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BSP के 6 MLAs का कांग्रेस में शामिल होना सही या गलत? ETV Bharat से विशेष बातचीत में विशेषज्ञों ने किया विश्लेषण

बसपा के 6 विधायकों को कांग्रेस में शामिल करने के मुद्दे पर सियासत पूरी तरह गरमा गई है. कोर्ट में दाखिल हुई याचिका पर सभी की निगाहें टिक गई हैं. बसपा विधायकों के कांग्रेस में विलय को लेकर ईटीवी भारत के रीजनल एडिटर ब्रज मोहन सिंह ने वरिष्ठ पत्रकार ओम सैनी और वकील हेमंत नाहटा से बातचीत की. पढ़ें पूरी खबर...

BSP MLAs merged with Congress,  Rajasthan Political Update
बसपा विधायकों का कांग्रेस में विलय को लेकर ईटीवी भारत की खास बातचीत
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Published : Jul 28, 2020, 5:08 PM IST

Updated : Jul 28, 2020, 7:31 PM IST

जयपुर. राजस्थान में दो सप्ताह से जारी सियासी संग्राम खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. सियासत के मैदान में शुरू हुई नूरा कुश्ती हर दिन नई करवट लेती जा रही है. पायलट की नाराजगी से शुरू हुआ राजनीतिक घमासान अब दो मोर्चों पर लड़ा जा रहा है. पहला मोर्चा कोर्ट है तो दूसरा मोर्चा राजनीति का वो मैदान है, जहां बयानों के बाण हर पल जारी हैं. इस सियासी घमासान के बीच अब बसपा भी सामने आ गई है और उसके नेता भी कांग्रेस पर लगातार निशाना साधने नहीं चूक रहे हैं.

कांग्रेस में विलय को लेकर ईटीवी भारत की खास बातचीत-1

फिलहाल, मामला बहुजन समाज पार्टी के 6 विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने का है. भाजपा विधायक मदन दिलावर ने इस मामले को राजस्थान हाईकोर्ट में चुनौती दी. दिलावर हाईकोर्ट में यह दलील देते हुए पहुंचे थे कि उनकी इस याचिका पर विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी पिछले 4 महीने से कोई फैसला नहीं ले रहे हैं, जबकि सचिन पायलट कैंप की याचिका पर आधे घंटे के अंदर नोटिस दे दिया. वहीं, भाजपा विधायक मदन दिलावर की इस याचिका को हाईकोर्ट ने सारहीन मानते हुए खारिज कर दिया. इसके बाद मदन दिलावर ने राजस्थान हाईकोर्ट में पेश शिकायत को खारिज करने और बसपा विधायकों को कांग्रेस में शामिल करने के विरुद्ध दो याचिकाएं दायर की है.

कांग्रेस में विलय को लेकर ईटीवी भारत की खास बातचीत-2

पढ़ें- मदन दिलावर ने अब स्पीकर के आदेश के विरुद्ध दायर की याचिका

ईटीवी भारत ने बसपा विधायकों के विलय मामले को लेकर की बातचीत...

बसपा के 6 विधायकों को कांग्रेस में शामिल करने के मुद्दे पर सियासत पूरी तरह गरमा गई है. कोर्ट में दाखिल याचिका पर सभी की निगाहें टिक गई है. बसपा विधायकों के कांग्रेस में विलय को लेकर ईटीवी भारत के रीजनल एडिटर ब्रज मोहन सिंह ने वरिष्ठ पत्रकार ओम सैनी और वकील हेमंत नाहटा से बातचीत की.

कांग्रेस में विलय को लेकर ईटीवी भारत की खास बातचीत-3

पढ़ें- स्पीकर पूर्वाग्रह से ग्रसित हैं, इसलिए मेरी याचिका खारिज की: मदन दिलावर

वरिष्ठ पत्रकार ओम सैनी ने कहा कि राजस्थान में बसपा की स्थिति तारणहार की तरह है. पिछले 22 साल से बसपा राजस्थान की राजनीति में सक्रिय है. अशोक गहलोत की सरकार जब भी आई, बसपा विधायकों की जरूरत महसूस की गई. उनका कहना है कि बसपा के विधायकों का कांग्रेस में विलय कानूनी है. उनका कहना है कि बसपा अध्यक्ष मायावती जिस तरह का आदेश जारी कर रही हैं, वह कानून संगत नहीं है.

वकील हेमंत नाहटा का कहना है कि बसपा के 6 विधायकों की सदस्यता ज्यादा दिनों तक नहीं रहने वाली है. उनका कहना है कि बसपा विधायक जिस आदेश के तहत कांग्रेस में शामिल हुए हैं, उस आदेश की कानून की निगाह में कोई कीमत नहीं है. उन्होंने कहा कि बसपा के विधायकों ने जनता के विश्वास के साथ धोखाधड़ी की है. साथ ही उन्होंने कहा कि यह मामला जब कोर्ट में आएगा को इन 6 विधायकों को विधानसभा से निरस्त कर दिया जाएगा.

बसपा की ओर जारी किया गया व्हिप

26 जुलाई को बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने एक व्हिप जारी किया. पार्टी ने सभी 6 विधायकों को व्हिप जारी कर निर्देशित किया है कि अगर सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव आता है तो कांग्रेस पार्टी के खिलाफ अपना वोट दें. नोटिस में यह भी लिखा गया है कि यदि पार्टी के व्हिप की अवहेलना की गई तो दल-बदल कानून के तहत कार्यवाही होगी.

सुप्रीम कोर्ट तक जाएंगे: मायावती

इसी सियासी उठापटक के बीच बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने कांग्रेस और अशोक गहलोत के खिलाफ कोर्ट जाने का ऐलान किया है. उन्होंने कहा कि बीएसपी के 6 विधायकों को कांग्रेस में शामिल कराना असंवैधानिक था. हम मामले को ऐसे ही नहीं जाने देंगे. जरूरत पड़ी तो सुप्रीम कोर्ट तक जाएंगे.

बता दें कि बसपा विधायकों का कांग्रेस में विलय पहली बार नहीं हुआ है. इससे पहले भी साल 2008 के विधानसभा चुनाव में बसपा किंग मेकर बनकर उभरी थी. बसपा के 6 उम्मीदवार विधायक बने थे. कांग्रेस को 96 और भाजपा को 78 सीटें मिली. 2008 में भी अशोक गहलोत ने बसपा विधायकों का कांग्रेस में विलय करवा लिया था.

जयपुर. राजस्थान में दो सप्ताह से जारी सियासी संग्राम खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. सियासत के मैदान में शुरू हुई नूरा कुश्ती हर दिन नई करवट लेती जा रही है. पायलट की नाराजगी से शुरू हुआ राजनीतिक घमासान अब दो मोर्चों पर लड़ा जा रहा है. पहला मोर्चा कोर्ट है तो दूसरा मोर्चा राजनीति का वो मैदान है, जहां बयानों के बाण हर पल जारी हैं. इस सियासी घमासान के बीच अब बसपा भी सामने आ गई है और उसके नेता भी कांग्रेस पर लगातार निशाना साधने नहीं चूक रहे हैं.

कांग्रेस में विलय को लेकर ईटीवी भारत की खास बातचीत-1

फिलहाल, मामला बहुजन समाज पार्टी के 6 विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने का है. भाजपा विधायक मदन दिलावर ने इस मामले को राजस्थान हाईकोर्ट में चुनौती दी. दिलावर हाईकोर्ट में यह दलील देते हुए पहुंचे थे कि उनकी इस याचिका पर विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी पिछले 4 महीने से कोई फैसला नहीं ले रहे हैं, जबकि सचिन पायलट कैंप की याचिका पर आधे घंटे के अंदर नोटिस दे दिया. वहीं, भाजपा विधायक मदन दिलावर की इस याचिका को हाईकोर्ट ने सारहीन मानते हुए खारिज कर दिया. इसके बाद मदन दिलावर ने राजस्थान हाईकोर्ट में पेश शिकायत को खारिज करने और बसपा विधायकों को कांग्रेस में शामिल करने के विरुद्ध दो याचिकाएं दायर की है.

कांग्रेस में विलय को लेकर ईटीवी भारत की खास बातचीत-2

पढ़ें- मदन दिलावर ने अब स्पीकर के आदेश के विरुद्ध दायर की याचिका

ईटीवी भारत ने बसपा विधायकों के विलय मामले को लेकर की बातचीत...

बसपा के 6 विधायकों को कांग्रेस में शामिल करने के मुद्दे पर सियासत पूरी तरह गरमा गई है. कोर्ट में दाखिल याचिका पर सभी की निगाहें टिक गई है. बसपा विधायकों के कांग्रेस में विलय को लेकर ईटीवी भारत के रीजनल एडिटर ब्रज मोहन सिंह ने वरिष्ठ पत्रकार ओम सैनी और वकील हेमंत नाहटा से बातचीत की.

कांग्रेस में विलय को लेकर ईटीवी भारत की खास बातचीत-3

पढ़ें- स्पीकर पूर्वाग्रह से ग्रसित हैं, इसलिए मेरी याचिका खारिज की: मदन दिलावर

वरिष्ठ पत्रकार ओम सैनी ने कहा कि राजस्थान में बसपा की स्थिति तारणहार की तरह है. पिछले 22 साल से बसपा राजस्थान की राजनीति में सक्रिय है. अशोक गहलोत की सरकार जब भी आई, बसपा विधायकों की जरूरत महसूस की गई. उनका कहना है कि बसपा के विधायकों का कांग्रेस में विलय कानूनी है. उनका कहना है कि बसपा अध्यक्ष मायावती जिस तरह का आदेश जारी कर रही हैं, वह कानून संगत नहीं है.

वकील हेमंत नाहटा का कहना है कि बसपा के 6 विधायकों की सदस्यता ज्यादा दिनों तक नहीं रहने वाली है. उनका कहना है कि बसपा विधायक जिस आदेश के तहत कांग्रेस में शामिल हुए हैं, उस आदेश की कानून की निगाह में कोई कीमत नहीं है. उन्होंने कहा कि बसपा के विधायकों ने जनता के विश्वास के साथ धोखाधड़ी की है. साथ ही उन्होंने कहा कि यह मामला जब कोर्ट में आएगा को इन 6 विधायकों को विधानसभा से निरस्त कर दिया जाएगा.

बसपा की ओर जारी किया गया व्हिप

26 जुलाई को बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने एक व्हिप जारी किया. पार्टी ने सभी 6 विधायकों को व्हिप जारी कर निर्देशित किया है कि अगर सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव आता है तो कांग्रेस पार्टी के खिलाफ अपना वोट दें. नोटिस में यह भी लिखा गया है कि यदि पार्टी के व्हिप की अवहेलना की गई तो दल-बदल कानून के तहत कार्यवाही होगी.

सुप्रीम कोर्ट तक जाएंगे: मायावती

इसी सियासी उठापटक के बीच बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने कांग्रेस और अशोक गहलोत के खिलाफ कोर्ट जाने का ऐलान किया है. उन्होंने कहा कि बीएसपी के 6 विधायकों को कांग्रेस में शामिल कराना असंवैधानिक था. हम मामले को ऐसे ही नहीं जाने देंगे. जरूरत पड़ी तो सुप्रीम कोर्ट तक जाएंगे.

बता दें कि बसपा विधायकों का कांग्रेस में विलय पहली बार नहीं हुआ है. इससे पहले भी साल 2008 के विधानसभा चुनाव में बसपा किंग मेकर बनकर उभरी थी. बसपा के 6 उम्मीदवार विधायक बने थे. कांग्रेस को 96 और भाजपा को 78 सीटें मिली. 2008 में भी अशोक गहलोत ने बसपा विधायकों का कांग्रेस में विलय करवा लिया था.

Last Updated : Jul 28, 2020, 7:31 PM IST
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