जयपुर. महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के लिए गठित की गई जयपुर पुलिस की निर्भया स्क्वायड टीम में शामिल महिला पुलिसकर्मी हर परिस्थितियों का सामना करने में पूरी तरह से दक्ष हैं. निर्भया स्क्वायड टीम में कुछ ऐसी महिला पुलिसकर्मी भी हैं. जिनके 7 से 8 माह के बच्चे हैं और मां का पूरा दायित्व निभाने के साथ ही शहर की महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा की जिम्मेदारी का भी बखूबी से निर्वाह कर रही है. मदर्स डे के अवसर पर ईटीवी भारत ने निर्भय स्क्वायड की चीज एडिशनल डीसीपी सुनीता मीणा और स्क्वायड की अन्य महिला पुलिसकर्मियों से खास बातचीत की.
बच्चों से मिलती है ताकत
निर्भया स्क्वायड की महिला पुलिसकर्मी ने कहा कि उनके नन्हे-मुन्ने बच्चे उनकी ताकत है. जिस तरह से वह अपने नन्हें बच्चों की देखभाल करती हैं. ठीक उसी प्रकार से शहर की महिलाओं और बच्चों की जिम्मेदारी को भी पूरी तरह से निभाती हैं. कोरोना की जंग में ड्यूटी निभा रही निर्भया स्क्वायड टीम की महिला पुलिस कर्मियों के बच्चे और परिजन भी उनके उन पर गर्व करते हैं.
कर्फ्यू ग्रस्त इलाकों में मनाया मातृत्व दिवस
मदर्स डे के अवसर पर निर्भया स्क्वायड पुलिस ने कर्फ्यू ग्रस्त क्षेत्र में मातृत्व दिवस मनाया. निर्भया स्क्वायड़ टीम की नोडल अधिकारी एडिशनल डीसीपी सुनीता मीणा के नेतृत्व में चांदपोल स्थित पुलिस लाइन से निर्भया गश्ती दल रवाना किया गया. सभी निर्भया की मोटरसाइकिलों पर बैलून लगाकर मदर्स डे सेलिब्रेट किया और जयपुर शहर में सभी माताओं को मदर्स डे की शुभकामनाएं दी.
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वीडियो कॉल पर होती है बच्चों से बात
निर्भया स्क्वायड टीम की महिला पुलिसकर्मी अपनी ड्यूटी के साथ मां का फर्ज भी निभा रही हैं. बच्चों से दूर रहकर कर्फ्यू ग्रस्त इलाके में लगातार ड्यूटी कर रही हैं. दिन में कई बार बच्चे अपनी मां को याद करते हैं. ऐसे में वीडियो कॉलिंग के जरिए बच्चों से बातचीत करके उन्हें राजी करती हैं. वहीं कई बार मां को भी अपने बच्चों की याद आती है. ऐसे में फोन पर बातचीत करके अपने आप को तसल्ली देती हैं.
जरूरदमंद महिलाओं को बांट रही हैं सेनेटरी नैपकिन
निर्भया टीम जयपुर शहर के कर्फ्यू ग्रस्त इलाके में महिलाओं की समस्याओं के समाधान का भी काम कर रही है. गर्भवती महिलाओं के लिए घर-घर जाकर सहायता कर रही है. ताकि उन्हें किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पड़े. डॉक्टर से परामर्श लेने से अन्य सुविधाओं तक का ख्याल रखा जा रहा है. इसके अलावा लॉकडाउन के दौरान महिला के लिए सबसे बड़ी समस्या सेनेटरी नैपकिन की हो रही है. ऐसे में निर्भया स्क्वायड़ टीम जरूरतमंद महिलाओं को घर-घर जाकर सेनेटरी नैपकिन भी उपलब्ध करवा रही है.
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पहली बार मां बनी महिलाओं को दी बधाई
निर्भया स्क्वायड टीम की प्रभारी एडिशनल डीसीपी सुनीता मीणा ने ईटीवी भारत से एक्सक्लूसिव बातचीत करते हुए बताया कि मदर्स डे के अवसर पर सभी माताओं को सलाम करने के लिए जयपुर की सड़कों पर निर्णया स्क्वायड टीम निकली है. महिला पुलिसकर्मी भी एक मां है और उन्हें पता है कि मां क्या होती है. इसलिए सभी माताओं को सलाम करने का काम किया है. कर्फ्यू ग्रस्त इलाके में ऐसी कई महिलाएं हैं, जिन्होंने पहली बार मातृत्व का सुख देखा है. लेकिन लॉकडाउन के चलते मदर्स डे सेलिब्रेट नहीं कर पा रही. इसीलिए निर्भया स्क्वायड टीम ने ऐसी महिलाओं के साथ मिलकर मदर्स डे सेलिब्रेट करने का निर्णय लिया है.
मजबूरी ऐसी होती है कि बच्चों को नहीं लगा पाते गले
उन्होंने बताया कि एक मां की जिम्मेदारी के साथ ही भारत माता का फर्ज भी निभा रहे हैं. पूरे जोश और जुनून के साथ निर्भया स्क्वायड़ टीम ने कर्फ्यू ग्रस्त इलाके में महिलाओं के साथ मदर्स डे सेलिब्रेट किया है. उन्होंने बताया कि परिस्थितियां विपरीत हैं. ऐसे मौके पर महिला पुलिसकर्मी भी अपनी बच्चों से नहीं मिल पा रही है. जिंदगी में कई बार भावुक पल भी सामने आए. लेकिन मजबूरी के चलते हम बच्चों को गले से भी नहीं लगा सके. लेकिन आज उन्हें अपने बच्चों और परिवार पर गर्व है. क्योंकि अपने बच्चों और परिवार के सपोर्ट से ही वह अपने फर्ज को बखूबी से निभा रही है और कोरोना को हराकर ही दम लेंगे.
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सभी मां को दिया धन्यवाद
डीसीपी ने मदर्स डे पर सभी माताओं को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि मां तुझे सलाम. उन्होंने बताया कि उनके 9 साल का बेटा है जो कि अपनी मां की काफी चिंता करता है और इस संकट में ड्यूटी करने पर गर्व भी है. उन्होंने सभी बच्चों और सभी माताओं को धन्यवाद देते हुए कहा कि आप सभी के सपोर्ट से हम कोरोना की जंग को जीतकर रहेंगे. कर्फ्यू ग्रस्त इलाकों में गर्भवती महिलाओं के सामने कई समस्याएं आ रही है. ऐसे में निर्भय स्क्वायड टीम उनके सहयोग के लिए काम कर रही है.
डीसीपी ने कहा कि ऐसी कई महिलाएं हैं, जिनका प्रसव का समय करीब आ गया है और उन्हें अस्पताल जाने के लिए भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे ही महिलाओं से जाकर निर्भया टीम मुलाकात कर उनकी समस्याओं का समाधान कर रही है. ऐसी महिलाओं के नाम सभी थानों में रजिस्टर्ड करवाए गए हैं, ताकि किसी भी नाकाबंदी पर महिलाएं अपना अस्पताल का कार्ड दिखाकर भी जा सकेंगी. गर्भवती महिलाओं को किसी पास की जरूरत नहीं पड़ेगी, ताकि गर्भवती महिलाएं तनावमुक्त होकर अच्छे बेबी को जन्म दे. यह पल उन्हें हमेशा खुशी के पलों में याद रहेंगे.