जयपुर. ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान डॉ. सतीश पूनिया ने तीनों उपचुनाव क्षेत्रों में से अंतिम 2 दिन सहाड़ा में ही कैंप करने के साथ ही, पीसीसी चीफ गोविंद डोटासरा के शिक्षकों को धमकाने और नाथी के बाड़े से जुड़े वायरल वीडियो और नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया के महाराणा प्रताप को लेकर अमर्यादित शब्दों से जुड़े घटनाक्रम का मौजूदा उपचुनाव पर पड़ने वाले प्रभाव से जुड़े सवालों पर जवाब दिया. वहीं, बतौर पार्टी प्रदेश अध्यक्ष उपचुनाव में परिणामों की जिम्मेदारी खुद पर लेने और स्टार प्रचारकों में से अधिकतर के प्रचार से दूर रहने से जुड़े सवालों पर भी स्पष्ट जवाब दिया.
सवालः आप पार्टी का नेतृत्व कर रहे हैं, लेकिन अगले 2 दिन सहाड़ा विधानसभा में पड़ाव डालेंगे, क्या सहाड़ा को पार्टी की दृष्टि से कमजोर मानते हैं ?
- जवाबः नहीं कमजोरी कहीं नहीं है, तीनों सीटों पर पार्टी मजबूत है और पार्टी जीतेगी, लेकिन चुनाव प्रचार का आखरी चरण है और कार्यकर्ता जहां डिमांड करते हैं और जहां मूवमेंट कम होता है, इससे पहले मैं सुजानगढ़ और राजसमंद मैं पर्याप्त समय दे चुका हूं वहां की टीमें भी अपना काम कर रही हैं, लेकिन सहाड़ा में कल प्रचार का अंतिम दिन है इसलिए स्थानीय इकाई ने कुछ कार्यक्रम तय किए हैं, इसलिए उसमें शिरकत करूंगा.
यह भी पढ़ेंः सियासी संकट प्रकरण में गठित कमेटी पर पायलट बोले- जल्द होना चाहिए फैसला, देरी का कोई कारण नहीं
सवालः पिछले दिनों दो-तीन बड़े घटनाक्रम हुए, जिसमें पीसीसी चीफ के 'नाथी का बाड़ा' से जुड़ा वायरल वीडियो या फिर नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया के महाराणा प्रताप को लेकर अमर्यादित शब्दों का इस्तेमाल का मामला, क्या लगता है उपचुनाव में किसे कितना फायदा और कितना नुकसान होगा ?
- जवाबः मुझे लगता है जब गुलाब कटारिया जी ने माफीनामा का वीडियो जारी कर दिया तो तमाम चीजें खत्म हो जाती हैं. उनका भावार्थ गलत नहीं था, एक्सप्रेशन जरूर गलत हो सकता है, लेकिन इतने बड़े पद पर बैठे व्यक्ति हैं, उन्होंने मान लिया इसलिए मुझे लगता है कि वो चीज वहीं खत्म हो गई, लेकिन जहां तक डोटासरा जी का सवाल है उन्होंने जो शब्द शिक्षकों के प्रति व्यक्त किए, शिक्षक एक बड़ा समुदाय है जिसका अपना सम्मान है, लेकिन डोटासरा जी के शब्दों में 'सत्ता का अहंकार' बोलता है. इसलिए मैं कोई फायदे नुकसान की बात तो नहीं करता, लेकिन जिस तरीके की चर्चाएं होती हैं, उसमें जनता को तय करना होता है कि उसका आंकलन वो कैसे करती है.
सवालः कर्मचारी महासंघ एकीकृत ने हाल ही में डोटासरा का पुतला फूंका है, लेकिन भाजपा आरोप लगा रही है कि ये उपचुनाव कांग्रेस नहीं, सरकारी अधिकारी और कर्मचारी लड़ रहे हैं और सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग किया जा रहा है, लेकिन ऐसा कैसे संभव हो सकता है ?
- जवाबः जिस तरीके की बातें आई थीं कि खान मंत्री ने खान के लोगों को धमकाने की कोशिश की, बाकी लोगों के साथ जिस तरीके से हुआ, वहां तो प्रत्यक्ष प्रमाण था. खान के लोगों ने एक वीडियो बीजेपी के पक्ष में जारी किया. उस व्यक्ति ने 3 दिन बाद दूसरा वीडियो जारी किया. वहीं, सांसद दीया कुमारी को भयभीत करने के लिए एनएसयूआई के 40-50 गुंडे होटल में पहुंचे और उस पर पुलिस ने किसी किस्म की कार्रवाई नहीं की. मुझे लगता है कि वो सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग कर रहे हैं और दुरुपयोग की ही बात हमने कही है. वहीं कर्मचारियों के मन में सरकार के प्रति आक्रोश है जो किसी से छुपा हुआ नहीं है, क्योंकि जनाक्रोश भी है और साफ तौर पर वो सरकार के खिलाफ जाएगा, लेकिन हमने साफ तौर पर उन अधिकारियों को जो कांग्रेस पार्टी के एजेंट बनकर काम कर रहे हैं उसके बारे में उन्हें चेताया है.
यह भी पढ़ेंः Exclusive : महाराणा प्रताप को लेकर इस प्रकार की भाषा शोभा नहीं देती : रघुवीर मीणा
सवालः स्टार प्रचारकों की लंबी चौड़ी सूची के बावजूद पूरी कमान उपचुनाव में आप ने संभाली हैं. सर्वाधिक दौरे अपने किए, अन्य बड़े नेताओं के नहीं आने का कोई फर्क पड़ेगा या नहीं ?
- जवाबः जिनकी जैसी उपयोगिता थी उन्होंने अपना समय दिया है. मुझे लगता है कि अब समय भी कल तक का बचा है, उसमें जिसकी जैसी उपलब्धता थी उसने समय दिया और हमने प्रचार को ठीक तरीके से किया है, क्योंकि पांच राज्यों के चुनाव के कारण नेताओं की अपनी व्यस्तता थी और साथ ही कुछ लोगों के अपने व्यक्तिगत कारण थे, इसलिए मुझे लगता है उस पर चर्चा का कोई कारण नहीं है.
सवालः आप तीनों सीटों पर उपचुनाव में जीत का दावा कर रहे हैं, जीत का सेहरा सेनापति के सिर पर बंधता है, लेकिन जो भी परिणाम आएगा क्या उसका उत्तरदायित्व भी आप लेंगे ?
- जवाबः अच्छा परिणाम आएगा तो मैं कार्यकर्ताओं को क्रेडिट देने में पीछे नहीं हटूंगा और बुरा होगा तो फांसी चढ़ने को भी तैयार हूं.