जयपुर. कोरोना काल में वर्तमान सत्र के लिए स्कूल शिक्षा विभाग ने स्कूली बच्चों के लिए नई गाइडलाइन जारी की है. इसके अनुसार 9वीं से 12वीं कक्षा के बच्चों को सप्ताह में एक दिन स्कूल आना होगा. इस दिन उन्हें गृह कार्य और प्रयोगशालाओं में प्रायोगिक कार्य करवाए जाएंगे. हालांकि यह व्यवस्था अनिवार्य रूप से नहीं की गई है. बल्कि, यह जिज्ञासा समाधान और मार्गदर्शन के लिए स्कूल आने की व्यवस्था बताई जा रही है. गैर सरकारी स्कूलों में भी यही पैटर्न लागू रहेगा.
जानकारी के अनुसार नए दिशा निर्देश में परीक्षा और अगली कक्षा में उन्नति का पैटर्न जारी कर पहली से 12वीं तक के विद्यार्थियों को चार समूहों में बांटा गया है. इसके अनुसार, पहली और दूसरी कक्षा के बच्चों तक संस्था प्रधान एटग्रेड कार्य पुस्तिका पहुंचाएंगे. विद्यार्थी शिक्षक और अभिभावकों की मदद से इन्हें पूरा करेंगे. इसके आधार पर ही अगली कक्षा में उन्नति की जाएगी, जबकि तीसरी से पांचवीं कक्षा के विद्यार्थियों को भी कार्य पुस्तिका दी जाएगी.
निजी स्कूल संशोधित पाठ्यक्रम तैयार करवाकर विभाग को देंगे. वार्षिक परीक्षा में 50 फीसदी अंक आंतरिक मूल्यांकन, 10 प्रतिशत मौखिक परीक्षा और 40 फीसदी अंक लिखित परीक्षा के होंगे. पांचवीं कक्षा में बोर्ड परीक्षा होगी. इसी तरह कक्षा 6 से 8 तक के विद्यार्थी आओ घर से सीखे कार्यक्रम से ही सीखेंगे. अगले साल फरवरी में बच्चों को गतिविधि आधारित कार्य पुस्तिका दी जाएंगी.
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वार्षिक परीक्षा में आंतरिक मूल्यांकन 40 फीसदी अंक का होगा, जबकि 10 फीसदी अंक मौखिक परीक्षा और 50 फीसदी अंक लिखित परीक्षा के होंगे. आठवीं की बोर्ड परीक्षा होगी. बोर्ड परीक्षाएं 15 मई के बाद और अन्य परीक्षाएं निर्धारित समय पर ही होंगी. संशोधित पाठ्यक्रम बोर्ड और आरएससीईआरटी की वेबसाइट पर उपलब्ध करवाया गया है.