ETV Bharat / city

बांडी नदी में अनट्रिटेड कचरा डालने पर NGT ने लगाया 10 करोड़ रुपए का जुर्माना, मांगी 25 करोड़ की गारंटी

नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल (NGT) ने राजस्थान की बांडी नदी पर अनट्रिटेड कचरा डालने पर कॉमन एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट (सीईटीपी) के संचालकों पर दस करोड़ रुपये का भारी जुर्माना लगाया है.

national green tribunal, बांडी नदी में अनट्रिटेड कचरा
ngt imposes fine of rs 10 crore on cetp bandi river
author img

By

Published : Dec 19, 2019, 11:21 PM IST

नई दिल्ली: नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल (एनजीटी) ने राजस्थान में बांडी नदी पर बढ़ते और खुले में अनट्रिटेड कचरा डालने पर कॉमन एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट (सीईटीपी) के संचालकों पर दस करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है. जस्टिस एस रघुवेंद्र राठौर की अध्यक्षता वाली बेंच ने जुर्माने की ये रकम एक हफ्ते में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के को जमा करने का निर्देश दिया है.

25 करोड़ रुपये की परफॉर्मेंस गारंटी जमा करें
एनजीटी ने सीईटीपी ट्रस्ट को निर्देश दिया कि वे 25 करोड़ रुपये की परफॉर्मेंस गारंटी केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को जमा करें. एनजीटी ने राजस्थान के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी(इंडस्ट्रीज) को निर्देश दिया कि वो 31 जनवरी 2020 तक सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स के कार्यशील होने के लिए एक्शन प्लान सौंपें.

पढे़ंः रिफाइनरी को लेकर 2 बार मंत्र पढ़े गए लेकिन आज तक शुरू नहीं हो पाई: सीएम गहलोत

559 उद्योगों के सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट काम नहीं कर रहे हैं
एनजीटी ने कोर्ट कमिश्नर की रिपोर्ट पर गौर करते हुए पाया कि बांडी नदी के आसपास की 559 औद्योगिक ईकाईयां जो सीईपीटी से जुड़ी हुई हैं वे ठीक से काम नहीं कर रही हैं. जिसकी वजह से औद्योगिक कचरा बांडी नदी और कृषि भूमि में जमा हो रहा है.

उद्योगों की 31 जनवरी 2020 तक जांच करें
एनजीटी ने सीईपीटी को निर्देश दिया कि वे पाली के कलेक्टर और राजस्थान के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी(इंडस्ट्रीज) को जरुरी सूचना मुहैया कराएं जिससे एक्शन प्लान बनाने में मदद मिले.

पढ़ेंः राजस्थान की नई उद्योग नीति जारीः उद्यमियों को मिली नई सौगातें, 7 साल तक स्टेट GST पर 75 फीसदी छूट

38 में से 22 उद्योगों का दर है ठीक
सुनवाई के दौरान राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने एनजीटी को बताया कि उनके द्वारा 38 उद्योगों की जांच की गई जिसमें से 22 ठीक से काम नहीं कर रही थीं. उनके खिलाफ राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कुल 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था. एनजीटी ने राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को निर्देश दिया कि जो उद्योग कानून का पालन नहीं कर रहे हैं उनमें से प्रत्येक उद्योग पर दस-दस लाख रुपये का जुर्माना लगाएं.

राजस्थान सरकार पर लग चुका है 20 करोड़ का जुर्माना
पिछले साल मार्च में एनजीटी ने राजस्थान सरकार पर 20 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाने के अपने आदेश में संशोधन करने से इनकार कर दिया था. एनजीटी ने कहा था कि उद्योगों ने पर्यावरण को जो नुकसान पहुंचाया है उसे देखते हुए 20 करोड़ के जुर्माने की रकम ज्यादा नहीं है. एनजीटी ने पिछले 31 जनवरी को 500 टेक्सटाइल फैक्ट्रियों से निकलने वाले प्रदूषित पानी को ट्रीट करने के लिए बने कॉमन एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट (सीईटीपी) के संचालकों पर एक करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था.

पढ़ेंः क्या है जन आधार कार्ड जिसे भामाशाह की जगह लाया जाएगा, जानें हर जरूरी बात

किसानों और ग्रामीणों को हुए नुकसान के आकलन का दिया था निर्देश
एनजीटी ने विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट पर गौर करते हुए राजस्थान के कृषि विभाग को निर्देश दिया था कि वो बांडी नदी के प्रदूषित पानी से किसानों और ग्रामीणों को हुए नुकसान का आकलन करें. एनजीटी ने आसपास के कुंओं के पानी को हुए नुकसान का भी आकलन करने का निर्देश दिया था. एनजीटी ने राजस्थान के स्वास्थ्य विभाग को ग्रामीणों के स्वास्थ्य पर प्रदूषित पानी के असर का आकलन कर रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था.

नई दिल्ली: नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल (एनजीटी) ने राजस्थान में बांडी नदी पर बढ़ते और खुले में अनट्रिटेड कचरा डालने पर कॉमन एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट (सीईटीपी) के संचालकों पर दस करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है. जस्टिस एस रघुवेंद्र राठौर की अध्यक्षता वाली बेंच ने जुर्माने की ये रकम एक हफ्ते में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के को जमा करने का निर्देश दिया है.

25 करोड़ रुपये की परफॉर्मेंस गारंटी जमा करें
एनजीटी ने सीईटीपी ट्रस्ट को निर्देश दिया कि वे 25 करोड़ रुपये की परफॉर्मेंस गारंटी केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को जमा करें. एनजीटी ने राजस्थान के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी(इंडस्ट्रीज) को निर्देश दिया कि वो 31 जनवरी 2020 तक सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स के कार्यशील होने के लिए एक्शन प्लान सौंपें.

पढे़ंः रिफाइनरी को लेकर 2 बार मंत्र पढ़े गए लेकिन आज तक शुरू नहीं हो पाई: सीएम गहलोत

559 उद्योगों के सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट काम नहीं कर रहे हैं
एनजीटी ने कोर्ट कमिश्नर की रिपोर्ट पर गौर करते हुए पाया कि बांडी नदी के आसपास की 559 औद्योगिक ईकाईयां जो सीईपीटी से जुड़ी हुई हैं वे ठीक से काम नहीं कर रही हैं. जिसकी वजह से औद्योगिक कचरा बांडी नदी और कृषि भूमि में जमा हो रहा है.

उद्योगों की 31 जनवरी 2020 तक जांच करें
एनजीटी ने सीईपीटी को निर्देश दिया कि वे पाली के कलेक्टर और राजस्थान के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी(इंडस्ट्रीज) को जरुरी सूचना मुहैया कराएं जिससे एक्शन प्लान बनाने में मदद मिले.

पढ़ेंः राजस्थान की नई उद्योग नीति जारीः उद्यमियों को मिली नई सौगातें, 7 साल तक स्टेट GST पर 75 फीसदी छूट

38 में से 22 उद्योगों का दर है ठीक
सुनवाई के दौरान राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने एनजीटी को बताया कि उनके द्वारा 38 उद्योगों की जांच की गई जिसमें से 22 ठीक से काम नहीं कर रही थीं. उनके खिलाफ राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कुल 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था. एनजीटी ने राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को निर्देश दिया कि जो उद्योग कानून का पालन नहीं कर रहे हैं उनमें से प्रत्येक उद्योग पर दस-दस लाख रुपये का जुर्माना लगाएं.

राजस्थान सरकार पर लग चुका है 20 करोड़ का जुर्माना
पिछले साल मार्च में एनजीटी ने राजस्थान सरकार पर 20 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाने के अपने आदेश में संशोधन करने से इनकार कर दिया था. एनजीटी ने कहा था कि उद्योगों ने पर्यावरण को जो नुकसान पहुंचाया है उसे देखते हुए 20 करोड़ के जुर्माने की रकम ज्यादा नहीं है. एनजीटी ने पिछले 31 जनवरी को 500 टेक्सटाइल फैक्ट्रियों से निकलने वाले प्रदूषित पानी को ट्रीट करने के लिए बने कॉमन एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट (सीईटीपी) के संचालकों पर एक करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था.

पढ़ेंः क्या है जन आधार कार्ड जिसे भामाशाह की जगह लाया जाएगा, जानें हर जरूरी बात

किसानों और ग्रामीणों को हुए नुकसान के आकलन का दिया था निर्देश
एनजीटी ने विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट पर गौर करते हुए राजस्थान के कृषि विभाग को निर्देश दिया था कि वो बांडी नदी के प्रदूषित पानी से किसानों और ग्रामीणों को हुए नुकसान का आकलन करें. एनजीटी ने आसपास के कुंओं के पानी को हुए नुकसान का भी आकलन करने का निर्देश दिया था. एनजीटी ने राजस्थान के स्वास्थ्य विभाग को ग्रामीणों के स्वास्थ्य पर प्रदूषित पानी के असर का आकलन कर रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था.

Intro:नई दिल्ली। नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल (एनजीटी) ने राजस्थान में मौसमी नदी बांदी और खुले में अनट्रिटेड कचरा डालने पर कॉमन एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट (सीईटीपी) के संचालकों पर दस करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। जस्टिस एस रघुवेंद्र राठौर की अध्यक्षता वाली बेंच ने जुर्माने की ये रकम एक हफ्ते में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के यहां जमा करने का निर्देश दिया।



Body:25 करोड़ रुपये की परफॉर्मेंस गारंटी जमा करें
एनजीटी ने सीईटीपी ट्रस्ट को निर्देश दिया कि वे 25 करोड़ रुपये की परफॉर्मेंस गारंटी केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के यहां जमा करें। एनजीटी ने राजस्थान के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी(इंडस्ट्रीज) को निर्देश दिया कि वो 31 जनवरी 2020 तक सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स के कार्यशील होने के लिए एक्शन प्लान सौंपें।
559 उद्योगों के सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट काम नहीं कर रहे हैं
एनजीटी ने कोर्ट कमिश्नर की रिपोर्ट पर गौर करते हुए पाया कि बांदी नदी के आस पास की 559 औद्योगिक ईकाईयां जो सीईपीटी से जुड़ी हुई हैं वे ठीक से काम नहीं कर रही हैं जिसकी वजह से औद्योगिक कचरा बांदी नदी और कृषि भूमि में गिर रहा है।
उद्योगों की 31 जनवरी 2020 तक जांच करेंं
एनजीटी ने सीईपीटी को निर्देश दिया कि वे पाली के कलेक्टर और राजस्थान के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी(इंडस्ट्रीज) को जरुरी सूचना मुहैया कराएं ताकि एक्शन प्लान बनाने में मदद मिले। एनजीटी ने राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को निर्देश दिया कि वे 559 उद्योगों की 31 जनवरी 2020 तक जांच करें। सुनवाई के दौरान राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने एनजीटी को बताया कि उसने 38 उद्योगों की जांच की थी जिसमें 22 ठीक से काम नहीं कर रही थीं। उनके खिलाफ राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कुल 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था। एनजीटी ने राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को निर्देश दिया कि जो उद्योग कानून का पालन नहीं कर रहे हैं उनमें से प्रत्येक उद्योग पर दस-दस लाख रुपये का जुर्माना लगाएं।
राजस्थान सरकार पर लग चुका है 20 करोड़ का जुर्माना
पिछले मार्च में एनजीटी ने राजस्थान सरकार पर 20 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाने के अपने आदेश में संशोधन करने से इनकार कर दिया था। एनजीटी ने कहा था कि उद्योगों ने पर्यावरण को जो नुकसान पहुंचाया है उसे देखते हुए 20 करोड़ के जुर्माने की रकम ज्यादा नहीं है। एनजीटी ने पिछले 31 जनवरी को 500 टेक्सटाइल फैक्ट्रियों से निकलने वाले प्रदूषित पानी को ट्रीट करने के लिए बने कॉमन एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट (सीईटीपी) के संचालकों पर एक करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था।


Conclusion:किसानों और ग्रामीणों को हुए नुकसान के आकलन का दिया था निर्देश
एनजीटी ने विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट पर गौर करते हुए राजस्थान के कृषि विभाग को निर्देश दिया था कि वो बांदी नदी के प्रदूषित पानी से किसानों और ग्रामीणों को हुए नुकसान का आकलन करें। एनजीटी ने आसपास के कुंओं के पानी को हुए नुकसान का भी आकलन करने का निर्देश दिया था। एनजीटी ने राजस्थान के स्वास्थ्य विभाग को ग्रामीणों के स्वास्थ्य पर प्रदूषित पानी के असर का आकलन कर रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था।


ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.