जयपुर. अति आवश्यक सेवाओं में शामिल बिजली से जुड़े कर्मचारियों को सरकार ने कोरोना वॉरियर्स तो माना, लेकिन कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर इन्हीं कर्मचारियों के साथ भेदभाव किया जा रहा है. आलम यह है कf गिने-चुने डिस्कॉम कार्यालय में वैक्सीनेशन के लिए स्पेशल कैंप तो लग रहे हैं, लेकिन 45 वर्ष से अधिक आयु के कर्मचारियों का टीकाकरण नहीं किया जा रहा है. इससे कर्मचारी संगठनों में रोष है.
दरअसल, कोरोना महामारी (Corona epidemic) की दूसरी लहर में अब तक 65 से अधिक बिजली कर्मचारियों की मौत हो चुकी है और हजारों कर्मचारी कोरोना संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं. विभाग ने स्वास्थ्य विभाग से बार-बार आग्रह कर बिजली कर्मचारियों के लिए स्पेशल कोरोना वैक्सीनेशन कैंप लगवाया, लेकिन इन शिविरों में 18 से 44 आयु वर्ग के कर्मचारियों को ही कोरोना का वैक्सीन लगाया जा रहा है.
जबकि प्रदेश में सरकारी क्षेत्र की पांचों बिजली कंपनियों में कार्यरत कर्मचारियों की संख्या में 30 फीसदी कर्मचारी 45 वर्ष और इससे अधिक आयु के हैं. मतलब महामारी के इस दौर में फिलहाल उन्हें इन कैंपों में वैक्सीन नहीं लगाई जाएगी. हालांकि विद्युत भवन में पहले दिन जब कैंप लगा तब 45 से अधिक आयु वर्ग के कर्मचारियों को भी वैक्सीन लगाया गया, लेकिन उसके बाद वैक्सीन की कमी का हवाला देकर बंद कर दिया.
कोरोना वैक्सीन की है कमी
प्रदेश में इन दिनों कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) की बेहद कमी है और इसका असर प्रदेश में चल रहे वैक्सीनेशन कार्यक्रम पर भी दिखने लगा है. डिस्कॉम सहित विद्युत प्रसारण निगम और विद्युत उत्पादन निगम के कार्यालय में अब तक गिने चुने ही इस प्रकार के कैंप लगे हैं. अधिकतर जिलों में बिजलीकर्मियों के लिए वैक्सीनेशन का कैंप लगना अभी बाकी है. ऐसे में जो कैंप लग रहे हैं उनमें भी सभी कर्मचारियों की वैक्सीनेशन नहीं हो पा रही है.
कर्मचारी संगठनों ने जताई नाराजगी
बिजली कंपनियों से जुड़े कर्मचारी संगठनों ने इस मामले पर नाराजगी जताई है. प्रांतीय विद्युत मंडल कर्मचारी फेडरशन के संयुक्त महामंत्री डीडी शर्मा ने कहा कि यदि सरकार अति आवश्यक सेवाओं में तैनात बिजली कर्मचारियों के साथ इस प्रकार का सौतेला व्यवहार करेगी तो फिर कर्मचारी किस प्रकार निष्ठा के साथ इस महामारी में अपनी सेवाएं दे पाएंगे.