जयपुर. प्रदेश में लॉकडाउन की परिस्थितियों के बाद उपजे हालात के बारे में सरकारी प्रयासों की जानकारी देने और पत्रकारों के सवालों का जवाब देने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत वीडियो कांफ्रेंस के मार्फत पत्रकारों से रूबरू हुए. इस दौरान ईटीवी भारत के सवाल पर गहलोत ने प्रवासी मजदूरों की स्थिति पर सरकार के प्लान की जानकारी तो नहीं दी, लेकिन सारा दोष केंद्र सरकार पर मढ़ दिया.
वीसी के दौरान मुख्यमंत्री से इटीवी भारत ने पूछा कि उन प्रवासी मजदूरों के लिए क्या करेंगे, जिन्हें लॉकडाउन के बाद आर्थिक संकट के दौर से गुजर ना पड़ रहा है. उन मजदूरों को मार्च महीने में किए काम का अब तक लॉकडाउन के कारण भुगतान नहीं हो पाया है.
ईटीवी के सवाल पर गहलोत ने इसे मानवीय पक्ष से जुड़ा हुआ बताया और कहा कि मजदूरों की स्थिति को लेकर वे स्वयं भी चिंतित है. लेकिन, उन्होंने पूरी तस्वीर के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जिम्मेदार बताया.
उन्होंने कहा कि 4 घंटे के अल्टीमेटम के बाद जो स्थितियां पैदा हुई, उन्हीं के चलते हुए प्रवासी मजदूर रास्ते में फंस गए और फिर उन्हें आर्थिक संकट के दौर से गुजरना पड़ रहा है.
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गहलोत ने अपनी राय में कहा कि उन्हें लगता है कि लॉकडाउन का ऐलान करने से पहले कम से कम तीन से चार दिन की मोहलत दी जाना जरूरी थी.
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल सुबह 10 बजे मीडिया से मुखातिब होंगे. इस दौरान में लॉकडाउन की अगली रणनीति रखेंगे. गहलोत ने बताया कि प्रधानमंत्री जी की वीडियो कॉन्फ्रेंस के बाद ही वह राजस्थान की रणनीति को पेश करेंगे और अपना मॉडिफाइड ब्लॉक डाउन पेश करेंगे.