जयपुर. ये सुनकर शायद आपको हैरानी होगी कि इस उम्र में साइकिल चलाकर अपने जिले की मांग मुख्यमंत्री तक रखने के लिए इस बुजुर्ग ने 360 किलोमीटर साइकिल चलाने का कारनामा कर दिया. हालांकि, इनकी उम्र पर ना जाएं, क्योंकि ये 60 साल की उम्र तक भले ही खेती करते हों, लेकिन उसके बाद यह एथलीट बन गए और कई प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेकर राज्य और नेशनल स्तर पर भी कई पदक जीत चुके हैं. अब इनका मकसद है अपने जिले के युवाओं को नशा मुक्ति और पर्यावरण संरक्षण का मैसेज देना.
इस मैसेज को देने के लिए रघुवीर खोड़ा 16 फरवरी सुबह करीब 5:00 बजे रावतसर से साइकिल पर रवाना हुए और रात 12:00 बजे से पहले जयपुर पहुंच गए. रघुवीर सिंह ने आज बुधवार को मुख्यमंत्री आवास पहुंच कर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात करना चाही, लेकिन किस्मत को यह मंजूर नहीं था. मुख्यमंत्री अपने निवास पर थे, लेकिन अधिकारियों ने रघुवीर सिंह को उनसे मिलने नहीं दिया और गेट पर रोककर ज्ञापन लेकर उन्हें रवाना कर दिया. रघुवीर खोड़ा को थोड़ा बुरा तो लगा, लेकिन वह इसके आदी थे, क्योंकि पहले भी वह साइकिल से मुख्यमंत्री आवास तक इसी मांग को लेकर आ चुके हैं. जबकि मांग के समर्थन में कोई निर्णय सरकार की ओर से नहीं लिया गया. अब एक बार फिर वह आए तो हैं और उम्मीद भी कर रहे हैं कि 24 फरवरी को आने वाले राज्य बजट में शायद उनकी यह दरख्वास्त सुन ली जाए.
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स्थानीय जनप्रतिनिधि और संगठनों से भी मिला समर्थन...
ईटीवी भारत से खास बातचीत में रघुवीर खोड़ा बताते हैं कि रावतसर के आसपास 40 किलोमीटर तक कोई खेल मैदान नहीं है, बच्चों को और युवाओं को इसमें काफी परेशानी आती है. ना तो वह अभ्यास कर सकते हैं और ना किसी खेल प्रतियोगिता का आयोजन हो सकता है. ऐसे में स्थानीय जनप्रतिनिधियों से भी उन्होंने कई बार इस बारे में चर्चा की, साथ ही नगर पालिका के अधिकारियों और कई समाज और संस्थाओं के प्रतिनिधियों से भी उनकी लगातार इस बारे में बात होती रहती है. रघुवीर बताते हैं कि इन तमाम लोगों के समर्थन पत्र लेकर वे मुख्यमंत्री आवास पहुंचे थे जहां उन्होंने ज्ञापन सौंपा.
24 फरवरी को आएगा बजट, हो सकता है मिल जाए सौगात...
आगामी 24 फरवरी को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राजस्थान विधानसभा में प्रदेश का बजट पेश करेंगे. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और रघुवीर खोड़ा की मुलाकात तो नहीं हुई, लेकिन उनका ज्ञापन मुख्यमंत्री तक जरूर पहुंचा होगा. ऐसे में उम्मीद है कि शायद इस बुजुर्ग की मांग जो उनके क्षेत्र के युवाओं को नशा मुक्ति और पर्यावरण संरक्षण की सीख देते हैं, जरूर पूरी हो जाए.