जयपुर. पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट द्रव्यवती नदी का काम आज तक पूरा नहीं हो पाया है. द्रव्यवती नदी प्रोजेक्ट का निर्माण करने वाली कंपनी टाटा प्रोजेक्ट्स को ये काम साल 2018 तक पूरा करना था. लेकिन बार-बार डेड लाइन बदलने के बावजूद आज तक काम पूरा नहीं हो पाया है. अभी भी द्रव्यवती नदी का काफी काम बाकी है तो वहीं इस लॉकडाउन में इसकी साज संभाल भी होना बंद हो गया. यही वजह है कि आज द्रव्यवती नदी में भारी मात्रा में कचरा और काई जमा हो गई है.
4 साल पहले अमानीशाह नाले को दोबारा द्रव्यवती नदी बनने का सफर आज शुरू हुआ. लेकिन ये सफर खत्म होने का नाम नहीं ले रहा. फिलहाल लॉकडाउन के चलते काम पूरी तरह ठप पड़ा है. आलम ये है कि सीवरेज के पानी को ट्रीटेड करके नदी में डालने का काम तो दूर की बात, अब नदी की स्थिति नाले से भी बदतर होती जा रही है. देखरेख के अभाव में शहर की सबसे बड़े प्रोजेक्ट की दुर्गति हो रही है.
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47 किलोमीटर लंबी इस द्रव्यवती नदी में कुल 5 एसटीपी प्लांट लगाए गए हैं. लेकिन आज तक एसटीपी प्लांट से नालों को जोड़ने का काम पूरा नहीं हो पाया है. नदी में आज भी सीवरेज का गंदा पानी आ रहा है. द्रव्यवती नदी के कई मुहाने तो ऐसे हैं, जहां भारी मात्रा में कचरा और कई जमा हो रही है. जो अब बीमारियों को भी न्योता दे रही है.
1800 करोड़ रुपए से भी ज्यादा के इस प्रोजेक्ट का काम टाटा प्रोजेक्ट्स को दिया गया था. प्रोजेक्ट के रख-रखाव का जिम्मा भी अगले 19 सालों के लिए टाटा कंपनी के पास ही है. लेकिन प्रभावी मॉनिटरिंग नहीं होने के कारण रख-रखाव तो दूर की बात, नदी फिर से नाले में तब्दील होती दिख रही है और प्रोजेक्ट की हकीकत केवल कागजों में ही सिमट कर रह गई है.