जयपुर. प्रदेश में अवैध बजरी खनन को रोकने के लिए अब सख्ती दिखाने की शुरुआत हो सकती है. दरअसल बजरी को लेकर बनी एंपावर्ड कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंप दी है. इस रिपोर्ट में खास बात यह है कि अगर कोई वाहन अवैध बजरी खनन करेगा तो प्रति वाहन 10 लाख का जुर्माना और 5 लाख प्रति क्यूबिक मीटर जुर्माने तक का प्रावधान उस पर लागू हो सकता है.
इसके साथ ही प्रदेश में लीगल माइनिंग शुरू करने को लेकर भी कमेटी ने अपनी सिफारिश सुप्रीम कोर्ट को दी है. इसी रिपोर्ट के आधार पर सुप्रीम कई निर्णय कर सकता है. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि मिनिस्ट्री ऑफ एनवायरमेंट 2014-16 के बीच के एनवायरमेंट क्लीयरेंस 3 महीने में जारी करें.
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दरअसल, इस कमेटी ने 3 महीने तक मारवाड़ क्षेत्र में अवैध बजरी खनन के धंधे को नदी से लेकर आमजन तक पहुंचाने तक के कामकाज को समझा. इस दौरान खान विभाग के अफसर भी इसके साथ रहे. कमेटी के सदस्यों ने माना कि राज्य सरकार और मंत्रालय के स्तर पर कमिया रही हैं. इससे बजरी खनन को लेकर विवाद बढ़ता गया और अवैध बजरी खनन इसी का नतीजा है. गौरतलब है कि प्रदेश में सुप्रीम कोर्ट के आदेश से नवंबर 2017 से प्रदेश में बजरी खनन पर रोक लगा रखी है.