रधानों को दिए हैं. अब गुलाब सिंह कटारिया का कहना है कि वह अपनी इस मुहिम को उदयपुर संभाग में फेलाएंगे और अन्य जनप्रतिनिधियों को भी इसमें जोड़ने का प्रयास करेंगे.

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अटल जी की जयंती पर किया जाता है पुरस्कृत

साल भर में एक बार स्वर्गीय सुंदर सिंह भंडारी ट्रस्ट के बैनर तले पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती यानी 25 दिसंबर में यह कार्यक्रम होता है. जिसमें बच्चों और उनके संस्था प्रधानों को सम्मानित भी किया जाता है और राशि आवंटित की जाती है. कटारिया के अनुसार इस राशि से संस्था प्रधान अपने स्कूल के मुताबिक कुछ भी विकास कार्य करवाने के लिए स्वतंत्र होते हैं.

Intro:(Special Report)
प्रदेश में एक राजनेता ऐसा भी जो शिक्षा पर सियासत नहीं सुधार के लिए कर रहा यह अनोखी पहल

80 परसेंट स्टूडेंट लाएं, विधायक निधि से स्कूल को मिलेगा पर स्टूडेंट की मदद

मौजूदा वित्त वर्ष में उदयपुर में 1 करोड़ 15 लाख रुपये विधायक कोष से सरकारी स्कूलों को मिले

जयपुर (इंट्रो)
प्रदेश में शिक्षा विभाग और उसका पाठ्यक्रम लंबे समय से सियासत के चलते सुर्खियों में रहा है। शिक्षा पर चल रही राजनीतिक जंग के बीच एक सियासतदार ऐसा भी है जो सरकारी स्कूलों में शिक्षा के स्तर को ऊंचा उठाने के ना केवल अपना विधायक फंड अन्य राजनेताओं को भी प्रेरित कर उनके फंड की राशि किस दिशा में खर्च करवा रहा है । हम बात कर रहे हैं नेता प्रतिपक्ष और वरिष्ठ भाजपा विधायक गुलाबचंद कटारिया की उसने साल 2016 में अपने विधानसभा क्षेत्र से इस अभिनव पहल की शुरुआत की और आज पूरा उदयपुर जिला इसमें अपनी भागीदारी निभा रहा है।

80 परसेंट स्टूडेंट लाएं, विधायक निधि से स्कूल को मिलेगा पर स्टूडेंट की मदद-

गुलाबचंद कटारिया उदयपुर से आते हैं और साल 2016 में उन्होंने सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर बढ़ाने के लिए एक अनूठी पहल की। कटारिया ने ऐलान किया कि उनके क्षेत्र में आने वाले सरकारी स्कूल में यदि कोई छात्र, छात्रा 10वीं या 12वीं की बोर्ड परीक्षा में 80 परसेंट या उससे अधिक अंक लेकर आती है तो संस्था प्रधान को स्कूल के विकास के लिए प्रति छात्र 50,000 रुपए वे अपने विधायक फंड से देंगे। मतलब जिस स्कूल में बोर्ड की एग्जाम में जितने बच्चे 80 पर्सेंट या उससे अधिक अंक लेकर आए उस स्कूल प्रधान को उतने ही मेघावी छात्रों की संख्या के आधार पर प्रति छात्र 50,000 दिए जाते है। कटारिया ने अभिनव पहल की तो पहले वर्ष करीब 175 बच्चे इस क्राइटेरिया आए इसके चलते उनके स्कूलों के विकास के लिए विधायक फंड से ऐसा दिया गया।

एक विधानसभा से शुरू हुई इस पहल में जुटे उदयपुर जिले के जनप्रतिनिधि-

इस तरह की पहल विधायक गुलाबचंद कटारिया ने की थी जब वो प्रदेश सरकार में गृह मंत्री थे लेकिन धीरे धीरे उन्होंने अपनी इस पहल में उदयपुर जिले में आने वाले भाजपा के अन्य विधायकों को भी जोड़ा और जिन जिलों में भाजपा के विधायक नहीं थे वहां के स्कूलों में 80% अंक लाने वाले छात्र-छात्राओं के सरकारी स्कूलों को वहां के सांसद फंड से यह राशि दिलवाई गई। पहले वर्ष में जहां इस अभिनव पहल से 175 बच्चे बोर्ड परीक्षाओं में 80% या अधिक अंक आए थे वहीं अब उदयपुर जिले में साल 2019 तक यह आंकड़ा 542 बच्चों तक पहुंच चुका है और इसकी एवज में मौजूदा वित्तीय वर्ष में कटारिया और जिले के अन्य विधायकों ने अपने सरकारी कोष से 1 करोड़ 15 लाख रुपए इन सरकारी स्कूल के प्रधानों को दिए है। अब गुलाब सिंह कटारिया का कहना है कि वह अपनी इस मुहिम को उदयपुर संभाग में फेलाएंगे और अन्य जनप्रतिनिधियों को भी इसमें जोड़ने का प्रयास करेंगे।


अटल जी की जयंती पर किया जाता है पुरस्कृत-

साल भर में एक बार स्वर्गीय सुंदर सिंह भंडारी ट्रस्ट के बैनर तले पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती यानी 25 दिसंबर में यह कार्यक्रम होता है, जिसमें ऐसे सभी स्कूलों के बच्चों और उनके संस्था प्रधानों को सम्मानित भी किया जाता है। इसी दौरान इन संस्था प्रधानों को इन राशि आवंटित की जाती है । कटारिया के अनुसार इस राशि से संस्था प्रधान अपने स्कूल के मुताबिक कुछ भी विकास का कार्य करवाने के लिए स्वतंत्र होता है।

Special interview- गुलाबचंद कटारिया नेता प्रतिपक्ष





Body:Special interview- गुलाबचंद कटारिया नेता प्रतिपक्ष





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