जयपुर. कोरोना के संकट के बीच चल रहे लॉकडाउन के दौरान अब मौसम का मिजाज भी बदलने लगा है. तापमान में अब बढ़ोतरी दर्ज होने लगी है. जिससे बिजली की खपत भी अब बढ़ने लगी है. घरों में पंखों के साथ-साथ कूलर और एसी भी शुरू हो गए है. इस बीच ऊर्जा मंत्री डॉक्टर बीडी कल्ला ने दावा किया है कि गर्मियों में प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं को बिजली किल्लत का सामना नहीं करना पड़ेगा, क्योंकि बिजली कंपनियों ने इसकी पूरी तैयारी कर ली है. ईटीवी भारत से खास बातचीत में कल्ला में तैयारियों को लेकर विस्तार से जानकारी दी.
लॉकडाउन के चलते बड़ी संख्या में औद्योगिक इकाइयां लगभग बंद हैं. ऐसे में जो बिजली अप्रैल माह में खपत होती थी, उसमें गिरावट आई है. हालांकि घरेलू उपभोक्ताओं द्वारा बिजली की खपत बढ़ गई है, क्योंकि लॉकडाउन के दौरान सभी जनता अपने घरों में हैं. ऐसे में बिजली से चलने वाले उपकरणों खासतौर पर कूलर और एसी के कारण घरेलू लोड में बढ़ोतरी की गई है.
ऊर्जा मंत्री बीडी कल्ला के अनुसार वर्तमान में मांग के अनुरूप बिजली है और यदि खपत बढ़ती है, तो उसके लिए भी पूरे इंतजाम किए गए हैं. कल्ला ने कहा कई विद्युत उत्पादन इकाइयां फिलहाल बंद की गई है. यदि खपत बढ़ती है, तो उन्हें वापस शुरू कर दिया जाएगा. राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम के पास 7277 दशमलव 35 मेगा वाट प्रतिदिन बिजली उत्पादन की क्षमता है. लेकिन फिलहाल जनरेशन महज 1800 मेगा वाट प्रति दिन की हो रही है.
अधिक उत्पादन की बिजली नेशनल ग्रिड के जरिए बेची जाएगी
ऊर्जा मंत्री डॉ. बीडी कल्ला ने ईटीवी से खास बातचीत में बताया कि वर्तमान में कई इकाइयां बंद कर दी गई हैं. बावजूद इसके जो अतिरिक्त बिजली का उत्पादन हो रहा है, उसे नेशनल ग्रिड के जरिए बेचा जा रहा है और जब प्रदेश में बिजली की मांग बढ़ेगी तो नेशनल ग्रिड के जरिए दी गई बिजली वापस ले ली जाएगी जो प्रदेश के उपभोक्ताओं के काम आएगी.
खरीफ और सब्जियों की फसलों के लिए पर्याप्त बिजली
ऊर्जा मंत्री के अनुसार वर्तमान में खरीफ की फसल के लिए किसानों को बिजली की आवश्यकता होगी. हालांकि आवश्यकता ज्यादा नहीं होगी क्योंकि खरीफ में पशु आहार रंजका उगाने के साथ ही सब्जियों का उत्पादन अधिक होता है. इसमें अपेक्षाकृत बिजली की खपत कम होती है. इनके उत्पादन के लिए किसानों को दी जाने वाली बिजली पर्याप्त मात्रा में कंपनियों के पास मौजूद है.