जयपुर. प्रदेश में चल रहे बिजली के संकट में अब थोड़ी राहत मिलने की उम्मीद है. कोयले की आपूर्ति में सुधार के लिए कोयला मंत्रालय के अधिकारियों से हुई चर्चा के बाद अब प्रदेश में मिलने वाले कोयले की रैक में रविवार यानी आज से कुछ बढ़ोतरी हुई है. छत्तीसगढ़ में परसा ईस्ट व कांता भाषण कॉल ब्लॉक से मिल रहे साढ़े 7 रैक कोयला को बढ़ाकर अब 10 रैक कर दी गई है. वहीं 1 रैक कोल इंडिया ने अतिरिक्त बढ़ाया है जिससे उत्पादन में मामूली सुधार की उम्मीद है.
रविवार से कोयले की रैक में इस मामूली बढ़ोतरी से कुछ राहत मिलने की उम्मीद है. छत्तीसगढ़ में जो कॉल ब्लॉक आवंटित किया गया है, इसमें कोयले की खुदाई और परिवहन के लिए अडानी ग्रुप से अनुबंध है और अडानी ग्रुप से सहमति के बाद ही कोयले का रैक बढ़ाने पर सहमति बनी है. इसी तरह कॉल इंडिया से मिलने वाले कोयले की रैक में भी 1 रैक की बढ़ोतरी की गई है. हालांकि जो बढ़ोतरी की गई है वो मौजूदा बिजली संकट के दौर में नाकाफी है, लेकिन कुछ राहत इससे जरूर मिलेगी.
मांग और उत्पादन में 4000 मेगावाट का है अंतर
राजस्थान में बिजली की मांग और बिजली के उत्पादन में करीब 4000 मेगावाट का अंतर है जिसके चलते प्रदेश में बिजली का संकट लगातार गहराता जा रहा है. वर्तमान में राजस्थान में औसत 10268 मेगावाट बिजली की मांग है जो अधिकतम 12650 मेगा वाट तक पहुंची है, लेकिन यदि राजस्थान में बिजली का उत्पादन देखा जाए तो 8657 मेगावाट ही है. यही कारण है कि जयपुर डिस्कॉम ने आधिकारिक रूप से पॉवर कट का निर्णय तक ले लिया है. जिला मुख्यालय व नगरपालिका क्षेत्र में प्रतिदिन एक घंटा और ग्रामीण क्षेत्र में 4 घंटे तक की कटौती भी की जा रही है.