जयपुर. प्रदेश में बर्ड फ्लू का कहर जारी है. राजधानी जयपुर में भी बर्ड फ्लू की पुष्टि हो चुकी है. ऐसे में वन विभाग की ओर से विशेष सतर्कता बरती जा रही है. जयपुर चिड़ियाघर और नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं.
राजधानी जयपुर में जल महल और रामनिवास बाग के आसपास ज्यादा कौए मर रहे हैं. रामनिवास बाग में ही चिड़ियाघर स्थित है, जिसकी वजह से यहां पर सैकड़ों पक्षियों के जीवन पर संकट मंडराने लगा है. ऐसे में जयपुर चिड़ियाघर में पक्षियों की सुरक्षा को लेकर विशेष सर्तकता बरती जा रही है. रामनिवास बाग स्थित जयपुर चिड़ियाघर में कई प्रजातियों के पक्षी है, जिनको सुरक्षित रखने के लिए विशेष सतर्कता रखी जा रही है.
सबसे ज्यादा कौओं में बर्ड फ्लू फैल रहा है और रामनिवास बाग में रोजाना मृत कौवे मिल रहे हैं, जिसकी वजह से संक्रमण का खतरा बना हुआ है. वहीं जल महल के आसपास भी रोजाना मृत कौए मिल रहे हैं. कुछ पक्षी बीमार भी मिल रहे हैं, जिनका पशु चिकित्सकों द्वारा इलाज किया जा रहा है. वहीं मृत पक्षियों को वैज्ञानिक तरीके से डिस्पोज किया जा रहा है.
वन विभाग ने चिड़ियाघर और नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं. वहीं जल महल पर भी काफी संख्या में विदेशी पक्षियों का प्रवास रहता है, ऐसे में उन पक्षियों की सुरक्षा भी महत्वपूर्ण है. वन विभाग की टीम और पशु चिकित्सकों की टीम लगातार इलाकों में निगरानी कर रही है, जहां पर भी मृत पक्षी मिलते हैं, तो तुरंत उसको डिस्पोज किया जाता है. वहीं बीमार पक्षियों का इलाज किया जा रहा है. इस बात का भी ध्यान रखा जा रहा है कि अन्य प्रवासी पक्षी या चिड़ियाघर के पक्षियों में बर्ड फ्लू का संक्रमण नहीं फैल सके.
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पक्षी प्रेमियों की मानें तो माइग्रेटरी बर्ड्स का पीक सीजन चल रहा है. जल महल पर काफी संख्या में प्रवासी पक्षी पहुंच रहे हैं. साइबेरिया, भूटान, यूरोपियन कंट्री से सैकड़ों हजारों पक्षी जल महल पर आते हैं. वन विभाग के कर्मचारियों को निर्देशित किया गया है कि कहीं पर भी कोई मृत पक्षी मिले तो तुरंत आला अधिकारियों को रिपोर्ट करें.
वरिष्ठ पशु चिकित्सक डॉ. नीरज शुक्ला ने बताया कि पशुपालन विभाग की ओर से क्यूआईटी टीम बनाई गई है, जो लगातार फील्ड में अलर्ट है. कहीं पर भी कोई पक्षी मृत्य मिलने या बीमार होने की सूचना मिलती है, तो तुरंत मौके पर पहुंचकर बीमार पक्षी का इलाज शुरू किया जाता है और मृत का निस्तारण किया जाता है. फिलहाल ज्यादातर कौओं में बर्ड फ्लू पाया जा रहा है. बर्ड फ्लू काफी खतरनाक है. यह बर्ड फ्लू पक्षी से मनुष्य में भी फैल सकता है. कहीं पर भी सूचना पर पशुपालन विभाग की टीम रोकथाम का काम करेगी.