जयपुर: प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ के अनुसार प्रदेश में गहराते बिजली संकट पर मुख्य रूप से वो गहलोत सरकार को घेरेंगे. विपक्ष सरकार के उसी कथन को दोहरा कर सदन में घेरेबंदी करेगा जिसमें सत्ता में आने के बाद प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने की बात थी.
दरअसल, सत्ता में आने से पहले कांग्रेस ने प्रदेश को बिजली के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए 24,000 मेगावाट उत्पादन क्षमता विकसित करने की बात कही थी. अब विपक्ष कह रहा है कि 15000 मेगावाट की मांग में ही सरकार और सिस्टम की सांस फूलने लगी है. राठौड़ के अनुसार आज भी 90 हजार करोड़ का ऋण डिस्कॉम पर है और 92 हजार करोड़ के घाटे से डिस्कॉम जूझ रहा है.
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इस तरह होगा घेराव
राठौड़ के अनुसार बिजली के मुद्दे के अलावा भाजपा सरकार को प्रतिदिन तर्कों के आधार पर सदन में घेरने का काम करेगी. खास तौर पर कई बिंदु ऐसे है जिनके आधार पर सरकार को घेरा जाएगा. बिजली संकट के अलावा प्रदेश में बढ़ते अपराध के आंकड़ों, कांग्रेस के जनघोषणा पत्र में किए गए 'अधूरे वादों', अवैध खनन और बजरी माफियाओं के हमलों, एमएसपी पर बाजरे की खरीद न हो पाने समेत अतिवृष्टि और आकाश जनित क्षेत्रों की अब तक गिरदावरी न करवा पाने जैसे मुद्दों पर गहलोत सरकार से जवाब तलब किया जाएगा.
9 सितंबर को भाजपा विधायक दल की बैठक बुलाने के आसार
9 सितंबर से विधानसभा का मौजूदा सत्र शुरू होगा लेकिन इस बार बीजेपी विधायक दल की बैठक संभवतः इसी दिन रखी जायेगी. हालांकि 1 दिन पहले भी मतलब 8 सितंबर को भी यह बैठक बुलाई जा सकती है, लेकिन 9 सितंबर को विधानसभा शुरू होने से ठीक पहले बैठक बुलाए जाने की संभावना ज्यादा है. इसकी वजह भी है. दरअसल, हंगामेदार सेशन के कारण 9 सितंबर के बाद 3 दिन सदन की कार्यवाही स्थगित रहने के आसार हैं. ऐसे में सोच है कि दूरदराज के विधायकों को बैठक के नाम पर 1 दिन पहले बुलाए जाने की बजाय विधानसभा सत्र शुरू होने के ठीक पहले ही बुलाया जाए.