जयपुर. गहलोत सरकार की ओर से पेश किए गए बजट ने कर्मचारियों की झोली भर दी है. सरकार ने पुरानी पेंशन स्कीम बहाल कर कर्मचारियों को ऐसी सौगात दी है कि वे अब सरकार का गुणगान (Employees happy with Gehlot Government Budget) करने लगे हैं. अलग-अलग बैनर तले विरोध-प्रदर्शन करने वाले कर्मचारी संगठन भी बजट घोषणा के बाद एक मंच पर आकर सीएम गहलोत को धन्यवाद दे रहे हैं और उनका पूर्ण समर्थन कर रहे हैं. हालांकि इससे भाजपा नेताओं की चिंता जरूर थोड़ी बढ़ गई है.
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट 2022-2023 में कर्मचारियों का दिल जीत लिया है. कल तक जो कर्मचारी हाथ में विरोध की तख्तियां लिए खड़े रहते थे, आज उनके स्वागत की तैयारी कर रहे हैं. कर्मचारियों की ओर से मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया जा रहा है. हो भी क्यों न बजट में 1 जनवरी 2004 के बाद नियुक्त राज्य कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन स्कीम (old Pension Scheme) बहाल करने और वित्त विभाग के 30 अक्टूबर 2017 के वेतन कटौती के आदेश को निरस्त करने सहित कर्मचारियों को लेकर हुई घोषणाओं ने कर्मचारियों के सपने हकीकत में बदल दिए हैं.
8 लाख कर्मचारी हैं साथ
अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ के अध्यक्ष आयुदान सिंह ने कहा कि गहलोत सरकार ने ओल्ड पेंशन लागू करने का फैसला ऐतिहासिक है. खुद कर्मचारियों को भी ऐसी घोषणा की उम्मीद नहीं थी. लेकिन इस ऐतिहासिक फैसले के बाद अब प्रदेश के 8 लाख कर्मचारियों ने सरकार का समर्थन शुरू कर दिया है. आयुदान ने कहा कि अब जल्द ही प्रदेश भर में सरकार के आभार के लिए विशाल रैली निकाली जाएगी.
कर्मचारियों ने की सरकार के समर्थन की बात
अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ एकीकृत के प्रदेशाध्यक्ष गजेंद्र सिंह राठौड़ ने कहा कि पुरानी पेंशन योजना लागू करने और वित्त विभाग के 30 अक्टूबर 2017 के वेतन कटौती के आदेश निरस्त करने की मांग महासंघ एकीकृत की ओर से कई वर्षों से की जा रही थी. इन मुद्दों को संगठन ने मीटिंग में भी प्राथमिकता से उठाया था. यह कर्मचारियों की ऐतिहासिक जीत है. राठौड़ ने कहा कि अब कर्मचारी प्रदेश में फिर से कांग्रेस की सरकार बने इसके लिए समर्थन में खड़े होंगे.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने पहले कार्यकाल में कर्मचारियों को लेकर काफी सख्त रवैया अपनाया था. यही वजह थी कि चुनाव के वक्त कर्मचारियों ने संकल्प के साथ कांग्रेस सरकार को उखाड़ने का फैसला लिया था, जिसके बाद गहलोत सरकार को हार का सामना करना पड़ा. दूसरे कार्यकाल में सीएम गहलोत ने कर्मचारियों को लेकर नरम रुख अपनाया और वेतन विसंगति सहित कई मांगों को पूरा भी किया, लेकिन उस वक्त भी कर्मचारी ओल्ड पेंशन स्कीम बहाली की मांग को लेकर सरकार से नाराज ही रहे. अबकी बार अपने तीसरे कार्यकाल में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कर्मचारियों की ओल्ड पेंशन स्कीम और वेतन कटौती जैसी प्रमुख मांग को पूरा करके प्रदेश के 8 लाख कर्मचारियों को अपने साथ जोड़ने की कोशिश की है.
एक मंच पर जुटने लगे कर्मचारी संगठन
गहलोत सरकार के करीबी और कर्मचारी नेता रहे आरटीडीसी के चेयरमैन धर्मेंद्र सिंह राठौड़ ने सभी कर्मचारी संगठनों को एक मंच पर लाने का काम शुरू कर दिया है. जो कर्मचारी अलग-अलग संगठनों में बंटे हुए थे अब वह बजट घोषणा के बाद एक मंच पर आ गए हैं. धर्मेंद्र सिंह राठौड़ ने कहा कि बजट में गहलोत सरकार ने ऐसी ऐतिहासिक घोषणा की है जिसके पूरा होने का सपना खुद कर्मचारी भी नहीं देख पा रहे थे. ऐसे में अब तमाम कर्मचारी संगठन गहलोत सरकार के साथ खड़े हो गए हैं. इस सरकार ने कर्मचारियों के हित में वह तमाम फैसले लिए जिनकी यह लंबे समय से मांग कर रहे थे. गहलोत सरकार कर्मचारियों की हितैषी रही है और आने वाले चुनाव में यही कर्मचारी कांग्रेस की ताकत बनकर उभरेंगे.