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Vision 2050: 2050 तक की जनसंख्या को ध्यान में रखते हुए शहर में तैयार किया जा रहा रोड इंफ्रास्ट्रक्चर - विजन 2050

विजन 2050 के तहत शहर में जनसंख्या दबाव को ध्यान में रखते हुए ट्रैफिक लाइट फ्री जंक्शन तैयार करने, रोड इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने और सौंदर्यीकरण के कार्य शुरू किए (Vision 2050 development works in Jaipur) गए. इन प्रोजेक्ट्स पर 700 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे. ये काम दिसंबर 2022 तक पूरे होने थे, लेकिन कोरोना बाधा बन गया. अब इन्हें तय समय पर पूरा करने की कवायद जारी है.

Efforts to complete development works under vision 2050
2050 तक की जनसंख्या को ध्यान में रखते हुए शहर में तैयार किया जा रहा रोड इन्फ्राट्रक्चर
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Published : Apr 23, 2022, 7:34 PM IST

जयपुर. यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने 14 नवंबर, 2020 को विजन 2050 पेश किया था. जिसके तहत शहर में यातायात को सुगम बनाने और शहर के सौंदर्यीकरण की 9 परियोजनाएं लाई गईं. इनकी जिम्मेदारी जयपुर विकास प्राधिकरण को सौंपी गई. 2050 तक की जनसंख्या दबाव को ध्यान में रखते हुए ट्रैफिक लाइट फ्री जंक्शन तैयार करने, रोड इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने और सौंदर्यीकरण के कार्य शुरू किए गए. इन प्रोजेक्ट्स को जयपुर की पारम्परिक स्थापत्य कला और संस्कृति को ध्यान में रखते हुए तैयार किया जा रहा है.

सौंदर्यीकरण और ट्रैफिक सिग्नल मुक्त चौराहे/तिराहे बनाए जाने के इन प्रोजेक्ट पर 700 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे. हालांकि लक्ष्य था कि इस काम को दिसंबर 2022 तक पूरा कर लिया जाएगा, लेकिन कोरोना ने बाधा बन गया. हालांकि अब चार प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है. वहीं जेडीसी ने प्रोजेक्ट्स की समस्याओं का समाधान करते हुए, इन्हें तय समय पर पूरा करने के निर्देश दिए (Efforts to complete development works under vision 2050) हैं. राजधानी के मुख्य चौराहों और तिराहों को ट्रैफिक सिग्नल मुक्त करने के लिए जवाहर सर्किल, बी-2 बाईपास जंक्शन टोंक रोड और लक्ष्मी मंदिर तिराहा जंक्शन पर यातायात सुधारीकरण प्रोजेक्ट्स का काम चल रहा है. साथ ही सिविल लाइंस क्षेत्र में दिन में करीब 70 से 90 बार बंद होने वाले फाटक की समस्या से निजात दिलाने के लिए आरओबी का भी निर्माण किया जा रहा है.

पढ़ें: Reality Check: पूरा होता नहीं दिख रहा यूडीएच मंत्री का Vision 2022...एक भी प्रोजेक्ट पर काम शुरू नहीं हुआ

जवाहर सर्किल : जवाहर सर्किल जयपुर पर प्रतिदिन करीब 2 लाख वाहनों की आवाजाही रहती है. प्रोजेक्ट में पदयात्रियों और साइकिल सवार के लिए 3 सब-वे (प्रत्येक सब-वे में 10 दुकान का निर्माण), एयरपोर्ट रोड के सामने मॉन्यूमेन्ट का निर्माण, बाहरी परिधि पर साईकिल ट्रैक, पार्किंग और सौन्दर्यीकरण के साथ विद्युतीकरण के कार्य भी प्रस्तावित हैं. इस कार्य की अनुमानित लागत राशि 44.19 करोड़ रुपए है. ये कार्य 12 महीने में पूरा किया जाना प्रस्तावित है.

बी-2 बाईपास जंक्शन : बी-2 बाईपास जंक्शन टोंक रोड पर एक प्रमुख जंक्शन है जो कि दुर्गापुरा को सांगानेर, प्रतापनगर और सीतापुरा औद्योगिक क्षेत्र से जोड़ता है. इसके अलावा यहां होटल, वैवाहिक स्थल, व्यवसायिक क्षेत्र, हॉस्पिटल और हवाई अड्डा स्थित है. वर्तमान में इस जंक्शन पर व्यस्ततम समय में ट्रैफिक जाम की बहुत बड़ी समस्या रहती है. जिससे समय के साथ-साथ ईंधन की भी बर्बादी होती है. प्रोजेक्ट में जवाहर सर्किल से मानसरोवर की तरफ अण्डरपास, टोंक रोड पर बजरी मंडी और रामदास अग्रवाल तिराहे पर क्लोवर लीफ के निर्माण के साथ सब-वे, विद्युतीकरण और सौन्दर्यीकरण का कार्य प्रस्तावित है. इस कार्य की अनुमानित लागत 155.06 करोड़ रुपए है. ये कार्य 18 महीने में पूरा किया जाना प्रस्तावित है.

पढ़ें: जयपुर : जवाहर सर्किल होगा ट्रैफिक लाइट फ्री एरिया...एयरपोर्ट रोड के सामने बनेगा आर्च स्ट्रक्चर

लक्ष्मी मन्दिर तिराहा : वर्तमान में इस जंक्शन पर व्यस्ततम समय में ट्रैफिक जाम की बड़ी समस्या रहती है. प्रोजेक्ट में सौन्दर्यीकरण के साथ-साथ सब्जी मण्डी सड़क से टोंक रोड पर लगभग 400 मीटर लम्बाई में दो लेन अण्डरपास और दो पैदल यात्री सब-वे बनाए जाने प्रस्तावित हैं. इस कार्य की अनुमानित लागत राशि 81.25 करोड़ रुपए है. ये काम 18 महीने में पूर्ण किया जाना प्रस्तावित है. यहां जयपुर की पारम्परिक स्थापत्य कला और संस्कृति को प्रदर्शित करते हुए जनमानस में स्वतंत्रता सेनानियों की यादें बनाए रखने के लिए 8 स्वतंत्रता सेनानियों (वल्लभभाई जावेरभाई पटेल, सरोजनी नायडू, मौलाना अबुल कलाम आजाद, जवाहर लाल नेहरू, महात्मा गांधी, राजेन्द्र प्रसाद, सुभाष चन्द्र बोस, अब्दुल गफ्फार खां) की मूर्तियां लगाया जाना प्रस्तावित है. इस काम की अनुमानित लागत 3.40 करोड़ रुपए है. ये काम 8 महीने में पूरा किया जाना प्रस्तावित है.

सिविल लाईन आरओबी : मुख्यमंत्री की बजट घोषणा के अंतर्गत सिविल लाईन्स रेलवे क्रॉसिंग पर 75 करोड़ रुपए की लागत से 4 लेन आरओबी का निमार्ण करवाया जा रहा है. ये काम अक्टूबर 2022 तक पूर्ण किया जाना प्रस्तावित है. इस आरओबी का कार्य प्रगति पर है. हालांकि कोरोना की वजह से इसकी शुरुआत धीमी रही जिसे अब गति दी जा रही है. साथ ही स्थानीय लोग यहां अंडरपास बनाने की भी मांग कर रहे थे, ऐसे में कुछ विरोध भी देखने को मिला है.

पढ़ें: यूडीएच मंत्री का विजन 2022: 1000 करोड़ की 9 नई परियोजनाओं का किया मौका निरीक्षण

शनिवार को जेडीसी रवि जैन ने भी इन प्रोजेक्ट की वर्तमान स्थिति का जायजा लिया. यहां अभियांत्रिकी शाखा के अधिकारियों को चारों प्रोजेक्टस तय समय सीमा में पूरा करने के निर्देश दिए. इस दौरान उन्होंने बताया कि ओटीएस चौराहे पर यातायात सुधारीकरण की फिजीबिलेटी रिपोर्ट और डीपीआर बनाने का कार्य प्रक्रियाधीन है. चूंकि सिविल लाईन क्षेत्र वीआईपी श्रेणी में आता है, इसलिए इस आरओबी का कार्य तीव्रगति से करते हुए निर्धारित समय सीमा अक्टूबर 2022 तक पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं. इस दौरान निदेशक अभियांत्रिकी प्रथम अशोक चौधरी, निदेशक अभियांत्रिकी चतुर्थ अजय गर्ग, आर्किटेक्ट और सलाहकार अनूप भरतरिया भी मौजूद रहे.

जयपुर. यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने 14 नवंबर, 2020 को विजन 2050 पेश किया था. जिसके तहत शहर में यातायात को सुगम बनाने और शहर के सौंदर्यीकरण की 9 परियोजनाएं लाई गईं. इनकी जिम्मेदारी जयपुर विकास प्राधिकरण को सौंपी गई. 2050 तक की जनसंख्या दबाव को ध्यान में रखते हुए ट्रैफिक लाइट फ्री जंक्शन तैयार करने, रोड इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने और सौंदर्यीकरण के कार्य शुरू किए गए. इन प्रोजेक्ट्स को जयपुर की पारम्परिक स्थापत्य कला और संस्कृति को ध्यान में रखते हुए तैयार किया जा रहा है.

सौंदर्यीकरण और ट्रैफिक सिग्नल मुक्त चौराहे/तिराहे बनाए जाने के इन प्रोजेक्ट पर 700 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे. हालांकि लक्ष्य था कि इस काम को दिसंबर 2022 तक पूरा कर लिया जाएगा, लेकिन कोरोना ने बाधा बन गया. हालांकि अब चार प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है. वहीं जेडीसी ने प्रोजेक्ट्स की समस्याओं का समाधान करते हुए, इन्हें तय समय पर पूरा करने के निर्देश दिए (Efforts to complete development works under vision 2050) हैं. राजधानी के मुख्य चौराहों और तिराहों को ट्रैफिक सिग्नल मुक्त करने के लिए जवाहर सर्किल, बी-2 बाईपास जंक्शन टोंक रोड और लक्ष्मी मंदिर तिराहा जंक्शन पर यातायात सुधारीकरण प्रोजेक्ट्स का काम चल रहा है. साथ ही सिविल लाइंस क्षेत्र में दिन में करीब 70 से 90 बार बंद होने वाले फाटक की समस्या से निजात दिलाने के लिए आरओबी का भी निर्माण किया जा रहा है.

पढ़ें: Reality Check: पूरा होता नहीं दिख रहा यूडीएच मंत्री का Vision 2022...एक भी प्रोजेक्ट पर काम शुरू नहीं हुआ

जवाहर सर्किल : जवाहर सर्किल जयपुर पर प्रतिदिन करीब 2 लाख वाहनों की आवाजाही रहती है. प्रोजेक्ट में पदयात्रियों और साइकिल सवार के लिए 3 सब-वे (प्रत्येक सब-वे में 10 दुकान का निर्माण), एयरपोर्ट रोड के सामने मॉन्यूमेन्ट का निर्माण, बाहरी परिधि पर साईकिल ट्रैक, पार्किंग और सौन्दर्यीकरण के साथ विद्युतीकरण के कार्य भी प्रस्तावित हैं. इस कार्य की अनुमानित लागत राशि 44.19 करोड़ रुपए है. ये कार्य 12 महीने में पूरा किया जाना प्रस्तावित है.

बी-2 बाईपास जंक्शन : बी-2 बाईपास जंक्शन टोंक रोड पर एक प्रमुख जंक्शन है जो कि दुर्गापुरा को सांगानेर, प्रतापनगर और सीतापुरा औद्योगिक क्षेत्र से जोड़ता है. इसके अलावा यहां होटल, वैवाहिक स्थल, व्यवसायिक क्षेत्र, हॉस्पिटल और हवाई अड्डा स्थित है. वर्तमान में इस जंक्शन पर व्यस्ततम समय में ट्रैफिक जाम की बहुत बड़ी समस्या रहती है. जिससे समय के साथ-साथ ईंधन की भी बर्बादी होती है. प्रोजेक्ट में जवाहर सर्किल से मानसरोवर की तरफ अण्डरपास, टोंक रोड पर बजरी मंडी और रामदास अग्रवाल तिराहे पर क्लोवर लीफ के निर्माण के साथ सब-वे, विद्युतीकरण और सौन्दर्यीकरण का कार्य प्रस्तावित है. इस कार्य की अनुमानित लागत 155.06 करोड़ रुपए है. ये कार्य 18 महीने में पूरा किया जाना प्रस्तावित है.

पढ़ें: जयपुर : जवाहर सर्किल होगा ट्रैफिक लाइट फ्री एरिया...एयरपोर्ट रोड के सामने बनेगा आर्च स्ट्रक्चर

लक्ष्मी मन्दिर तिराहा : वर्तमान में इस जंक्शन पर व्यस्ततम समय में ट्रैफिक जाम की बड़ी समस्या रहती है. प्रोजेक्ट में सौन्दर्यीकरण के साथ-साथ सब्जी मण्डी सड़क से टोंक रोड पर लगभग 400 मीटर लम्बाई में दो लेन अण्डरपास और दो पैदल यात्री सब-वे बनाए जाने प्रस्तावित हैं. इस कार्य की अनुमानित लागत राशि 81.25 करोड़ रुपए है. ये काम 18 महीने में पूर्ण किया जाना प्रस्तावित है. यहां जयपुर की पारम्परिक स्थापत्य कला और संस्कृति को प्रदर्शित करते हुए जनमानस में स्वतंत्रता सेनानियों की यादें बनाए रखने के लिए 8 स्वतंत्रता सेनानियों (वल्लभभाई जावेरभाई पटेल, सरोजनी नायडू, मौलाना अबुल कलाम आजाद, जवाहर लाल नेहरू, महात्मा गांधी, राजेन्द्र प्रसाद, सुभाष चन्द्र बोस, अब्दुल गफ्फार खां) की मूर्तियां लगाया जाना प्रस्तावित है. इस काम की अनुमानित लागत 3.40 करोड़ रुपए है. ये काम 8 महीने में पूरा किया जाना प्रस्तावित है.

सिविल लाईन आरओबी : मुख्यमंत्री की बजट घोषणा के अंतर्गत सिविल लाईन्स रेलवे क्रॉसिंग पर 75 करोड़ रुपए की लागत से 4 लेन आरओबी का निमार्ण करवाया जा रहा है. ये काम अक्टूबर 2022 तक पूर्ण किया जाना प्रस्तावित है. इस आरओबी का कार्य प्रगति पर है. हालांकि कोरोना की वजह से इसकी शुरुआत धीमी रही जिसे अब गति दी जा रही है. साथ ही स्थानीय लोग यहां अंडरपास बनाने की भी मांग कर रहे थे, ऐसे में कुछ विरोध भी देखने को मिला है.

पढ़ें: यूडीएच मंत्री का विजन 2022: 1000 करोड़ की 9 नई परियोजनाओं का किया मौका निरीक्षण

शनिवार को जेडीसी रवि जैन ने भी इन प्रोजेक्ट की वर्तमान स्थिति का जायजा लिया. यहां अभियांत्रिकी शाखा के अधिकारियों को चारों प्रोजेक्टस तय समय सीमा में पूरा करने के निर्देश दिए. इस दौरान उन्होंने बताया कि ओटीएस चौराहे पर यातायात सुधारीकरण की फिजीबिलेटी रिपोर्ट और डीपीआर बनाने का कार्य प्रक्रियाधीन है. चूंकि सिविल लाईन क्षेत्र वीआईपी श्रेणी में आता है, इसलिए इस आरओबी का कार्य तीव्रगति से करते हुए निर्धारित समय सीमा अक्टूबर 2022 तक पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं. इस दौरान निदेशक अभियांत्रिकी प्रथम अशोक चौधरी, निदेशक अभियांत्रिकी चतुर्थ अजय गर्ग, आर्किटेक्ट और सलाहकार अनूप भरतरिया भी मौजूद रहे.

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