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ईवीएम को लेकर चुनाव आयोग कर रहा है हठधर्मिता : महेश जोशी

ईवीएम के मुद्दे को लेकर विपक्ष एकजुट हो गया है. जहां दिल्ली में तमाम विपक्षी दलों के नेताओं ने चुनाव आयोग को ज्ञापन सौंपा है, वहीं प्रदेश में कांग्रेस नेता भी इस मुद्दे को लेकर हमलावर हो गए हैं.

महेश जोशी, सरकारी मुख्य सचेतक
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Published : May 21, 2019, 4:49 PM IST

जयपुर. चुनावी नतीजों के सामने आने से ठीक पहले विभिन्न दलों ने चुनाव आयोग और ईवीएम को लेकर सवाल खड़े करने शुरू कर दिए हैं. राजस्थान में विधानसभा के मुख्य सचेतक महेश जोशी ने कहा कि निश्चित रूप से ईवीएम पर सबको शक पैदा हो रहा है. लगातार इसकी शिकायतें भी आ रही हैं, लेकिन विश्वास बहाल करने की बजाय चुनाव आयोग हठधर्मिता अपना रहा है.

कांग्रेस ने ईवीएम पर उठाए सवाल

जोशी ने कहा कि चुनाव आयोग किसी की भी नहीं सुन रहा. शक दूर करने की बजाय चुनाव आयोग यह कह रहा है कि हम आपको ईवीएम देंगे भी नहीं और आप लोग बताओ कि इसमें कैसे छेड़छाड़ हो सकती है. अगर चुनाव आयोग राजनीतिक पार्टियों को ईवीएम दे दे और फिर पूछे कि इसमें छेड़छाड़ कैसे होती है. यह करके बताएं तो हो सकता है कि ईवीएम में गड़बड़ी की बात सामने आ भी जाए.

महेश जोशी ने आगे कहा अगर चुनाव आयोग को निष्पक्षता दिखानी है तो उसे ईवीएम को आईआईटी या तकनीकी छात्रों को और राजनीतिक दलों को देनी चाहिए, ताकि हकीकत सामने आ जाए. जोशी ने कहा कि तकनीकी चीजों में छेड़छाड़ से कोई इनकार नहीं कर सकता. ऐसे में जब सवाल खड़े हो रहे हैं तो बैलेट पत्र से चुनाव करवाने चाहिए इससे ज्यादा से ज्यादा क्या होगा, एक या दो दिन में नतीजे आएंगे. लेकिन कोई आफत तो नहीं आएगी.

उन्होंने संभावना जताई कि विधानसभा चुनाव में भी ईवीएम के साथ छेड़छाड़ हुई थी. यही कारण है कि जिस कांग्रेस को सवा सौ सीटें मिलनी चाहिए थीं वह 100 सीटों में ही सीमित रह गई. जोशी ने कहा कि साल 2014 में वह जब लोकसभा चुनाव में हारे थे तो भाजपा के प्रत्याशी ने यह बयान दिया था कि उनके 8 लाख 65 हजार वोट आएंगे और मेरे 3 लाख 25 हजार. उस समय रामचरण बोहरा के 8 लाख 63 हजार वोट आए और मुझे 3 लाख 23 हजार. ऐसे में इतनी एक्यूरेसी भाजपा के नेता के पास कैसे हो सकती है. यह भी एक बड़ा सवाल है.

जयपुर. चुनावी नतीजों के सामने आने से ठीक पहले विभिन्न दलों ने चुनाव आयोग और ईवीएम को लेकर सवाल खड़े करने शुरू कर दिए हैं. राजस्थान में विधानसभा के मुख्य सचेतक महेश जोशी ने कहा कि निश्चित रूप से ईवीएम पर सबको शक पैदा हो रहा है. लगातार इसकी शिकायतें भी आ रही हैं, लेकिन विश्वास बहाल करने की बजाय चुनाव आयोग हठधर्मिता अपना रहा है.

कांग्रेस ने ईवीएम पर उठाए सवाल

जोशी ने कहा कि चुनाव आयोग किसी की भी नहीं सुन रहा. शक दूर करने की बजाय चुनाव आयोग यह कह रहा है कि हम आपको ईवीएम देंगे भी नहीं और आप लोग बताओ कि इसमें कैसे छेड़छाड़ हो सकती है. अगर चुनाव आयोग राजनीतिक पार्टियों को ईवीएम दे दे और फिर पूछे कि इसमें छेड़छाड़ कैसे होती है. यह करके बताएं तो हो सकता है कि ईवीएम में गड़बड़ी की बात सामने आ भी जाए.

महेश जोशी ने आगे कहा अगर चुनाव आयोग को निष्पक्षता दिखानी है तो उसे ईवीएम को आईआईटी या तकनीकी छात्रों को और राजनीतिक दलों को देनी चाहिए, ताकि हकीकत सामने आ जाए. जोशी ने कहा कि तकनीकी चीजों में छेड़छाड़ से कोई इनकार नहीं कर सकता. ऐसे में जब सवाल खड़े हो रहे हैं तो बैलेट पत्र से चुनाव करवाने चाहिए इससे ज्यादा से ज्यादा क्या होगा, एक या दो दिन में नतीजे आएंगे. लेकिन कोई आफत तो नहीं आएगी.

उन्होंने संभावना जताई कि विधानसभा चुनाव में भी ईवीएम के साथ छेड़छाड़ हुई थी. यही कारण है कि जिस कांग्रेस को सवा सौ सीटें मिलनी चाहिए थीं वह 100 सीटों में ही सीमित रह गई. जोशी ने कहा कि साल 2014 में वह जब लोकसभा चुनाव में हारे थे तो भाजपा के प्रत्याशी ने यह बयान दिया था कि उनके 8 लाख 65 हजार वोट आएंगे और मेरे 3 लाख 25 हजार. उस समय रामचरण बोहरा के 8 लाख 63 हजार वोट आए और मुझे 3 लाख 23 हजार. ऐसे में इतनी एक्यूरेसी भाजपा के नेता के पास कैसे हो सकती है. यह भी एक बड़ा सवाल है.

Intro:चुनाव अयोग कर रहा है हठधर्मिता ईवीएम को लेकर शक दूर करने की वजह नहीं सुन रहा किसी की बात अगर ईवीएम सही है तो क्यों नहीं दी जा रही राजनीतिक दलों या आईआईटी के छात्रों को जो बताए कि उसमें छेड़छाड़ हो सकती है या नहीं


Body:राजस्थान में चुनावी नतीजों के इंतजार से ठीक पहले अप चुनाव आयोग और ईवीएम को लेकर सवाल खड़े होने शुरू हो गए हैं राजस्थान में विधानसभा के सचेतक महेश जोशी ने भी चुनाव आयोग पर सवाल खड़े किए हैं महेश जोशी ने कहा कि निश्चित रूप से ईवीएम पर सबको शक पैदा हो रहा है लगातार इस की शिकायतें भी आ रही है लेकिन विश्वास बहाल करने की बजाय चुनाव आयोग हर धर्मिता अपना रहा है और किसी की भी नहीं सुन रहा शक दूर करने की वजह चुनाव आयोग यह कह रहा है कि हम आपको ईवीएम देंगे भी नहीं और आप लोग बताओ कि इसमें कैसे छेड़छाड़ हो सकती है अगर चुनाव आयोग राजनीतिक पार्टियों को ईवीएम दे दे और फिर पूछे कि इसमें छेड़छाड़ कैसी होती है यह करके बताएं तो हो सकता है कि ईवीएम में गड़बड़ी की बात सामने आ भी जाए महेश जोशी ने कहा अगर चुनाव आयोग को निष्पक्षता दिखानी है तो उन्हें ईवीएम को आईआईटी या तकनीकी छात्रों को और राजनीतिक दलों को देनी चाहिए ताकि हकीकत सामने आ जाए वही महेश जोशी ने कहा की तकनीकी चीजों में छेड़छाड़ से कोई इनकार नहीं कर सकता है ऐसे में जब सवाल खड़े हो रहे हैं तो बैलेट पत्र से चुनाव करवाने चाहिए इससे ज्यादा से ज्यादा क्या होगा 1 या 2 दिन में नतीजा जाएंगे लेकिन कोई आफत नहीं आएगी महेश जोशी ने संभावना जताई कि विधानसभा चुनाव में भी ईवीएम के साथ छेड़छाड़ हुई थी यही कारण है कि जिस कांग्रेस को सवा सौ सीटें मिलनी चाहिए थी वह 100 सीटों में ही सीमित रह गई जोशी ने कहा कि साल 2014 में वह जब लोकसभा चुनाव में हारे थे तो भाजपा के प्रत्याशी ने यह बयान दिया था कि उनके 865000 वोट आएंगे और मेरे 325000 पोर्ट उस समय रामचरण बौहरा के 863000 वोट आए थे और मेरे 323000 वोट ऐसे में इतनी एक्यूरेसी भाजपा के नेता के पास कैसे हो सकती है यह भी एक बड़ा सवाल है
121 महेश जोशी मुख्य सचेतक राजस्थान विधानसभा


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