जयपुर. प्रदेश में बिजली के संकट पर समाधान के बजाय सियासत हावी है. आलम ये है कि प्रदेश सरकार कोयले की कमी को आधार बनाकर जिम्मेदारी केंद्र और कोयला मंत्रालय पर डाल रही है. वहीं भाजपा नेता इसके लिए प्रदेश सरकार और बिजली कंपनियों के लचर कार्यशैली को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. इस बीच ईटीवी भारत से खास बातचीत में ऊर्जा मंत्री बीडी कल्ला ने साफ कर दिया है कि राजस्थान में बिजली का नहीं बल्कि कोयले का संकट है. जिस दिन केंद्र से पर्याप्त मात्रा में कोयला मिलेगा, बिजली संकट दूर हो जाएगा.
केंद्रीय मंत्रियों से करें राजस्थान को राहत देने की मांग
प्रदेश में बिजली संकट को लेकर भाजपा नेताओं (Rajasthan BJP) के बयानबाजी से भी ऊर्जा मंत्री बीडी कल्ला खासे नाराज नजर आए. कल्ला के अनुसार बिजली का संकट देश के कई राज्यों में है. इसकी प्रमुख वजह कोयले की कमी है. केंद्र में भाजपा की सरकार (BJP Government) है. ऐसे में राजस्थान के भाजपा नेताओं को इस मामले में सियासी बयानबाजी करने की बजाए केंद्रीय मंत्रियों से बात करके राजस्थान को एग्रीमेंट के अनुसार कोयला दिलवाना चाहिए.
ऊर्जा मंत्री ने यह भी कहा कि भाजपा के नेता भले ही इस मामले में कितनी भी बयानबाजी करके आम जनता को गुमराह करने की कोशिश करें लेकिन अब जनता समझदार हो चुकी है. भाजपा नेताओं को इस प्रकार की बयानबाजी का कोई सियासी फायदा नहीं मिलने वाला.
कोयले का राष्ट्रीयकरण हो चुका है और आपूर्ति केंद्र के हाथ में इसलिए जिम्मेदार भी केंद्र सरकार
ईटीवी भारत से खास बातचीत में बीडी कल्ला ने कहा कि कोयले का राष्ट्रीयकरण हो चुका है. जिसके चलते इस पर सीधे तौर पर नियंत्रण केंद्र सरकार का है. कल्ला के अनुसार कोल इंडिया (Coal India) के जरिए की आपूर्ति की जाती है. राजस्थान से जो अनुबंध हुआ है, उसके अनुसार प्रतिदिन साढ़े 11 रैक मिलना चाहिए लेकिन पिछले कई महीनों से ये संख्या 7 से 8 रैक ही मिल पा रहा है. ऐसे में राजस्थान में ना तो कोयले का स्टॉक रखा जा सका और ना ही बिजली उत्पादन पूरी क्षमता से हो पा रहा है.
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कल्ला ने कहा राजस्थान में बिजली का कोई संकट नहीं है. संकट है तो केवल कोयले (Coal crisis in Rajasthan) का है. जिस दिन कोल इंडिया और केंद्र सरकार से राजस्थान को पर्याप्त कोयले की आपूर्ति हो जाएगी. बिजली का संकट भी खत्म हो जाएगा.
राजस्थान ही नहीं अन्य प्रदेशों में भी बिजली संकट, कोयले का कोई बकाया नहीं
ऊर्जा मंत्री के अनुसार बिजली का संकट केवल राजस्थान में ही नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश, गुजरात, मध्य प्रदेश सहित देश के कई राज्यों में है. इसके बावजूद राजस्थान में बिजली की बहुत कम कटौती हो रही है. ऊर्जा मंत्री ने कोल इंडिया से जुड़े अधिकारियों के हाल ही में कोयला भुगतान को लेकर आए बयान पर कहा कि राजस्थान में कोयले से जुड़ा कोई भुगतान बाकी नहीं है बल्कि कोल इंडिया से जुड़ी एक कंपनी से हमें एडवांस में पेमेंट लेना है.
कल्ला ने कहा कि केवल अपनी नाकामियों छुपाने के लिए कोल इंडिया से जुड़े अधिकारी अनर्गल बयान देते हैं. उन्होंने कहा कोयले की आपूर्ति समय पर नहीं होने के पीछे आधार पेमेंट नहीं बल्कि कोयले की कमी है.
किसानों को नहीं आने दी जाएगी समस्या
उन्होंने कहा कि मौजूदा बिजली के संकट के दौर में किसानों को फसल बुवाई में समस्या हो रही है. इसके लिए क्या किया जाएगा. इस पर बीडी कल्ला ने कहा कि किसानों को किसी भी प्रकार की समस्या नहीं आने दी जाएगी. उसके लिए जो वैकल्पिक इंतजाम होंगे, वो किए जाएंगे. कल्ला ने कहा कि राजस्थान के 15 जिलों में किसानों को वर्तमान में दिन में बिजली दी जा रही है. हालांकि, जब उनसे पूछा गया कि ग्रामीण इलाकों में अब भी 4 से 8 घंटे तक की बिजली कटौती की जा रही है. ऐसे में किसानों की बुवाई कैसे होगी तब उन्होंने कहा कि कि हमारा प्रयास है कि किसानों को समस्या ना हो लेकिन आम उपभोक्ताओं को राहत तभी मिल पाएगी, जब केंद्र से राजस्थान को पर्याप्त मात्रा में कोयले की आपूर्ति शुरू हो.
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लंबा खिंच सकता है बिजली का संकट, फिलहाल मिल रहा राजस्थान को 20 रैक कोयला
मौजूदा हालातों में राजस्थान में बिजली का संकट लंबा खिंच सकता है क्योंकि कोयले की आपूर्ति जल्द ही तय मात्रा के अनुरूप मिलना मुश्किल है. हालांकि, राजस्थान में अभी अलग-अलग माध्यम से प्रतिदिन 20 रैक कोयला मिल रहा है. इनमें कोल इंडिया की सहायक कंपनी एनसीएल से 4 रैक एसईसीएल से 4 रैक और विद्युत उत्पादन निगम और अडानी के संयुक्त उपक्रम से प्रतिदिन 12 रैक कोयला राजस्थान को प्रतिदिन मिल रहा है.