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EXCLUSIVE: चीन छोड़कर भारत आने वाली मल्टीनेशनल कंपनियों के लिए राजस्थान से खुला न्योता - श्रम मंत्री टीकाराम जूली

चीन से इंडस्ट्री बंद करके भारत आने वाली इंडस्ट्रीज को राजस्थान में लाने के लिए प्रदेश सरकार ने भारत सरकार से बात की है. श्रम मंत्री टीकाराम जूली ने बताया कि राजस्थान पहला राज्य है, जहां राज कौशल नाम से लेबर एंप्लॉयमेंट एक्सचेंज शुरू किया गया है. जिसमें 11 लाख से ज्यादा कंपनियों और 57 लाख से अधिक मजदूरों ने अपना रजिस्ट्रेशन कराया है.

Tikaram Julie interview, Tikaram Julie talks
श्रम मंत्री टीकाराम जूली से खास बातचीत
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Published : Jul 7, 2020, 9:06 PM IST

जयपुर. पूरे देश में चीनी सामान के बहिष्कार की मुहिम चल रही है. इस मुहिम के बीच राजस्थान सरकार की नजर उन इंडस्ट्री या कंपनियों पर है, जो चीन से काम बंद कर भारत में स्थापित होना चाहती हैं. इसके लिए राजस्थान सरकार ने भारत सरकार से कहा है कि जो इंडस्ट्री अपना उद्योग चीन से भारत शिफ्ट करना चाहें, उन्हें राजस्थान भेजा जाए.

श्रम मंत्री टीकाराम जूली से खास बातचीत (पार्ट-1)

इस संबंध में बात करते हुए श्रम मंत्री टीकाराम जूली ने कहा कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण के चलते 18,42,034 प्रवासी आए थे. इनमें से 14 लाख श्रमिक हैं. अब राजस्थान सरकार नहीं चाहती कि ये श्रमिक वापस दूसरे राज्यों में जाएं, इसके लिए राजस्थान सरकार इन प्रवासी श्रमिकों को राजस्थान में ही इंडस्ट्रियों, कंपनियों में रोजगार देने का प्रयास कर रही है. राजस्थान देश का पहला राज्य बना है, जिसने राज कौशल के रूप में श्रमिक रोजगार एक्सचेंज शुरू किया है.

श्रम मंत्री टीकाराम जूली से खास बातचीत (पार्ट-2)

पढ़ें- पैरामेडिकल भर्तियों में राज्य के अभ्यर्थियों का कोटा निर्धारित करे सरकार: कालीचरण सराफ

श्रम मंत्री ने बताया कि श्रमिक रोजगार एक्सचेंज के तहत श्रमिक और इंडस्ट्रीज एक दूसरे का चुनाव कर सकती है. इस एक्सचेंज में अब तक प्रदेश की 11 लाख 88 हजार 39 कंपनियों ने अपना रजिस्ट्रेशन करवाया है. वहीं अलग-अलग काम को जानने वाले 57 लाख 78 हजार 685 श्रमिकों ने इस पर अपना रजिस्ट्रेशन कराया है. मंत्री टीकाराम जूली ने कहा कि सरकार चाहती है कि इंडस्ट्री आवश्यकतानुसार इसी एक्सचेंज से लेबर लें. इसके लिए कंपनियां रजिस्टर्ड श्रमिकों में से अपने लिए योग्य श्रमिकों का चुनाव कर सकती हैं.

श्रम मंत्री टीकाराम जूली से खास बातचीत (पार्ट-3)

पढ़ें- अब राजस्थान में उठी स्थानीय बेरोजगारों को नौकरी में वरीयता देने की मांग, कांग्रेस विधायक मीणा ने CM को लिखा पत्र

वहीं मंत्री टीकाराम जूली ने कहा कि राजस्थान आने वाले प्रवासी श्रमिकों को पहले मनरेगा के तहत रोजगार दिया जा रहा है. इसके तहत 100 दिन का रोजगार इन श्रमिकों को मिल रहा है. वहीं इनको 200 दिन तक रोजगार देने के लिए राजस्थान सरकार ने केंद्र सरकार को लिखा है. उन्होंने कहा कि राजस्थान लौटे प्रवासियों के खाने-पीने के लिए सरकार की ओर से राशन के पैकेट और गेहूं दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि भारत सरकार की ओर से गेहूं नहीं देने पर राजस्थान सरकार ने अपनी ओर से खरीद कर गेहूं उपलब्ध करवाया है.

ये हैं आंकड़े

  • राजस्थान लेबर एंप्लॉयमेंट एक्सचेंज राज कौशल के कुल पंजीकृत श्रमिक 57 लाख 78 हजार 685
  • कुल पंजीकृत नियोक्ता 11 लाख 18 हजार 839
  • प्रवासी 18 लाख 42 हजार 34

इन कामों के लिए श्रमिकों ने कराया रजिस्ट्रेशन

  1. बिल्डिंग और निर्माण काम के लिए 23,20,179 श्रमिकों ने अपना रजिस्ट्रेशन कराया
  2. इलेक्ट्रॉनिक्स इलेक्ट्रिकल और कंप्यूटर के काम के लिए 70,923 श्रमिकों ने कराया अपना रजिस्ट्रेशन
  3. उद्योग एवं व्यापार से जुड़े 59,531 श्रमिकों ने अपना रजिस्ट्रेशन करवाया
  4. सेफ्टी एंड सिक्योरिटी से जुड़े 29,277 श्रमिकों ने अपना रजिस्ट्रेशन कराया
  5. 23,150 चिकित्सा से संबंधित श्रमिकों ने अपना रजिस्ट्रेशन कराया
  6. 20,360 कंसलटेंसी एजेंटों ने अपना रजिस्ट्रेशन करवाया
  7. 13,825 टू ट्रैवल्स ट्रांसपोर्ट से जुड़े श्रमिकों ने अपना रजिस्ट्रेशन किराया
  8. शादी और इवेंट से जुड़े 12,597 श्रमिकों ने अपना रजिस्ट्रेशन कराया
  9. रिपेयर और मरम्मत से जुड़े 9,870 श्रमिकों ने अपना रजिस्ट्रेशन करवाया
  10. दुलाई और सफाई से जुड़े 2,844 श्रमिकों ने अपना रजिस्ट्रेशन करवाया
  11. शिक्षा और शिक्षण के कामों में लगे 1,513 श्रमिकों ने अपना करवाया

रजिस्ट्रेशन इन श्रमिकों में से 22 लाख 33 हजार 232 श्रमिक पंजीकृत संनिर्माण श्रमिक हैं तो 12 लाख 73 हजार 814 ईईएमएस पर पंजीकृत श्रमिक हैं. 33 हज़ार 7724 श्रमिक आरएसएलडीसी से प्रशिक्षित हैं. 1 लाख 21 हजार 353 आईटीआई प्रशिक्षित हैं तो वहीं 3151 नवीन पंजीकृत श्रमिक हैं.

जयपुर. पूरे देश में चीनी सामान के बहिष्कार की मुहिम चल रही है. इस मुहिम के बीच राजस्थान सरकार की नजर उन इंडस्ट्री या कंपनियों पर है, जो चीन से काम बंद कर भारत में स्थापित होना चाहती हैं. इसके लिए राजस्थान सरकार ने भारत सरकार से कहा है कि जो इंडस्ट्री अपना उद्योग चीन से भारत शिफ्ट करना चाहें, उन्हें राजस्थान भेजा जाए.

श्रम मंत्री टीकाराम जूली से खास बातचीत (पार्ट-1)

इस संबंध में बात करते हुए श्रम मंत्री टीकाराम जूली ने कहा कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण के चलते 18,42,034 प्रवासी आए थे. इनमें से 14 लाख श्रमिक हैं. अब राजस्थान सरकार नहीं चाहती कि ये श्रमिक वापस दूसरे राज्यों में जाएं, इसके लिए राजस्थान सरकार इन प्रवासी श्रमिकों को राजस्थान में ही इंडस्ट्रियों, कंपनियों में रोजगार देने का प्रयास कर रही है. राजस्थान देश का पहला राज्य बना है, जिसने राज कौशल के रूप में श्रमिक रोजगार एक्सचेंज शुरू किया है.

श्रम मंत्री टीकाराम जूली से खास बातचीत (पार्ट-2)

पढ़ें- पैरामेडिकल भर्तियों में राज्य के अभ्यर्थियों का कोटा निर्धारित करे सरकार: कालीचरण सराफ

श्रम मंत्री ने बताया कि श्रमिक रोजगार एक्सचेंज के तहत श्रमिक और इंडस्ट्रीज एक दूसरे का चुनाव कर सकती है. इस एक्सचेंज में अब तक प्रदेश की 11 लाख 88 हजार 39 कंपनियों ने अपना रजिस्ट्रेशन करवाया है. वहीं अलग-अलग काम को जानने वाले 57 लाख 78 हजार 685 श्रमिकों ने इस पर अपना रजिस्ट्रेशन कराया है. मंत्री टीकाराम जूली ने कहा कि सरकार चाहती है कि इंडस्ट्री आवश्यकतानुसार इसी एक्सचेंज से लेबर लें. इसके लिए कंपनियां रजिस्टर्ड श्रमिकों में से अपने लिए योग्य श्रमिकों का चुनाव कर सकती हैं.

श्रम मंत्री टीकाराम जूली से खास बातचीत (पार्ट-3)

पढ़ें- अब राजस्थान में उठी स्थानीय बेरोजगारों को नौकरी में वरीयता देने की मांग, कांग्रेस विधायक मीणा ने CM को लिखा पत्र

वहीं मंत्री टीकाराम जूली ने कहा कि राजस्थान आने वाले प्रवासी श्रमिकों को पहले मनरेगा के तहत रोजगार दिया जा रहा है. इसके तहत 100 दिन का रोजगार इन श्रमिकों को मिल रहा है. वहीं इनको 200 दिन तक रोजगार देने के लिए राजस्थान सरकार ने केंद्र सरकार को लिखा है. उन्होंने कहा कि राजस्थान लौटे प्रवासियों के खाने-पीने के लिए सरकार की ओर से राशन के पैकेट और गेहूं दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि भारत सरकार की ओर से गेहूं नहीं देने पर राजस्थान सरकार ने अपनी ओर से खरीद कर गेहूं उपलब्ध करवाया है.

ये हैं आंकड़े

  • राजस्थान लेबर एंप्लॉयमेंट एक्सचेंज राज कौशल के कुल पंजीकृत श्रमिक 57 लाख 78 हजार 685
  • कुल पंजीकृत नियोक्ता 11 लाख 18 हजार 839
  • प्रवासी 18 लाख 42 हजार 34

इन कामों के लिए श्रमिकों ने कराया रजिस्ट्रेशन

  1. बिल्डिंग और निर्माण काम के लिए 23,20,179 श्रमिकों ने अपना रजिस्ट्रेशन कराया
  2. इलेक्ट्रॉनिक्स इलेक्ट्रिकल और कंप्यूटर के काम के लिए 70,923 श्रमिकों ने कराया अपना रजिस्ट्रेशन
  3. उद्योग एवं व्यापार से जुड़े 59,531 श्रमिकों ने अपना रजिस्ट्रेशन करवाया
  4. सेफ्टी एंड सिक्योरिटी से जुड़े 29,277 श्रमिकों ने अपना रजिस्ट्रेशन कराया
  5. 23,150 चिकित्सा से संबंधित श्रमिकों ने अपना रजिस्ट्रेशन कराया
  6. 20,360 कंसलटेंसी एजेंटों ने अपना रजिस्ट्रेशन करवाया
  7. 13,825 टू ट्रैवल्स ट्रांसपोर्ट से जुड़े श्रमिकों ने अपना रजिस्ट्रेशन किराया
  8. शादी और इवेंट से जुड़े 12,597 श्रमिकों ने अपना रजिस्ट्रेशन कराया
  9. रिपेयर और मरम्मत से जुड़े 9,870 श्रमिकों ने अपना रजिस्ट्रेशन करवाया
  10. दुलाई और सफाई से जुड़े 2,844 श्रमिकों ने अपना रजिस्ट्रेशन करवाया
  11. शिक्षा और शिक्षण के कामों में लगे 1,513 श्रमिकों ने अपना करवाया

रजिस्ट्रेशन इन श्रमिकों में से 22 लाख 33 हजार 232 श्रमिक पंजीकृत संनिर्माण श्रमिक हैं तो 12 लाख 73 हजार 814 ईईएमएस पर पंजीकृत श्रमिक हैं. 33 हज़ार 7724 श्रमिक आरएसएलडीसी से प्रशिक्षित हैं. 1 लाख 21 हजार 353 आईटीआई प्रशिक्षित हैं तो वहीं 3151 नवीन पंजीकृत श्रमिक हैं.

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