जयपुर. शारदीय नवरात्रा के छठे दिन कात्यायनी माता की पूजा अर्चना की गई. इसी के तहत आमेर के प्राचीन शिला माता मंदिर में हर बार नवरात्र के दौरान भव्य छठ मेले का आयोजन होता था. इस बार कोरोना के चलते छठ का मेला नहीं कराया गया है और शिला माता मंदिर में भक्तों का प्रवेश बंद रखा गया है. जानकारी अनुसार 31 अक्टूबर तक मंदिर भक्तों के लिए बंद रहेगा और नवरात्रा के दौरान पुजारियों की ओर से मंदिर में पूजा-अर्चना की जा रही है.
आमेर शिला माता मंदिर में रोजाना पुजारी ही शिला माता के दरबार में पूजा अर्चना कर रहे हैं. शिला माता मंदिर में नवरात्रों के दौरान 10 महाविद्याओं और 9 दुर्गाओं की प्रतिदिन पूजा अर्चना की जाती है. गुरुवार को छठे नवरात्र को कात्यायनी माता की पूजा अर्चना की गई. साथ ही सातवें नवरात्र को कालरात्रि माता, आठवे नवरात्र को महागौरी माता और नवे व आखिरी नवरात्र को सिद्धिदात्री माता की पूजा की जाएगी. नवरात्र में प्रतिदिन दुर्गा सप्तमी का पाठ और हवन किया जा रहा है.
साथ ही माता रानी का विशेष श्रृंगार कर झांकी भी सजाई गई है. नवरात्रों में पूर्व राज परिवार की ओर से माता रानी की पोशाक चढ़ाई जाती है और रोजाना आभूषणों का विशेष श्रृंगार किया जाता है. शिला माता मंदिर के पुजारी बनवारी लाल शर्मा ने बताया कि शिला माता मंदिर में विधिवत रूप से माता की पूजा-अर्चना की जा रही है लेकिन भक्तों का प्रवेश बंद किया गया है. पुजारी ने श्रद्धालुओं से अपील करते हुए कहा कि कोरोना के चलते माता के दर्शन बंद रहेंगे.
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कृपया श्रद्धालु माता के दर्शनों के लिए मंदिर में न आए. शिला माता मंदिर में नवरात्रा के दौरान शुरुआत से ही छठ का मेला भरता आ रहा है लेकिन कोरोना की वजह से इस बार छठ का मेला नहीं भरा गया है. वहीं 23 अक्टूबर को रात 10 बजे निशा पूजन होगी और 24 अक्टूबर को शाम 4:30 बजे पूर्णाहुति होगी. साथ ही 26 अक्टूबर को सुबह 10:30 बजे नवरात्र उत्थापना किया जाएगा.
बता दें कि हर साल नवरात्रों के दौरान शिला माता मंदिर में दूर-दूर से हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते थे. साथ ही माता का दर्शन पाने के लिए सुबह से ही भक्तों की लाइने लगी नजर आती थी लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण की वजह से धार्मिक स्थलों पर लोगों का प्रवेश बंद है. नवरात्र के दौरान शिला माता मंदिर सहित तमाम मंदिरों में इस बार भक्तों के बिना ही पुजारियों की ओर से माता की पूजा-अर्चना की जा रही है.