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राठौड़ के भ्रष्टाचार के आरोपों पर बोले शिक्षा मंत्री- वर्तमान सरकार पर नहीं वह अपने ही पुराने शिक्षा मंत्रियों पर उठा रहे सवाल

वर्जिन पल्प पेपर की खरीद पर सदन में लगे भ्रष्टाचार के आरोप उत्तर प्रदेश के शिक्षा मंत्री ने कहा, कि राजेंद्र राठौड़ नेता प्रतिपक्ष बनने के लिए हम पर नहीं बल्कि अपने पूर्व शिक्षा मंत्रियों वासुदेव देवनानी कालीचरण सराफ और गुलाबचंद कटारिया के नियमों पर ही सवाल खड़े कर रहे हैं.

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शिक्षा मंत्री गोविंद डोटासरा का नया बयान
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Published : Feb 15, 2020, 12:10 AM IST

जयपुर. राजस्थान विधानसभा में प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने राजस्थान पाठ्य पुस्तक मंडल की तरफ से खरीदे जाने वाले कागज की क्वालिटी का मुद्दा उठाया. राठौड़ ने मंडल की किताबों के लिए वर्जन पल्प का पेपर खरीदे जाने पर सवाल उठाते हुए कहा कि इस कागज की क्वालिटी और कीमत में काफी घालमेल है.

शिक्षा मंत्री गोविंद डोटासरा का नया बयान

उन्होंने कहा, कि कई राज्यों में भी साइकिल क्वालिटी का पेपर खरीदा जाता है और वह वर्जिन पल्प के मुकाबले ज्यादा सस्ता पड़ता है. शर्तों में भी आखरी बार बीजेपी सरकार के समय ही 2009 में बदलाव हुआ था, उसके बाद उन्हीं सरसों की खरीद हो रही है. ऐसे में राजेंद्र राठौड़ ने नेता प्रतिपक्ष बनने के लिए खुद को मोदी और शाह की नजर में चमकाने की यह जुगत लगाई है.

यह भी पढे़ं- पुलवामा हमले की पहली बरसी पर संयोग, शहीद रोहिताश के परिवार में जन्मा छोटा 'रोहिताश'

डोटासरा ने कहा, कि गुजरात के गौरव कारोबारियों से रिसायकल पेपर एनसीईआरटी की तरफ से भी खरीदा गया था, लेकिन उसकी क्वालिटी हल्की थी. उन्होंने पटियाला की विशाल कोटर और डीएसई पेपर जैसी फर्मों की बात करते हुए कहा इंसान स्कोर घटिया कागज सप्लाई के चलते एनसीईआरटी की तरफ से ही बैन किया गया था.

डोटासरा ने कहा कि सदन में अपने बयान से राठौड़ ने एक तीर से तीन शिकार करने की कोशिश की है. उन्होंने कहा, कि राठौड़ ने अपनी पार्टी के गुलाबचंद कटारिया वासुदेव देवनानी और काल के समय हुई करीब पर बिना कहे ही सवाल उठा दिए हैं.

जयपुर. राजस्थान विधानसभा में प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने राजस्थान पाठ्य पुस्तक मंडल की तरफ से खरीदे जाने वाले कागज की क्वालिटी का मुद्दा उठाया. राठौड़ ने मंडल की किताबों के लिए वर्जन पल्प का पेपर खरीदे जाने पर सवाल उठाते हुए कहा कि इस कागज की क्वालिटी और कीमत में काफी घालमेल है.

शिक्षा मंत्री गोविंद डोटासरा का नया बयान

उन्होंने कहा, कि कई राज्यों में भी साइकिल क्वालिटी का पेपर खरीदा जाता है और वह वर्जिन पल्प के मुकाबले ज्यादा सस्ता पड़ता है. शर्तों में भी आखरी बार बीजेपी सरकार के समय ही 2009 में बदलाव हुआ था, उसके बाद उन्हीं सरसों की खरीद हो रही है. ऐसे में राजेंद्र राठौड़ ने नेता प्रतिपक्ष बनने के लिए खुद को मोदी और शाह की नजर में चमकाने की यह जुगत लगाई है.

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डोटासरा ने कहा, कि गुजरात के गौरव कारोबारियों से रिसायकल पेपर एनसीईआरटी की तरफ से भी खरीदा गया था, लेकिन उसकी क्वालिटी हल्की थी. उन्होंने पटियाला की विशाल कोटर और डीएसई पेपर जैसी फर्मों की बात करते हुए कहा इंसान स्कोर घटिया कागज सप्लाई के चलते एनसीईआरटी की तरफ से ही बैन किया गया था.

डोटासरा ने कहा कि सदन में अपने बयान से राठौड़ ने एक तीर से तीन शिकार करने की कोशिश की है. उन्होंने कहा, कि राठौड़ ने अपनी पार्टी के गुलाबचंद कटारिया वासुदेव देवनानी और काल के समय हुई करीब पर बिना कहे ही सवाल उठा दिए हैं.

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