जयपुर. 8 मार्च को महिला दिवस मनाया जाएगा. महिला दिवस पर जहां एक तरफ सरकार, महिलाओं को आगे बढ़ाने की बात कह रही है. वहीं, दूसरी ओर उत्तर पश्चिम रेलवे के जयपुर मंडल में महिलाओं के साथ भेदभाव का एक शर्मनाक मामला भी सामने आया है. इसको लेकर लगातार सवाल भी खड़े हो रहे हैं. वह भी तब जब यहां रेलवे का ऑल वुमन स्टेशन गांधीनगर है, यानी स्टेशन मास्टर और पुलिस इंस्पेक्टर तक सभी महिला कर्मी तैनात है. तीन बार से लगातार डीआरएम पद पर भी जयपुर मंडल में महिला ही तैनात है.
ताजा मामला बीते शनिवार का है, जब सुबह जयपुर जंक्शन से जाने वाली अजमेर जबलपुर दयोदय एक्सप्रेस के लोको पायलट राजेश मीणा ने ट्रैन चलाने से इसलिए मना कर दिया, क्योंकि उनके साथ सहायक लोको पायलट के रूप में एक महिला कर्मचारी को तैनात किया गया था. बता दें कि महिला कर्मचारी का नाम हैप्पी सिंह बताया जा रहा है. हैरान कर देने वाली बात यह है कि रेलवे प्रशासन ने इसके बाद हैप्पी सिंह की जगह दूसरे लोको पायलट को तैनात कर दिया. इसके बाद ट्रेन रवाना हुई.
पढ़ें: Women's Day Special: 'जब तक समाज की मानसिकता नहीं बदलेगी तब तक महिलाओं के साथ अत्याचार होता रहेगा'
ऐसे में देखने वाली बात यह भी है कि जब एक तरफ सरकार और रेल प्रशासन लगातार महिलाओं को आगे बढ़ाने की बात कह रहा है, तो दूसरी ओर रेलवे के ही जयपुर मंडल के अंतर्गत इस तरह की हरकत शर्मसार करने वाली है. मामला के संज्ञान लेने के बजाय रेलवे के अधिकारियों ने अभी तक पर किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की. जबकि, महिला कर्मचारी ने इसकी शिकायत भी लिखित में दे दी है. लेकिन, रेल प्रशासन ने किसी भी तरह की कार्रवाई भी नहीं की. इस मामले में जयपुर की डीआरएम का कहना है कि मामला मैकेनिकल विभाग से जुड़ा हुआ है. इसलिए जानकारी नहीं है. किसी पद पर महिला की नियुक्ति होती है, तो उसे काम करने से क्यों रोका जाता है. ऐसे में संबंधित मामले पर कार्रवाई भी करवाई जाएगी.