जयपुर. राज्यसभा चुनाव से पहले निर्दलीय विधायक ओमप्रकाश हुड़ला के खिलाफ पुराने बालाहेड़ा मर्डर केस को सीबीआई की ओर से रीओपन करने की चर्चाएं मात्र अफवाहें निकलीं. देर रात तक इस हुड़ला को भी इस मामले में सीबीआई की ओर से कोई नोटिस नहीं मिला. हालांकि इससे पहले प्रेस कानफ्रेंस के दौरान उन्होंने इस मामले की जांच के लिए तैयारी की बात कही थी. हुड़ला ने कहा कि वे पहले से ही भाजपा पृष्टभूमि से जुड़े रहे हैं लेकिन क्षेत्र के विकास के लिए गहलोत सरकार को समर्थन दे रहे हैंं. ईटीवी भारत से खास बातचीत में (exclusive interview of mla om prakash hudla) हुड़ला ने राज्यसभा चुनाव में समर्थन को लेकर अभी पत्ते नहीं खोले लेकिन उनका झुकाव किस तरफ है इसका इशारा जरूर कर दिया.
ओमप्रकाश होड़ला ने कहा कि राज्यसभा चुनाव में उनके समर्थन को लेकर उन्होंने कहा कि वह भाजपा पृष्ठ भूमि से रहे हैं और हाल ही में उन्होंने अयोध्या राम मंदिर के लिए 21 लाख रुपये का सहयोग भी दिया है लेकिन जिस प्रकार की हरकतें सांसद किरोड़ी लाल मीणा उनके प्रति कर रहे हैं, उसके बाद वे अलग निर्णय लेने के लिए विवश हो रहे हैं.
सीएम और पीसीसी चीफ ने कांग्रेस शिविर में बूथ मैनेजमेंट के लिए किया है आग्रह
राज्यसभा चुनाव से पहले कांग्रेस और समर्थित विधायकों की उदयपुर में बाड़ेबंदी शुरू हो चुकी है. निर्दलीय ओमप्रकाश हुंडला ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा से उन्हें निर्देश मिला है कि शिविर में वे अपने बूथ मैनेजमेंट को लेकर एक सेशन लें. हुड़ला ने कहा कि यदि मेरी तबीयत ठीक रही तो मैं शिविर में अपने बूथ मैनेजमेंट को शेयर जरूर करूंगा. हुड़ला ने इस दौरान खुद की तुलना प्रशांत किशोर तक से कर डाली. हुड़ला ने कहा कि मैंने अपने बूथ मैनेजमेंट को पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, मौजूदा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के समक्ष भी शेयर किया है और कांग्रेस प्रभारी अजय माकन ने तो सार्वजनिक रूप से उसकी तारीफ भी की है. ऐसे यह हो सकता है किहुड़ला कांग्रेस और समर्थित विधायकों की बाड़ेबंदी में शामिल होंगे बशर्तें उनका स्वास्थ्य सही हो.
समर्थन को लेकर नहीं खोले पत्ते, कहा- क्षेत्र की जनता के साथ बैठकर लूंगा निर्णय
राज्यसभा चुनाव में हुड़ला का समर्थन कांग्रेस प्रत्याशियों को मिलेगा या बीजेपी और उसके समर्थित प्रत्याशी को इसे लेकर फिलहाल उन्होंने पत्ते नहीं खोले हैं. ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान जब उनसे इस बारे में सवाल किया गया तो हुड़ला ने कहा कि यह निर्णय अपने विधानसभा क्षेत्र के लोगों के साथ बैठकर लूंगा. हालांकि उन्होंने संकेत दिए कि पूर्व में उन्होंने गहलोत सरकार का समर्थन किया था क्योंकि वे अपने क्षेत्र का विकास करवाना चाहते थे और जो उनके क्षेत्र का विकास करेगा उसी का समर्थन करेंगे.
सीबीआई नहीं कर सकती जांच रिओपन, फिर भी जांच को तैयार
राज्यसभा चुनाव से ठीक पहले अपने खिलाफ पूर्व के एक मामले में सीबीआई की जांच रिओपन होने की चर्चाओं पर हुड़ला ने कहा कि दिसंबर 2013 में बालाखेड़ा में जिस व्यक्ति की हत्या हुई थी वो उनका ही कार्यकर्ता था लेकिन राजनीतिक रंजिश के चलते तब भी उन्हें फंसाया गया था. उन्होंने कहा कि दिसंबर 2013 में राज्य सरकार ने सीबीआई को जांच भेजी लेकिन 13 जून 2014 को तत्कालिक वसुंधरा सरकार ने सीबीआई को पत्र लिखकर केस वापस लेने की मंशा जाहिर की और इसके लिए 13 मार्च को राज्य सरकार ने एक नोटिफिकेशन भी जारी किया कि नियमानुसार सीबीआई कोई जांच रीओपन नहीं कर सकती.
किरोड़ी मीणा को बना दे उप राष्ट्रपति, बेवजह के विरोध-प्रदर्शन से मिलेगी मुक्ति
विधायक ओमप्रकाश हुड़ला के अनुसार पिछले विधानसभा चुनाव में भी किरोड़ी लाल मीणा के कहने पर ही उनका टिकट काटा गया जिसके परिणाम बीजेपी ने देख लिए. हुड़ला ने कहा कि किरोड़ी लाल मीणा वह सड़ी हुई सब्जी है जिसे खाने से उल्टी, दस्त और पेट खराब हो जाता है. इसलिए भाजपा उसे जितनी जल्दी खुद से दूर कर ले उतना ही पार्टी के लिए अच्छा होगा, नुकसान उठाना पड़ेगा. हुड़ला ने कहा कि चर्चा है किरोड़ी लाल मीणा को उप राष्ट्रपति बना सकते हैं. यदि बीजेपी ऐसा करती है तो मैं पहला विधायक में रहूंगा जो उनको अपना वोट दूंगा. उन्होंने कहा कि किरोड़ी के उपराष्ट्रपति उम्मीदवार बनाने से अपराध से जुड़ी चीजों से प्रदेश को छुटकारा मिल जाएगा और रोज-रोज के बेवजह धरना-प्रदर्शनों का दौर रुकेगा और सबको शांति मिलेगी.
भाजपा ने नहीं किया संपर्क, चुनाव में डेढ़ साल शेष
ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान महुआ से निर्दलीय विधायक ओमप्रकाश हुड़ला से पूछा गया कि भाजपा उन्हें अगले चुनाव में टिकट का वादा करे तो वह राज्यसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी और समर्थित निर्दलीय का समर्थन करेंगे तो हुड़ला ने कहा कि वे निजी स्वार्थ के लिए इस तरह की बातें नहीं करेंगे. उनके अनुसार चुनाव में अभी डेढ़ साल का समय शेष है, उस समय किसे टिकट मिलेगा या नहीं मिलेगा या फिर मैं निर्दलीय चुनाव लड़ूंगा. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने उन्हें बुलाया है और यदि उनका स्वास्थ्य ठीक रहेगा सुबह मुख्यमंत्री से भी मिलेंगे.
राज्यसभा की 4 सीटों के लिए 10 जून को मतदान होना है. विधायकों की संख्या बल के लिहाज से कांग्रेस 2 सीटों पर और बीजेपी 1 सीट पर जीतेगी लेकिन चुनाव में कांग्रेस ने 3 और बीजेपी ने अपने प्रत्याशी के साथ 1 निर्दलीय समर्थित प्रत्याशी डॉ. सुभाष चंद्रा को भी मैदान में उतारा है. ऐसे में यह चुनाव अब रोचक हो गया है और चौथी सीट पर जीत के लिए दोनों ही दल कांग्रेस और भाजपा को निर्दलीय विधायकों का सहारा लेना होगा. इस लिहाज से निर्दलीय विधायकों की भूमिका इन चुनाव में काफी महत्वपूर्ण हो गई है.