जयपुर. राजस्थान भाजपा से जुड़े नेताओं के प्रत्येक जिले में होने वाले प्रवास के कार्यक्रम फिलहाल आगे खिसकते नजर आ रहे हैं. पहले कोरोना के बढ़ते संक्रमण और फिर उत्तर प्रदेश व पंजाब चुनाव के कारण यह प्रवास कार्यक्रम थम गए (UP Punjab Election Effect in Rajasthan). प्रदेश भाजपा से जुड़े नेता प्रवास पर तो हैं लेकिन अधिकतर नेता राजस्थान के जिलों में नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश और पंजाब के जिलों में प्रवास कर रहे हैं.
अमित शाह की मौजूदगी में तय हुई थी रणनीति
पिछले दिनों दिसंबर में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के राजस्थान प्रवास के दौरान यह तय किया गया था कि प्रदेश से जुड़े तमाम पदाधिकारी जिला स्तर पर प्रवास कर संगठनात्मक गतिविधियों को गति देगा. जिलों के लिहाज से बनाए गए प्रभारियों को भी यही टास्क दिया गया था. पार्टी का मकसद था साल 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर धरातल पर अभी से सक्रियता बढ़ाना. लेकिन जिलों में दौरों को लेकर इनके कार्यक्रम बनते उससे पहले प्रदेश में कोरोना का संक्रमण तेजी से बढ़ गया. फिर उत्तर प्रदेश और पंजाब विधानसभा चुनाव का ऐलान हो गया (Rajasthan BJP in UP Punjab Election). जिसके चलते प्रदेश नेताओं के अलग-अलग जिलों में प्रवास से जुड़े कार्यक्रम का रोडमैप नहीं बन पाया.
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करीब 200 नेता उत्तर प्रदेश और पंजाब चुनाव में व्यस्त
राजस्थान प्रभारी अरुण सिंह उत्तर प्रदेश से आते हैं और उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव का शंखनाद हो चुका है. उत्तर प्रदेश और पंजाब राजस्थान के सीमावर्ती राज्य हैं. लिहाजा राजस्थान से करीब 200 नेताओं को वहां अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों की जिम्मेदारी दी गई है. खुद पार्टी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया भी जल्द पंजाब और फिर उत्तर प्रदेश के दौरे पर जाएंगे. ऐसे में राजस्थान से जुड़े भाजपा नेताओं का पूरा फोकस अभी इन दोनों प्रदेशों में होने वाले विधानसभा चुनाव पर हैं. लिहाजा राजस्थान में जिला स्तर पर पार्टी नेताओं के प्रवास कार्यक्रम नहीं बन पाए हैं.
विधानसभा बजट सत्र के बाद ही बनेंगे जिलों के प्रवास
राजस्थान भाजपा से जुड़े नेता फ़िलहाल पंजाब और उत्तर प्रदेश के चुनाव में व्यस्त हैं. साथ राजस्थान विधानसभा का बजट सत्र आगामी 9 फरवरी से शुरू होने वाला है. चूंकि बजट सत्र सबसे बड़ा और लंबा चलने वाला सत्र होता है. लिहाजा माना जा रहा है कि अब राजस्थान भाजपा से जुड़े नेताओं के जिले के प्रवास कार्यक्रम राजस्थान बजट सत्र के बाद ही बन पाएंगे.