जयपुर. फ्रिज के करीब करोड़ों विद्युत उपभोक्ताओं को फ्यूल सरचार्ज के नाम पर बिजली के बिलों में एक और झटका देने की तैयारी कर ली गई है. यह झटका मौजूदा विधानसभा सत्र के बाद लगने की संभावना है. दरअसल डिस्कॉम ने फ्यूल सरचार्ज के नाम पर उपभोक्ताओं से 112 करोड़ रुपए की वसूली करने का मानस बना लिया है और डिस्कॉम के इस प्रस्ताव पर ऑडिटर की मुहर भी लग चुकी है.
आलम यह है कि मौजूदा गहलोत सरकार के कार्यकाल में अब तक उपभोक्ताओं को 35 पैसे प्रति यूनिट अतिरिक्त औसतन भार बिजली के बिलों पर आ चुका है. यह राशि तो पिछले वर्ष फरवरी में बड़ी विद्युत दर के अतिरिक्त है. यदि दोनों को जोड़ें तो सामान्य उपभोक्ताओं पर करीब डेढ़ रुपए प्रति यूनिट से ज्यादा राशि देने का भार पड़ रहा है.
यह भी पढ़ें- पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की धार्मिक यात्रा, यहां देखें पल-पल की अपडेट...
हालांकि प्रदेश के 70 लाख उपभोक्ताओं पर इसका भार नहीं पड़ेगा, जिसमें 13 लाख कृषि उपभोक्ता और 16 लाख बीपीएल श्रेणी के उपभोक्ता शामिल है. वहीं प्रतिमाह 50 यूनिट से कम खपत करने वाले 41 लाख उपभोक्ताओं पर भी इसका कोई भार नहीं पड़ेगा. इन उपभोक्ताओं के फ्यूल सरचार्ज की राशि सरकार खुद बहन करेगी क्योंकि इन्हें मिलने वाले सरकारी अनुदान का वित्तीय भार सरकार उठा रही है.
गलती डिस्कॉम की भुगते बिजली उपभोक्ता
प्रदेश की बिजली कंपनियों ने विद्युत उत्पादन करने वाली कंपनियों से महंगी दरों पर बिजली की खरीद की थी, जिसके कारण करोड़ों रुपए का आर्थिक भार डिस्कॉम पर आया. अब घाटे और वित्तीय भार की भरपाई फ्यूल सरचार्ज के रूप में बिजली उपभोक्ताओं से किया जा रहा है. डिस्कॉम के घाटे का एक बड़ा कारण छीजत भी है, उसको कम करने में डिस्कॉम नाकाम साबित रहा है.
विनियामक आयोग के आदेश
राजस्थान राज्य विद्युत विनियामक आयोग फिक्स दर के साथ वेरिएबल दर के हिसाब से बिजली की दरें तय करता है. इस दौरान आयोग बिजली कंपनियों के घाटे की दर और आर्थिक हालत को देखकर बिजली की दरें तय करता है. राजस्थान विद्युत विनियामक आयोग ने इसके लिए नियम भी तय कर रखे हैं.