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पाइप लाइन से गैस आपूर्ति के लिए आधारभूत संरचना व वितरण कार्य में लगी कंपनियों की प्रभावी मॉनिटरिंग की जाएगी: अजिताभ शर्मा - पीएनजी गैस

प्रमुख शासन सचिव माइन्स एवं पेट्रोलियम अजिताभ शर्मा ने कहा है कि राज्य में पाइप लाइन के माध्यम से गैस आपूर्ति व्यवस्था के लिए आधारभूत संरचना व वितरण कार्य में लगी कंपनियों के साथ प्रभावी मॉनिटरिंग व समन्वय स्थापित किया जाएगा. इस समय राज्य के 19 जिलों में अलग-अलग कंपनियां कार्य कर रही हैं.

पीएनजी गैस,  png gas
पीएनजी से घरेलू व औद्योगिक गैस आपूर्ति और सीएनजी स्टेशनों की स्थापना में 19 जिलों में लगी अलग-अलग कंपनियों के कार्य की होगी प्रभावी मॉनिटरिंग
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Published : Jan 11, 2021, 9:05 PM IST

जयपुर. प्रमुख शासन सचिव माइन्स एवं पेट्रोलियम अजिताभ शर्मा ने कहा है कि राज्य में पाइप लाइन के माध्यम से गैस आपूर्ति व्यवस्था के लिए आधारभूत संरचना व वितरण कार्य में लगी कंपनियों के साथ प्रभावी मॉनिटरिंग व समन्वय स्थापित किया जाएगा. उन्होंने बयान जारी कर बताया कि इस समय राज्य के 19 जिलों में अलग-अलग कंपनियां कार्य कर रही हैं. राजस्थान स्टेट गैस लि. कोटा के साथ ही मध्यप्रदेश के ग्वालियर व श्योपुर में शहरी गैस वितरण नेटवर्क विकसित करने में जुटी हैं.

अजिताभ शर्मा सोमवार को सचिवालय में राजस्थान गैस लिमिटेड और गैल इण्डिया लिमिटेड गैल के अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे थे. उन्होंने बताया कि पीएनजी और सीएनजी वितरण नेटवर्क विकसित होने से लागत में कमी व निर्बाध गैस आपूर्ति संभव होने के साथ ही वायु प्रदूषण को भी कम किया जा सकेगा. प्रदेश में इस कार्य को गति देने के लिए जल्दी ही राज्य स्तर पर सभी कंपनियों की बैठक आयोजित कर उनके कार्य की प्रगति के साथ ही समय सीमा में कार्य पूरा करने पर बल दिया जाएगा.

पढे़ं: Rajasthan Bird Flu Update: 262 कौओं सहित 371 पक्षियों की मौत, कुल आंकड़ा पहुंचा 3,321

शर्मा ने बताया कि शहरों में प्राकृतिक गैस के पाइप लाइन के माध्यम से वितरण के लिए आधारभूत ढांचा तैयार करने के लिए केन्द्र सरकार के पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस नियामक बोर्ड की तरफ से प्रदेश के 19 जिलों के लिए विभिन्न कंपनियों को अधिकृत किया गया है. उन्होंने बताया कि राज्य में अजमेर, अलवर, बांसवाड़ा, बारां, बाड़मेर, भीलवाड़ा, बूंदी, चित्तौड़गढ़, धौलपुर, डूंगरपुर, जयपुर, जैसलमेर, जालोर, जोधपुर, कोटा, पाली, राजसमंद, सिरोही और उदयपुर में अलग-अलग कंपनियां कार्य कर रही हैं.

GAIL के कार्यकारी निदेशक रवि अग्रवाल ने बताया कि राज्य में करीब 600 किलोमीटर गैस लाइन पर काम चल रहा है. वहीं भिवाड़ी-नीमराणा में उद्योगों को पीएनजी-सीएनजी गैस की आपूर्ति की जा रही है. आरएसजीएल के एमडी मोहन सिंह ने बताया कि आरएसजीएल की तरफ से अलवर के नीमराणा में मदर स्टेशन से उद्योगों व वाहनों को और जयपुर के कूकस में डाॅटर बूस्टर स्टेशन स्थापित कर वाहनों को सीएनजी उपलब्ध कराई जा रही है.

मोहन सिंह ने बताया कि आरएसजीएल की तरफ से मध्यप्रदेश के ग्वालियर और श्योपुर में भी शहरी गैस वितरण व्यवस्था का नेटवर्क विकसित करने का काम जारी है. दोनों ही स्थानों पर एक-एक सीएनजी स्टेशन की स्थापना की जा चुकी है. आरएसजीएल ने कोटा शहर में युद्धस्तर पर शहरी गैस वितरण व्यवस्था पर कार्य करते हुए 7 सीएनजी स्टेशनों की स्थापना कर 14 हजार 500 घरों तक पाइप लाइन से घरेलू गैस के कनेक्शन जारी कर दिए हैं.

जयपुर. प्रमुख शासन सचिव माइन्स एवं पेट्रोलियम अजिताभ शर्मा ने कहा है कि राज्य में पाइप लाइन के माध्यम से गैस आपूर्ति व्यवस्था के लिए आधारभूत संरचना व वितरण कार्य में लगी कंपनियों के साथ प्रभावी मॉनिटरिंग व समन्वय स्थापित किया जाएगा. उन्होंने बयान जारी कर बताया कि इस समय राज्य के 19 जिलों में अलग-अलग कंपनियां कार्य कर रही हैं. राजस्थान स्टेट गैस लि. कोटा के साथ ही मध्यप्रदेश के ग्वालियर व श्योपुर में शहरी गैस वितरण नेटवर्क विकसित करने में जुटी हैं.

अजिताभ शर्मा सोमवार को सचिवालय में राजस्थान गैस लिमिटेड और गैल इण्डिया लिमिटेड गैल के अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे थे. उन्होंने बताया कि पीएनजी और सीएनजी वितरण नेटवर्क विकसित होने से लागत में कमी व निर्बाध गैस आपूर्ति संभव होने के साथ ही वायु प्रदूषण को भी कम किया जा सकेगा. प्रदेश में इस कार्य को गति देने के लिए जल्दी ही राज्य स्तर पर सभी कंपनियों की बैठक आयोजित कर उनके कार्य की प्रगति के साथ ही समय सीमा में कार्य पूरा करने पर बल दिया जाएगा.

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शर्मा ने बताया कि शहरों में प्राकृतिक गैस के पाइप लाइन के माध्यम से वितरण के लिए आधारभूत ढांचा तैयार करने के लिए केन्द्र सरकार के पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस नियामक बोर्ड की तरफ से प्रदेश के 19 जिलों के लिए विभिन्न कंपनियों को अधिकृत किया गया है. उन्होंने बताया कि राज्य में अजमेर, अलवर, बांसवाड़ा, बारां, बाड़मेर, भीलवाड़ा, बूंदी, चित्तौड़गढ़, धौलपुर, डूंगरपुर, जयपुर, जैसलमेर, जालोर, जोधपुर, कोटा, पाली, राजसमंद, सिरोही और उदयपुर में अलग-अलग कंपनियां कार्य कर रही हैं.

GAIL के कार्यकारी निदेशक रवि अग्रवाल ने बताया कि राज्य में करीब 600 किलोमीटर गैस लाइन पर काम चल रहा है. वहीं भिवाड़ी-नीमराणा में उद्योगों को पीएनजी-सीएनजी गैस की आपूर्ति की जा रही है. आरएसजीएल के एमडी मोहन सिंह ने बताया कि आरएसजीएल की तरफ से अलवर के नीमराणा में मदर स्टेशन से उद्योगों व वाहनों को और जयपुर के कूकस में डाॅटर बूस्टर स्टेशन स्थापित कर वाहनों को सीएनजी उपलब्ध कराई जा रही है.

मोहन सिंह ने बताया कि आरएसजीएल की तरफ से मध्यप्रदेश के ग्वालियर और श्योपुर में भी शहरी गैस वितरण व्यवस्था का नेटवर्क विकसित करने का काम जारी है. दोनों ही स्थानों पर एक-एक सीएनजी स्टेशन की स्थापना की जा चुकी है. आरएसजीएल ने कोटा शहर में युद्धस्तर पर शहरी गैस वितरण व्यवस्था पर कार्य करते हुए 7 सीएनजी स्टेशनों की स्थापना कर 14 हजार 500 घरों तक पाइप लाइन से घरेलू गैस के कनेक्शन जारी कर दिए हैं.

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